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देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का बूस्टर डोज फ्री मिलेगा। (Booster dose given free for the next 75 days) बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 15 जुलाई से सभी सरकारी अस्पतालों में बूस्टर या ऐहतियाती खुराक दी जा सकेगी। हालांकि, मुफ्त खुराक अगले 75 दिनों के लिए ही उपलब्ध होगी। फिलहाल देश में कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक मुफ्त है, जबकि बूस्टर खुराक का भुगतान करना पड़ता है।
वहीं वर्तमान की बात करें तो देश में मंगलवार को कोरोना के 16,107 नए मामले सामने आए हैं। यह पिछले दिन की तुलना में 5,392 अधिक है। इस दौरान मरने वालों की संख्या भी 17 से बढ़कर 45 हो गई। सक्रिय मरीजों की संख्या 131,589 है। सोमवार को यह आंकड़ा 1,30,456 था। ठीक होने वालों की संख्या 15,070 दर्ज की गई।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 15 जुलाई से अगले 75 दिनों में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक नि:शुल्क मिलेगी।
यह बूस्टर डोज 27 सितंबर तक दिया जा सकता है। यह बूस्टर डोज सरकारी केंद्रों पर उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि देश में फिलहाल 199 करोड़ वैक्सीन डोज लागू हो चुकी हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव पर मुफ्त बूस्टर की सौगात
सरकारी सूत्रों के अनुसार आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत कोविड की रोकथाम की खुराक को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अब तक 18-59 वर्ष के आयु वर्ग के 77 करोड़ की लक्षित आबादी में से 1% से भी कम को एहतियाती खुराक प्राप्त हुई है। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 160 मिलियन की आबादी वाले लगभग 26% स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को ही बूस्टर खुराक प्राप्त हुई है।
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प्रिकॉशन डोज से से बढ़ेगी शरीर की इम्यूनिटी
ICMR सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के एक शोध में पाया कि कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक के लगभग 6 महीने बाद शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम हो जाता है। जब बूस्टर खुराक दी जाती है तो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ जाती है। इसी वजह से सरकार 75 दिनों के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रही है।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले हफ्ते वैक्सीन की दूसरी और प्रिकॉशन डोज के बीच के अंतर को 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया था। टीकाकरण में तेजी लाने और बूस्टर शॉट्स को बढ़ावा देने के लिए 1 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘हर घर दस्तक अभियान 2.0’ शुरू किया गया था। दो माह का यह कार्यक्रम अभी जारी है।
पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मामले
पूरे देश में सबसे ज्यादा मामले पश्चिम बंगाल में हैं। पिछले 24 घंटे में यहां 2,659 मामले दर्ज किए गए हैं। यहां 5 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। राज्य में 25,880 एक्टिव केस हैं। ठीक हुए मरीजों की संख्या 983 है और सकारात्मकता दर 18.46% दर्ज की गई है। यानी 100 में से 18 मरीज संक्रमित हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में सोमवार को 1915 मामले सामने आए और 3 लोगों की मौत हो गई।
केरल में संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें हुईं
देश में सबसे ज्यादा मौतें केरल में होने का समाचार है। पिछले 24 घंटे में 17 संक्रमितों की जान चली गई। राज्य में 2,211 मरीज पॉजिटिव पाए गए। वहीं 3,154 लोग कोरोना से ठीक हुए। मंगावलर में पॉजिटिव दर 15.69% दर्ज की गई है।
यहां सोमवार को 2,532 नए मामले मिले। केरल में अब तक 66.77 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 65 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। राज्य में अब तक 70 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। फिलहाल यहां 24,811 मरीजों का इलाज चल रहा है।
महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 7% के करीब
पश्चिम बंगाल के बाद सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिलने के समाचार हैं। पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोरोना के 2,435 मामले सामने आए और 13 लोगों की मौत हुई। नए मामलों में सोमवार की तुलना में मंगलवार को 105 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। राज्य में सोमवार को 1,189 नए मामले दर्ज किए गए थे। एक दिन पहले एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 18 हजार थी, जो अब घटकर 17.56 हो गई है। पॉजिटिविटी दर 4.96% से बढ़कर 6.95% हो गई है।
WHO ने कहा- पैनडेमिक गया नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चीफ टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने वॉर्निंग देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोरोना के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे साफ कि वायरस खुलेआम दौड़ रहा है। टेड्रोस ने आगे कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट के आने की आशंका अब भी हुई है।