Ramesh Bidhuri के बयान से गरमाया दिल्ली चुनाव Read it later

नेता रमेश बिभाजपा धूड़ी (Ramesh Bidhuri) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कालकाजी से मुख्यमंत्री आतिशी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

बिधूड़ी ने रैली में दिया बयान

रमेश बिधूड़ी ने रविवार को रोहिणी में भाजपा की परिवर्तन रैली में अपने विवादित बयान दिए। यह रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा, “आतिशी ने अपना बाप बदल लिया है। वे मार्लेना से सिंह बन गई हैं।” इसके अलावा, प्रियंका गांधी को लेकर उन्होंने कहा, “मैं कालकाजी की सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसा बना दूंगा।”

AAP और कांग्रेस ने जताया विरोध

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने X (पहले ट्विटर) पर बिधूड़ी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भाजपा के नेता बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके हैं। दिल्ली की जनता महिला मुख्यमंत्री का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी।”

कांग्रेस के पवन खेड़ा ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए रमेश बिधूड़ी को “घटिया मानसिकता” का प्रतीक बताया।

माफी मांगने के बावजूद विवाद जारी

बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी पर दिए बयान पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मेरे बयान का संदर्भ लालू यादव के बयान से था। अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।”

रमेश बिधूड़ी: विवादों से जुड़ा नाम

यह पहली बार नहीं है जब बिधूड़ी विवादों में आए हैं। सितंबर 2023 में संसद के स्पेशल सेशन के दौरान उन्होंने बसपा सांसद दानिश अली पर अभद्र टिप्पणी की थी। इस घटना पर भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

 

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चुनावी मैदान में बिधूड़ी

भाजपा ने कालकाजी से मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से अलका लांबा को उम्मीदवार बनाया है।

पार्टी की रणनीति और उम्मीदवार सूची

भाजपा ने अपनी पहली सूची में 29 उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से 13 को दोबारा टिकट दिया गया है।

प्रधानमंत्री की तारीफ और आतिशी पर निशाना

भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने दिल्ली में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की तारीफ की और मुख्यमंत्री आतिशी को निशाने पर लेते हुए विवादित टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री की गरीबों के लिए की गई पहल का जिक्र करते हुए कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। वहीं, दिल्ली में 80 लाख लोगों को मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है ताकि कोरोना महामारी के बाद कोई भी भूखा न सोए।

देश का अपमान करने का आरोप

बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री आतिशी पर आरोप लगाया कि वह विदेश जाकर भारत की बदनामी करती हैं। उन्होंने कहा, “आतिशी ने विदेश में कहा कि भारत में 25 करोड़ लोग भूखे सोते हैं। यह बयान देश का अपमान है।”

भाजपा नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह इसे गंभीरता से लें और अपने इलाके में 50 परिवारों को भाजपा के पक्ष में वोट दिलाने का संकल्प लें।

आतिशी के नाम को लेकर टिप्पणी

रमेश बिधूड़ी ने आतिशी के नाम को लेकर कहा कि उन्होंने अपने नाम से ‘मार्लिना’ शब्द हटा दिया है। उन्होंने इस पर तंज कसते हुए कहा, “आतिशी के माता-पिता वामपंथी विचारधारा से प्रेरित थे। इसी कारण उन्होंने उनकी पहचान ‘मार्लिना’ शब्द के जरिए बनाई थी, जो कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के नाम से प्रेरित है। लेकिन अब, अपनी राजनीतिक छवि सुधारने के लिए उन्होंने अपने नाम से ‘मार्लिना’ हटा लिया।”

आतिशी का नाम बदलने की कहानी आखिर क्‍या है?

आतिशी के माता-पिता तृप्ता वाही और विजय सिंह, दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे और वामपंथी विचारधारा से गहराई से प्रभावित थे। इसी वजह से उन्होंने अपनी बेटी के नाम के साथ “मार्लिना” जोड़ा, जो वामपंथी विचारकों कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के नामों से लिया गया है।

हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आतिशी को उनकी कम्युनिस्ट विचारधारा के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। तब उन्होंने अपने नाम से ‘मार्लिना’ शब्द को हटा दिया और खुद को केवल “आतिशी” के रूप में पेश किया।

प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं का जिक्र

रैली में बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना के दौरान यह सुनिश्चित किया कि देश का कोई भी नागरिक भूखा न सोए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं, जिसमें दिल्ली के 80 लाख लोग भी शामिल हैं। यह इस सरकार का कमाल है कि भारत ने कोरोना के बाद इतनी बड़ी आबादी का ख्याल रखा।”

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद

आतिशी के नाम और उनकी विचारधारा पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। AAP और कांग्रेस दोनों ने इस बयान की आलोचना की है। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रमेश बिधूड़ी के बयान को महिला विरोधी करार देते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

वहीं, रमेश बिधूड़ी ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने केवल सच को उजागर किया है। उन्होंने कहा, “अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, लेकिन यह सवाल कांग्रेस और आप नेताओं से भी पूछा जाना चाहिए जो भारत की छवि खराब करने वाले बयान देते हैं।”

‘मार्लिना’ शब्द का महत्व और आलोचना

मार्लिना शब्द, जो कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन के नामों से प्रेरित है, आतिशी के नाम का हिस्सा था। इसे हटाने के फैसले पर भाजपा अक्सर हमला करती रही है। पार्टी के नेता इसे अवसरवाद और विचारधारा बदलने का प्रतीक मानते हैं।

भविष्य के चुनावी प्रभाव

भाजपा ने आतिशी के खिलाफ कालकाजी सीट से रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है। यह सीट अब हाई-वोल्टेज चुनावी लड़ाई का केंद्र बन गई है। आतिशी जहां अपने काम और नीतियों के दम पर चुनाव लड़ रही हैं, वहीं भाजपा उनके नाम और विचारधारा को लेकर सवाल उठा रही है।

निष्कर्ष

रमेश बिधूड़ी के बयान ने एक बार फिर चुनावी सियासत को गरमा दिया है। उनके बयान ने न केवल आतिशी के व्यक्तिगत इतिहास को विवादों में ला खड़ा किया है, बल्कि भाजपा और आप के बीच की चुनावी खाई को और गहरा कर दिया है।

 

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