Tarun Gogoi ने रविवार को 6 घंटे तक डायलिसिस करवाया, लेकिन शरीर में फिर से टॉक्सिन्स जमा हो गए। इसके बाद, उनका शरीर ऐसी स्थिति में नहीं था कि फिर से डायलिसिस किया जा सके।
अगस्त में कोरोना होने के बाद 2 महीने अस्पताल में रहे
2 नवंबर से गोगोई अस्पताल में भर्ती थे। हालत बिगड़ने पर शनिवार को वेंटिलेटर शिफ्ट करना पड़ा। कोरोना संक्रमण का पता चलने के अगले दिन 25 अगस्त को उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। कोरोना के कारण अन्य जटिलताओं के कारण 2 महीने तक अस्पताल में रखने के बाद उन्हें 25 अक्टूबर को छुट्टी दे दी गई।
लंबे समय तक असम के सीएम रहे
Tarun Gogoi का जन्म 1 अप्रैल 1936 को हुआ था। वह 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री थे। गोगोई ने लगातार तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जिताया। उनके पास असम के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी है।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई (Tarun Gogoi) भारतीय राजनीति के एक प्रमुख और प्रभावशाली नेता थे। उनका जन्म 1 अप्रैल 1934 को असम में हुआ था। वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे और 2001 से 2016 तक लगातार 15 वर्षों तक असम के मुख्यमंत्री रहे, जो राज्य के इतिहास में सबसे लंबा कार्यकाल है।
Tarun Gogoi के नेतृत्व में असम में विद्रोह और आतंकवाद पर नियंत्रण, आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ। उन्होंने राज्य में शांति बहाल करने और विकास परियोजनाओं को गति देने में अहम भूमिका निभाई।
वे छह बार लोकसभा सांसद भी रहे और केंद्र सरकार में मंत्री के रूप में भी काम कर चुके थे। तरुण गोगोई को उनकी सरलता, मजबूत नेतृत्व क्षमता और जनता से जुड़ाव के लिए जाना जाता था। उन्हें 2007 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
25 नवंबर 2020 को उनका निधन हो गया, लेकिन वे आज भी असम की राजनीति में विकास और स्थिरता के प्रतीक के रूप में याद किए जाते हैं।
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