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कोरोना वायरस की सैकंड वेव में आए लक्षणों को लेकर नया रिसर्च हुआ है। अब नए शोध में सामने आया है कि पुरुषों की Sex Life भी कोविड-19 से प्रभावित हुई है।
स्टडी के मुताबिक, कोरोना के कारण पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता देखी जा रही है।
इसका कारण पोस्ट-कोविड स्ट्रेस, डिप्रेशन के साथ-साथ शरीर के अंदर कुछ हद तक बदलाव भी शामिल होने का पता चला है। इसे लेकर विशेषज्ञों ने कई तरह के कारण बताएं है। जानकारों की माने तो कोरोना पुरुषों की सेक्स ड्राइव को काफी हद तक प्रभावित कर रहा है।
Erectile Dysfunction क्या होता है?
पीनस में (लिंग) तीन सिलिंडर से बना होता है। शीर्ष दो सिलेंडर स्पंज जैसे फ्लैक्सिबल टिशू से भरे होते हैं। उसी समय, निचला सिलेंडर मूत्राशय से पेशाब करता है।
पुरुषों की मैगजीन मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के यूरोलॉजिस्ट डॉ. हॉवर्ड औबर्ट कहते हैं कि इसे समझने से पहले इरेक्शन की प्रक्रिया को समझना होगा।
जब कोई व्यक्ति सेक्स को लेकर उत्तेजित होता है, तो यह तंत्रिका प्रतिक्रिया और उसके द्वारा ट्रिगर होने वाली गतिविधि के कारण होता है। इस दौरान स्पंजी टिश्यू में रक्त प्रवाह होता है और वे फैल जाते हैं।
व्यवस्था ऐसी है कि खून वहीं रुक जाता है। तब व्यक्ति को इरेक्शन महसूस होता है। इसके लिए यह आवश्यक है कि तंत्रिका से पर्याप्त मात्रा में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्राव हो।
नसों को इतना खुला होना चाहिए कि उसमें से खून निकल सके। जब किसी कारण से लिंग तक रक्त नहीं पहुंच पाता है तो उसमें इरेक्शन नहीं होता और इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते हैं।
Erectile Dysfunction के क्या कारण हो सकते हैं?
विशेषज्ञों के अनुसार, Erectile Dysfunction के कई कारणों में तनाव, अवसाद और प्रदर्शन संबंधी तनाव भी शामिल हैं। लेकिन अगर रक्त प्रवाह में कोई समस्या है, तो यह इरेक्शन को प्रभावित कर सकता है।
तंत्रिका तंत्र में कोई गड़बड़ी या हार्मोन संवेदनशीलता भी इसका कारण हो सकता है।
आमतौर पर इरेक्टाइल फंक्शन का सीधा संबंध ब्लड सर्कुलेशन से होता है और इस वजह से इरेक्टाइल फंक्शन में कोई भी गड़बड़ी दिल की बीमारियों का संकेत भी हो सकती है।
कोविड-19 के कारण पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है और रक्त संचार सीधे प्रभावित होता है। लिंग को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां अवरुद्ध या संकुचित हो सकती हैं।
अगर ऐसा होता है और लिंग तक खून नहीं पहुंचेगा और फिर इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो “कोविड-19 का शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य सहित व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
यौन क्रिया और प्रजनन क्षमता भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वायरस से जुड़ी होती है। शारीरिक व्यायाम की कमी, अधिक खाना और अत्यधिक शराब भी स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं।”
भारत में भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मामले मिले
डॉक्टरों की माने तो अब Erectile Dysfunction की समस्या लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
वहीं दुनियाभर में हुए शोध से ये साबित हो चुका है कि कोरोना कहीं न कहीं इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को बढ़ा रहा है।
वैक्सीन लगने के बाद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का अब तक मामला नहीं
हालांकि वैक्सीन लगने के बाद इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालाकि चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्टस ने चिंता जरूर बढ़ाई है।
ऐसे में वैक्सीन को लेकर झूठी खबरों से पुरुष कोरोना वैक्सीन से दूरी बना रहे हैं। जबकि पुरुषों को यह समझना होगा कि ये वैक्सीन कोविड-19 के खतरनाक लक्षणों की संभावना को कम कर रही है।
ऐसे मेंं लोगों को वैक्सीन से नुकसान नहीं बल्कि फायदा ही होगा।
क्या यह क्षति स्थायी है या इसे ठीक किया जा सकता है?
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कोविड-19 महामारी फैलने के डेढ़ साल बाद भी, शोधकर्ता अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि लंबी अवधि में वायरस क्या जटिलताएं पेश कर सकता है।
रक्त के थक्कों की समस्या के साथ-साथ तंत्रिका संबंधी समस्याएं, हृदय, फेफड़े, गुर्दे को नुकसान भी साबित हुआ है। ये लक्षण कई महीनों के बाद भी दिखाई देते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 से कुछ नुकसान स्थायी हो रहे हैं, जबकि कुछ अस्थायी हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन स्थायी है या नहीं, इस पर अधिक शोध की आवश्यकता है।
यह भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कोविड-19 संक्रमण से प्रजनन क्षमता प्रभावित होगी। उम्र भी एक कारण हो सकती है। बढ़ती उम्र के साथ इरेक्टाइल डिसफंक्शन और कोविड-19 की गंभीरता दोनों का खतरा होता है।
गुड़गांव के ज्योति अस्पताल में यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. रमन तंवर का कहते हैं कई कंपनियों में अभी भी वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, जिससे कर्मचारी ज्यादा समय तक काम कर रहे हैं।
यह तनाव, चिंता, अवसाद पैदा कर रहा है और कार्डियक अटैक और प्रजनन प्रणाली से संबंधित समस्याओं का कारण बन रहा है। यह समय के साथ सुधार दिखा सकता है। ”
क्या कहता है पुरुषों के पोस्ट-कोविड सेक्सुअल लाइफ पर हुआ रिसर्च ?
मार्च 2021 में जर्नल एंड्रोलॉजी में ‘मास्क अप टू कीप इट अप’ शीर्षक से प्रकाशित एक शोध पत्र में कोविड-19 और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बीच संबंध का वर्णन किया गया है।
इटली के पुरुषों पर किए गए इस अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 के कारण कार्डियोवस्कुलर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे पुरुषों में इरेक्शन प्रभावित हो रहा है।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि संक्रमण के कई महीनों बाद भी लिंग में संक्रमण पाया गया है।
दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण शरीर की कई कोशिकाओं की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण हो सकता है।
इन अध्ययनों के परिणामों की पुष्टि करते हुए एक्सपट्स कहते हैं “कोविड -19 ने पुरुषों के स्वास्थ्य को दो तरह से प्रभावित किया है – पहला यौन स्वास्थ्य और दूसरा मानसिक स्वास्थ्य।
महामारी ने लोगों को सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी परेशान किया है। यह तनाव, अवसाद और चिंता की ओर जाता है। इसका प्रभाव पुरुषों के समग्र स्वास्थ्य, स्तंभन दोष और प्रजनन क्षमता पर दिखाई दे रहा है।”
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