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Maharashtra Political crisis: महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena) में बगावत पर राज्य सरकार पर संकट के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर शिवसैनिक विद्रोहियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। तो पिछले कई दिनों से बागियों पर मुखर रहे शिवसेना के स्पोक्सपर्सन और शिवसेना के अखबार सामना के संपादक संजय राउत (Sanjay raut) ने रविवार को बागी विधायकों को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे दी।
बागी विधायकों पर हमलावर राउत बोले कि बालासाहेब को धोखा देने वाला हमेशा खत्म हुआ… अब से हम तय करेंगे कि किस पर भरोसा करें और किसकी पालकी यानी अर्थी ले जाएं। इन 40 विधायकों के शव यहां मुंबई आएंगे। उन्हें सीधे पोस्टमॉर्टम के लिए मुर्दाघर भेजेंगे। उन्होंने रविवार को मुंबई में कहा कि वह इसे राजनीतिक संकट नहीं मानते।
राउत ने कहाः जब ये 40 लोग यहां से बाहर निकलेंगे…, तो वे दिल से मरे हुए होंगे। वे जानते हैं कि इस आग में क्या हो सकता है…। ये शिवसेना है…, और इसके केवल 1 पिता हैं…। फोटोः सेाशल मीडिया। |
विधायक होटल में नहीं वो बिगबॉस का घर है
संजय राउत (Sanjay raut) ने कहा कि जब मैं बागियों को देखता हूं, रैडिसन ब्लू एक होटल की तरह नजर नहीं आता वो तो बिगबॉस का घर लगता है। लोग पी रहे हैं, खा रहे हैं, खेल रहे हैं। उनमें से आधों को तो हटा दिया जाएगा … आप गुवाहाटी में कब तक छिप कर रहोगे… कभी न कभी तो आपको चौपाटी में वापस आना होगा…।
उन्होंने कहा कि जो 40 लोग हैं, वे जिंदा लाशें हैं। केवल उनके शरीर यहां मुंबई में आएंगे, वहां आत्मा उनकी आत्मा मर जाएगी। जब ये 40 लोग यहां से बाहर निकलेंगे…, तो वे दिल से मरे हुए होंगे। वे जानते हैं कि इस आग में क्या हो सकता है…। ये शिवसेना है…, और इसके केवल 1 पिता हैं…। आप एक पिता को नहीं चुरा सकते…। वे महाराष्ट्र को 3 भागों में विभाजित करना चाहते हैं…। हम ऐसा नहीं होने देंगे…।
सुरक्षा को लेकर बागी विधायकों का गुट चिंतित
राउत ने पहले भी बागी विधायकों पर कमेंट किए थे। उन्होंने कहा था कि विधायक, जब एक फ्लोर टेस्ट के लिए महाराष्ट्र वापस आएंगे, तो उनका वापस आना और घूमना मुश्किल होने वाला है। राउत के इस बयान के बाद बागी खेमे में हलचल मच गई थी।
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MVA के लोग एजेंडा के तहत विधायकों को अलग अलग तरीके से धमका रहे: शिंदे
शिंदे (Eknath shinde) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को संबोधित एक पत्र ट्वीट किया था। 16 विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है कि विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का काम है। बागी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक एजेंडा चलाया जा रहा है जिसमें एमवीए सरकार के विभिन्न नेता अपने-अपने दलों के कैडरों को हमें और डराने के लिए हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं।
शिंदे ने पत्र में लिखा कि संजय राउत ने याचिकाकर्ताओं और अन्य सदस्यों को यह कहते हुए धमकी दी कि वह उन विधायकों के लिए मुश्किल बना देंगे जो महाराष्ट्र में वापस आने वाले हैं और अभी महाराष्ट्र राज्य से घूमने के लिए चले गए हैं।
चौपाटी तो उन्हें आना ही होगा
रविवार की सुबह, श्री राउत ने एक ट्वीट के साथ जवाब दिया। शिवसेना की अयोग्यता की अपील पर 16 बागी विधायकों को नोटिस देने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल की तस्वीर के साथ उनकी पोस्ट में लिखा है, “गुवाहाटी में आप कब तक छिपके रह पाओगे? आपको चौपाटी तो लौटना ही होगा।” बाल ठाकरे खेमे ने दावा किया कि शिंदे के साथ डेरा डाले हुए कम से कम 20 विधायक कथित तौर पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। सूत्रों ने बताया है कि कुछ बागी बीजेपी में विलय के खिलाफ हैं।
उधर, एकनाथ शिंदे ने रविवार को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे से फोन पर बात की। उन्होंने राज से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। साथ ही मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी बात की। शिंदे ने एक ट्वीट में कहा कि भले ही हमें बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और बालासाहेब की शिवसेना के लिए मरना पड़े, हम इसे अपना भाग्य मानेंगे।
इधर आदित्य ठाकरे ने बताया कि एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव जी ने दिया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगी तेवर दिखाए। शायराना अंदाज में आदित्य बोले- हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो फौरन जवाब दे देते।
पार्टी की बदलती विचारधारा से परेशान बता कर शिंदे कई दर्जन विधायकों को लेकर महाराष्ट्र से बाहर चले गए हैं
दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे (Eknath shinde) ने पार्टी से बगावत कर कई दर्जन विधायकों को लेकर पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह 40 से ज्यादा विधायकों के साथ एक फाइव स्टार होटल में डेरा डाले हुए हैं।
शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों और 10 अन्य लोगों का समर्थन होने का दावा किया जाता है। शिंदे ने 24 जून की रात वडोदरा में अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने और बीजेपी नेताओं ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की है। हालांकि, देर रात एक गुप्त मुलाकात के बाद शिंदे एक विशेष विमान से गुवाहाटी लौट आए।
उद्धव के मनाने की कोशिशें नाकाम हुई
उधर, शिवसेना नेताओं ने पहले तो शिंदे को मनाने की कोशिश की, लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी बखेड़ा बीच में आ गया है। पहले शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सभी बागियों को वापस आकर फैसला लेने की पेशकश की थी।
उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि यदि एनसीपी और कांग्रेस के बागी गुट चाहते हैं कि गठबंधन टूट जाए तो विधायक आएं और उनके निर्देश के मुताबिक ही आगे की रणनीति बनेगी। लेकिन तमाम प्रस्तावों को दरकिनार करते हुए जब बागी धड़े ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर मंथन शुरू किया तो उद्धव धड़ा भी आक्रोशित हो उठा।
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