Paris Olympics 2024: टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और कांस्य विजेता बजरंग पुनिया हरियाणा के सोनीपत में चल रहे राष्ट्रीय ट्रायल से बाहर हो गए हैं। रविवार को दो दिवसीय ट्रायल में फ्री-स्टाइल के 57 केजी भार वर्ग के सेमीफाइनल में उदित ने रवि दहिया को 10-8 से हराया। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के विरोध के कारण सुर्खियों में आए बजरंग पुनिया को फ्री-स्टाइल 65 किलोग्राम भार वर्ग में रोहित ने 9-1 से हरा दिया। सेमीफाइनल में हारने के बाद बजरंग पुनिया बिना डोप टेस्ट दिए ही स्टेडियम से चले गए।
हारते ही पुनिया बाहर गए, तीसरे-चौथे मैच के लिए नहीं रुके
सेमीफाइनल में हारने के बाद बजरंग पुनिया गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) सेंटर से चले गए. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के अधिकारियों ने पुनिया के डोप नमूने एकत्र करने की कोशिश की, लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान की प्रतियोगिता में भी नहीं रुके।
ट्रायल की तैयारी के लिए बजरंग पूनिया ने रूस में ही ट्रेनिंग ली थी। यह ट्रायल भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के ऐड हॉक पैनल की ओर से आयोजित किए जा रहे हैं। हालाकि, पूनिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहते हुए केस जीत लिया कि निलंबित WFI को ट्रायल आयोजित करने का कोई अधिकार नहीं है।
जीतने वाले पहलवान पेरिस ओलंपिक क्वालीफायर में हिस्सा लेंगे
ये ट्रायल जीतने वाले पहलवानों को पेरिस ओलंपिक क्वालीफायर में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा, यानी रवि दहिया और बजरंग पुनिया को अब पेरिस ओलंपिक का टिकट नहीं मिल पाएगा। ट्रायल भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) अकादमी, सोनीपत में आयोजित किए गए थे।
बजरंग ने बिना ट्रायल दिए एशियाई खेल खेले
पिछले साल चीन में हुए हांग्जो एशियाई खेलों के सेमीफाइनल मुकाबले में बजरंग पुनिया हार गए थे. इतना ही नहीं कांस्य पदक मुकाबले में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हराया था। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग भड़क गए, क्योंकि एशियाई खेलों में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने किसी प्रतिस्पर्धी मैच में हिस्सा नहीं लिया था।
इन खेलों के लिए बिना ट्रायल के उन्हें भारतीय टीम में शामिल करने पर उनकी आलोचना भी हुई थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में गोल्ड जीता
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में पहलवान बजरंग पुनिया ने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन किया था और भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में बजरंग पुनिया ने कनाडा के एल को हराया। मैकलीन को 9-2 से हार मिली। कॉमनवेल्थ गेम्स में यह बजरंग पुनिया का लगातार दूसरा और ओवरऑल तीसरा गोल्ड मेडल था, हालांकि गोल्ड मेडल जीतने के बाद वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं।
WFI चुनाव के कारण पद्मश्री पुरस्कार लौटाया गया
पहलवान बजरंग पुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। इस पत्र में बजरंग ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत पर विरोध जताया था।
तीन महीने पहले प्रधानमंत्री आवास में प्रवेश नहीं मिलने पर बजरंग ने अपना अवॉर्ड सामने फुटपाथ पर रख दिया था। बजरंग ने कहा, ‘महिला पहलवानों का अपमान करने के बाद मैं इस अवॉर्ड के साथ इतनी सम्मानजनक जिंदगी नहीं जी पाऊंगा, इसलिए अपना सम्मान लौटा रहा हूं। अब मैं इस अवॉर्ड के बोझ तले और नहीं जी सकता।
बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगा था
पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसे लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के नेतृत्व में आंदोलन भी हुआ था। पहलवानों ने सबसे पहले जंतर-मंतर पर धरना दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर आदेश दिया और दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया।
इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। इसी दौरान WFI के चुनाव हुए और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए. जिसके बाद बजरंग के अलावा विनेश फोगाट ने भी अपने अवॉर्ड लौटा दिए। वहीं साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है।
एशियाई क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम:
57 किग्रा अमन सहरावत
65 किग्रा सुजीत कलकल
74 किग्रा जयदीप
86 किग्रा दीपक पुनिया
97 किग्रा दीपक नेहरा
125 किग्रा सुमित मलिक।
चयन परीक्षणों के परिणाम:
पुरुषों की फ़्रीस्टाइल:
57 किग्रा: 1. अमन (हरियाणा); 2. उदित (रेलवे); 3. शुभम (हरियाणा) और रवि (दिल्ली)
61 किग्रा: 1. आकाश दहिया (सेवाएं); 2. निखिल (दिल्ली); 3. मंगल (गुजरात) और अभिषेक ढाका (यूपी)
65 किग्रा: 1. सुजीत (हरियाणा); 2. रोहित (सेवाएँ); 3. अनुज (गोवा) और विशाल कालीरमन (रेलवे)
70 किग्रा: 1. अभिमन्यु (दिल्ली); 2. शरवन (सेवाएँ); 3. नवीन (गोवा) और अंकित (हरियाणा)
74 किग्रा: 1. जयदीप (हरियाणा); 2. यश (रेलवे); 3. नवीन (सेवा) और विजय कुमार (हरियाणा)
79 किग्रा: 1. परविंदर (हरियाणा); 2. सचिन मोर (टीआरआई); 3. मोहित कुमार (दिल्ली) और सदाशिव (कर्नाटक)
86 किग्रा: 1. दीपक पुनिया (सेवाएं); 2. संदीप सिंह (पंजाब); 3. संजीत (सेवा) और दीपक (पश्चिम बंगाल)
92 किग्रा: 1. विनय (हरियाणा); 2. प्रवीण चाहर (सीजीएच); 3. विक्की (सर्विसेज) और परवीन (हरियाणा)
97 किग्रा: 1. दीपक (सेवाएं); 2. विक्की (हरियाणा); 3. करणदीप सिंह (पंजाब)
125 किग्रा: 1. सुमीत (हरियाणा); 2. अनिरुद्ध (रेलवे); 3. महेंद्र (महाराष्ट्र) और दिनेश (सेवाएं)
ग्रीको रोमन:
55 किग्रा: 1. अरुण हलाकुर्की (कर्नाटक); 2. ललित (हरियाणा); 3. संजीव (एमपी) और रोहित यादव (रेलवे)
60 किग्रा: 1. सुमीत (चंडीगढ़); 2. प्रवेश कुमार (सेवाएँ); 3. सौरभ (यूपी) और सनी कुमार (हरियाणा)
63 किग्रा: 1. उमेश (दिल्ली); 2. परवीन पाटिल (महाराष्ट्र); 3. अंकित (दिल्ली) और विनय (टीआरआई)
67 किग्रा: 1. आशू (रेलवे); 2. विनायक पाटिल (सेवाएँ); 3. दीपक (दिल्ली) और नीरज (सेवाएँ)
72 किग्रा: 1. अंकित गुलिया (सेवाएं); 2. समीर (महाराष्ट्र); 3. अजय डागर (हरियाणा)
77 किग्रा: 1. विकास (रेलवे); 2. सज्जन (रेलवे); 3. करण (गुजरात) और कुलदीप मलिक (रेलवे)
82 किग्रा: 1. रोहित दहिया (रेलवे); 2. राहुल (सर्विसेज); 3. लवप्रीत सिंह (पंजाब) और अमन कुमार (हरियाणा)
87 किग्रा: 1. सुनील कुमार (रेलवे); 2. अजय (हरियाणा); 3. रविंदर खत्री (सर्विसेज) और रोहित बूरा (एमपी)
97 किग्रा: 1. नितेश (रेलवे); 2. नरिंदर चीमा (पंजाब); 3. सोनू (हरियाणा) और विजेंदर (दिल्ली)
130 किग्रा: 1. नवीन (सेवाएं); 2. मेहर सिंह (गुजरात); 3. सोनू (दिल्ली) और हरदीप (रेलवे)।
एजेंसी इनपुट
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