Sushant Death Case: सुशांत सिंह डेथ केस को लेकर बुधवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अपनी चार्जशीट दाखिल की है। NCB ने कहा कि रिया ने ही सुशांत को ड्रग्स दी थीं। एनसीबी की चार्जशीट में रिया के भाई शोविक सहित 35 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले की विशेष अदालत में 27 जुलाई को सुनवाई होने वाली है। इसमें यदि रिया दोषी साबित होती हैं तो उन्हें 10 साल की जेल की सजा कोर्ट सुना सकता है।
गौरतलब है कि 14 जून 2020 को सुशांत सिंह राजपूत की डेड बॉडी उनके मुंबई स्थित घर से बरामद की गई थीं। सुशांत के परिवार ने रिया और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। रिया और सुशांत रिलेशनशिप में थे और दोनों लिव इन में रहते थे।
सुशांत की मौत (Sushant Death Case) से एक सप्ताह पहले रिया सुशांत का घर छोड़कर लौट गईं थीं। आरोपों के बाद रिया चक्रवर्ती, उनके भाई सहित कई लोग जांच के घेरे में आ गए थे। इस केस में ड्रग्स की बात उजागर होने के बाद NCB ने गहन जांच शुरू की थी।
एम्स के जिन सुधीर गुप्ता ने सुशांत की मौत को आत्महत्या बताया है, उन्होंने ही कहा था कि सुशांत के गले पर जो निशान हैं, वो हैंगिंग का नहीं बल्कि स्ट्रैंग्युलेशन (गला घोंटना) का निशान है। फिर गुप्ता ने ही बाद में इसे आत्महत्या करार दे दिया।
अभी भी वो लोग जो इस केस को करीब से जानते हैं उनके मन में सवाल है कि जहां सुशांत लटका मिला, उसके बाजू में बेड था। वो स्ट्रगल करता तो बेड पर चला जाता। जब लटक रहा था तो बेड उसकी बॉडी से टच कर रहा था। ऐसे में वो मर कैसे सकता है।
यह प्रश्न सुशांत सिंह (Sushant Death Case) के परिवार की तरफ से केस लड़ रहे वकील विकास सिंह से एक अखबार ने अपनी बातचीत में उठाए थे। हालांकि मीडिया ने जब जांच कर रहे एम्स के डॉ. सुधीर गुप्ता से इस संबंध में बात की तो उन्होंने CBI जांच का हवाला देते हुए पर कुछ भी बयान देने से मना कर दिया।
सुशांत की मौत को 2 साल हो चुके हैं। देश की तीन बड़ी एजेंसी CBI, NCB और ED इस केस में इन्वॉल्व हैं, लेकिन नतीजा अभी तक सिफर है।
हाईप्रोफाइल लोगों और बॉलीवुड सेलिब्स के लिए ड्रग्स का व्यवसाय किया (Sushant Death Case)
NCB चार्जशीट में कहा है कि सभी आरोपियों ने मार्च मा से लेकर और दिसंबर 2020 के बीच (Sushant Death Case) साजिश रची, जिसमें की वे हाई सोसाइटी और बॉलीवुड में ड्रग्स का यूज और उसे सेल कर सकें। आरोपियों ने मुंबई जोन में ड्रग्स तस्करी को फाइनेंस किया। इसमें गांजा, चरस, कोकीन और अन्य नशीली वसतुओं का सेवन किया। जबकि उनके पास इसके लिए न तो कोई वैलिड परमिट था और न ही किसी तरह का कोई लाइसेंस।
सभी पर NDPS एक्ट 1985 के सेक्शन 8[c], 20[b],[ii]A, 27A, 28, 29 और 30 के तहत मामा दर्ज किया गया है। NCB ने NDPS एक्ट के तहत जो धाराएं जोड़ी हैं, इसमें इलीगल ट्रैफिकिंग और दोषियों को शरण देना, क्राइम की कोशिश करना और क्राइम कोंसपिरेसी के लिए उकसाना शामिल है।
पेडलर्स के संपर्क में था आरोपी नंबर 7 रिया का भाई शोविक
एनसीबी ने अपनी चार्जशीट (Sushant Death Case) में कहा कि सुशांत सिंह ड्रग्स मामले में आरोपी नंबर 10 रिया चक्रवर्ती ने गांजे की कई खेप आरोपी नंबर 6 सैमुअल मिरांडा, आरोपी नंबर 7 शोविक चक्रवर्ती और आरोपी नंबर 8 दीपेश सावंत और अन्य से ली थीं। ये ड्रग्स उन्होंने दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत को दी।
इसकी पेमेंट रिया ने शौविक और सुशांत के बदले में मार्च 2020 और सितंबर 2020 के मध्य की थी। यह भी कहा गया है कि रिया का भाई शोविक ड्रग पेडलर्स के कॉन्टेक्ट में था और उनसे कई बार गांजा और चरस की खेप ली।
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सीबीआई ने इस मामले (Sushant Death Case) में 6 अगस्त 2020 को केस दर्ज किया था। तब से लेकर अब तक जांच को 677 दिन हो चुके हैं, लेकिन एजेंसी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
जबकि इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात कैडर के 1994 बैच के आईपीएस मनोज शशिधर, 2004 गुजरात कैडर के आईपीएस गगनदीप गंभीर, 2007 बैच के आईपीएस नुपुर प्रसाद और एसपी अनिल यादव को सीबीआई में लगाया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI कर रहा इंन्वेस्टिगेशन
सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Death Case) में NCB ने ड्रग्स एंगल से जांचकी शुरुआत की थी और रिया चक्रवर्ती को सितंबर 2020 को अरेस्ट किया गया था। लगभग एक माह जेल में रहने के बाद रिया को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही इस मामले की जांच CBI कर रही है।
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