टोक्यो पैरालिंपिक्स में मिला पहला मेडल: देश की भाविनाबेन पटेल ने दुनिया की नंबर वन खिालाड़ी को हरा टीटी में सिल्वर मेडल जीता Read it later

टोक्यो पैरालिंपिक्स में मिला पहला मेडल

टोक्यो पैरालिंपिक में भाविनाबेन पटेल ने रचा इतिहास रचते हुए उन्होंने टेबल टेनिस के महिला क्लास -4 कैटेगरी में भारत को पहला पदक दिलाया। फाइनल मैच में भाविना का सामना दुनिया की नंबर-1 चीनी खिलाड़ी झोउ यिंग से हुआ। यिंग ने भाविना को 11-7, 11-5 और 11-6 से हराकर गोल्ड जीता। भाविना को सिल्वर मिला। वह टेबल टेनिस में पदक जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी भी हैं।

#WATCH Friends and family members of Indian Para table tennis player Bhavina Patel in Mehsana, Gujarat, celebrate her winning the silver medal at #TokyoParalympics

Bhavina Patel won a Silver medal after losing Women’s singles class 4 final match pic.twitter.com/fnuR6jnxNu

— ANI (@ANI) August 29, 2021

इससे पहले भाविनाबेन ने सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराया था। भाविना ने लगातार तीन गेमों में 11-5, 11-6, 11-7 से सर्बिया की बोरिस्लावा रैंकोविच पेरिच को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

भाविनाबेन पटेल ने प्री-क्वार्टर फाइनल में ब्राजील की जॉयस डी ओलिवेरा को 12-10, 13-11, 11-6 से हराया। वह पैरालिंपिक में टेबल टेनिस पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।

एक साल की उम्र में पैर हो गया था लकवाग्रस्त 

एक साल की उम्र में पैर हो गया था लकवाग्रस्त


टोक्यो पैरालिंपिक में देश के लिए पहला पदक जीतने वाली देश की पहली पैरा खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल एक साल की उम्र में चलने की कोशिश में गिर गईं, उस समय उन्हें एक पैर में लकवा मार गया था, बाद में उनके दूसरे पैर में भी लकवा हो गया। लेकिन समय के साथ उन्होंने हार नहीं ​मानी बाद में कंप्यूटर सीखते हुए उन्हें टेबल टेनिस खेलने का मौका मिला।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाविनाबेन पटेल को मेडल जीतने पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि भावनाबेन पटेल ने इतिहास रच दिया है। उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक है। इनसे प्रेरणा लेकर युवा खेल के प्रति आकर्षित होंगे।

PM Modi congratulates Para-paddler Bhavina Patel on winning a Silver medal at Tokyo Paralympics

“The remarkable Bhavina Patel has scripted history! …Her life journey is motivating and will also draw more youngsters towards sports,” he says. pic.twitter.com/CDlW1KS5d7

— ANI (@ANI) August 29, 2021

अब जानिए आखिर क्लास -4 कैटेगरी क्या होती है?

क्लास -4 कैटेगरी के भीतर एथलीट बैठने का उचित संतुलन बनाए रखता है और उसके हाथ ठीक होते हैं। उनकी अक्षमता रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की समस्याओं के कारण हो सकती है या वे मस्तिष्क पक्षाघात से पीड़ित हो सकते हैं। पैरा टेबल टेनिस की क्लास 1 से 5 तक के एथलीट व्हीलचेयर पर खेलते हैं। क्लास 6 से 10 तक के खिलाड़ी खड़े होकर खेल सकते हैं।

वहीं, क्लास-11 के एथलीटों में मानसिक परेशानी होती है। व्हील चेयर स्टैंडिंग पॉजिशन के दौरान क्लास की संख्या जितनी कम होगी, उनकी शारीरिक क्षमता उतनी ही अधिक प्रभावित होगी। यानी क्लास-1 एथलीट की शारीरिक क्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।

खेल दिवस पर पदक पाकर खुशी हुई

खेल दिवस पर पदक पाकर खुशी हुई


भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा- भाविनाबेन पटेल ने रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है और वह भी राष्ट्रीय खेल दिवस पर। मेरे लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या होगी कि एक महिला खिलाड़ी ने मेडल खाता खोला है और वह महिला खिलाड़ी भी ऐसी है, जो व्हील चेयर का इस्तेमाल करती है।

पिता ने कहा- उनके आने पर हम उनका भव्य स्वागत करेंगे

बेटी की जीत पर पिता हसमुखभाई पटेल ने कहा, ”उन्होंने देश का नाम रौशन किया। वह गोल्ड मेडल नहीं लाईं, लेकिन हम सिल्वर मेडल से भी खुश हैं. उनके वापस आने पर हम उनका भव्य स्वागत करेंगे.”

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