किसान आंदोलन में दहशत फैलाने की साजिश! : किसानों के हत्थे चढ़ा संदिग्ध बोला- ट्रैक्टर मार्च में 4 नेताओं को गोली मारनी थी; AAP बोली- डर सच हुआ Read it later

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सरकार से 12वें राउंड की बातचीत नाकामयाब होने के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन में हिंसा की साजिश रचने का दावा किया है। किसान आंदोलन की सुरक्षा समिति ने शुक्रवार की रात सिंघु बॉर्डर से एक व्यक्ति को पकड़ा है। किसान नेता इसे मीडिया के सामने लेकर आए, जहां उसने कहा कि उसे 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च के दिन 4 किसान नेताओं को गोली मारने के निर्देश दिए गए थे।

पकड़े गए व्यक्ति ने कहा कि उसे ये निर्देश हरियाणा पुलिस के एक अफसर प्रदीप ने दिए थे। हालांकि, इस दावे पर अभी तक सरकार या हरियाणा पुलिस का कोई बयान नहीं आया है। इस व्यक्ति को अब पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

मामले पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि हमारा सबसे बुरा डर सच साबित हो रहा है। इससे समझ आता है कि वे (केंद्र सरकार) किस तरह से किसान आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं।

किसान जिसे सामने लाए, उसने कहा- जिन्हें मारना था, उनके फोटो मिले थे

पकड़े गए व्यक्ति ने कहा, ‘हमारा प्लान था कि 26 जनवरी को हम पहली लाइन पर गोली चलाएंगे। इसके बाद दिल्ली पुलिस किसानों को रोकने की कोशिश करेगी। अगर वो नहीं रुकते तो इन पर गोली चलाने का ऑर्डर है। पीछे से हमारी टीम, जिसमें हरियाणा के 8-10 लड़के हैं, वो शूट करेगी। पुलिस को ये लगेगा कि गोलियां किसानों ने चलाई हैं।’

उसने आगे कहा, ‘ट्रैक्टर रैली में गैंग के आधे लोग पुलिस की वर्दी में होंगे, जो किसानों को तितर-बितर करेंगे। इसके बाद मंच पर जो 4 लोग (किसान नेता) होंगे, उन्हें शूट करने का प्लान है। 4 लोगों की फोटो हमें दे दी गई हैं। जिसने हमें ये काम सौंपा, उसका नाम प्रदीप सिंह है, वो थाना प्रभारी (SHO) है। हमने उसे कभी थाने के आगे नहीं देखा। जब भी हमसे मिलने आता था, चेहरा कवर करके आता था। हमने उसका बैज देखा है। जिन लोगों को मारना था, उनका नाम हमें नहीं पता, उनकी फोटो हमारे पास थी।’

अमरिंदर ने कहा था- आंदोलन में खतरनाक लोग घुसपैठ कर सकते हैं

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ही केंद्र और किसानों के बीच जारी गतिरोध पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि अगर इस आंदोलन का हल जल्द नहीं निकला, तो आंदोलन में गलत और खतरनाक लोग घुसपैठ कर सकते हैं।

अमरिंदर ने कहा था कि केंद्र सरकार को इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए। पंजाब बॉर्डर से सटा प्रदेश है और यहां के 80 हजार किसान दिल्ली बॉर्डर पर 57 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो हालात खतरनाक हो सकते हैं।

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