Mallikarjun Kharge Statement को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उनका नाम Mallikarjun एक पवित्र ज्योतिर्लिंग का नाम है। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू हूं, मेरा नाम मल्लिकार्जुन है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से मैं भी एक पवित्र ज्योतिर्लिंग हूं। मेरे पिता ने मेरा यह नाम रखा है।”
खरगे के इस बयान की कार्यकर्ताओं ने ताली बजाकर सराहना की, लेकिन सोशल मीडिया पर viral controversy बनने के बाद भाजपा ने इसे आस्था का अपमान करार दिया है।
भाजपा का पलटवार: कांग्रेस पर हिंदू विरोधी मानसिकता का आरोप
भाजपा प्रवक्ता Shehzad Poonawalla ने खरगे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे Hindu Faith Insult बताया और कहा,
“यह कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत है कि वह Hindu Sentiments का अपमान करती है। भगवान शिव के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी तुलना महादेव से की है।”
पूनावाला ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस किसी और धर्म पर ऐसी टिप्पणी कर सकती है? उन्होंने कहा, “नाम अगर शिव से प्रेरित है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप भगवान हो गए। Jyotirlingas हिंदुओं के लिए पवित्र आस्था का केंद्र हैं। खरगे को इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।”
कांग्रेस का बचाव: Mallikarjun Kharge के बयान को गलत संदर्भ में लिया गया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि Kharge’s Statement Misinterpreted किया गया है। पार्टी के अनुसार, खरगे का बयान उनके नाम की व्याख्या तक सीमित था और इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था।
हालांकि, कांग्रेस की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है, और मल्लिकार्जुन खरगे की सफाई का इंतजार किया जा रहा है।
ज्योतिर्लिंग का महत्व और विवाद का पृष्ठभूमि
Jyotirlingas हिंदू धर्म में भगवान शिव के 12 पवित्र प्रतीकों में से एक हैं।
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के श्रीशैलम में स्थित है।
- यह शिव भक्तों के लिए विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
धार्मिक जानकारों का कहना है कि Comparing Human to Jyotirlingas से भावनाएं आहत हो सकती हैं।
राजनीतिक बयानबाजी तेज: BJP vs Congress
- भाजपा ने कहा कि यह बयान कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
- Hindu Faith Insult Debate को भुनाते हुए भाजपा इस मुद्दे को आगामी चुनावों में उठाने की तैयारी में है।
- कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि भाजपा इस बयान को “अनावश्यक रूप से तूल” दे रही है।
पिछले विवादों का संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस को Hindu Insult Allegations का सामना करना पड़ा है।
- Ram Setu Controversy: कांग्रेस पर भगवान राम के अस्तित्व को नकारने का आरोप लगा था।
- भाजपा ने इसे हिंदुत्व विरोधी मानसिकता के रूप में प्रचारित किया।
यह विवाद उसी श्रेणी में आता है और भाजपा इसे आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना रही है।
सोशल मीडिया पर हंगामा
बयान के बाद #MallikarjunKharge और #JyotirlingaControversy ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे।
- भाजपा समर्थकों ने इसे “Hindu Faith Disrespect” बताया।
- कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि यह “Political Gimmick” है।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी 2024 Lok Sabha Elections में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
धार्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि किसी व्यक्ति का नाम पवित्र हो सकता है, लेकिन उसकी तुलना Holy Symbols से करना विवादास्पद हो सकता है।
भविष्य की राजनीति पर असर
- भाजपा इस मुद्दे को Hindutva Narrative के तहत भुनाने की कोशिश कर रही है।
- कांग्रेस को इस विवाद से निपटने के लिए उचित रणनीति बनानी होगी।
मामले पर जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर जनता की मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
- कुछ ने इसे “Religious Sentiment Manipulation” बताया।
- अन्य ने इसे कांग्रेस की एक सामान्य गलती करार दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर विभिन्न नेताओं और राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भाजपा के प्रवक्ताओं से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं तक, इस मुद्दे ने राजनीतिक गलियारों में गर्मा-गर्म बहस छेड़ दी है।
“कांग्रेस पार्टी हमेशा से हिंदुत्व विरोधी रही है। मल्लिकार्जुन खरगे का बयान उसी मानसिकता का प्रमाण है। भगवान शिव की तुलना खुद से करना उनके अहंकार को दिखाता है। यह बयान भारतीय संस्कृति और धर्म के खिलाफ है।” गिरीराज सिंह (भाजपा सांसद)
“क्या कांग्रेस पार्टी सिर्फ हिंदू धर्म को निशाना बनाने के लिए काम करती है? क्या कांग्रेस के नेता किसी अन्य धर्म पर ऐसा बयान दे सकते हैं? यह बयान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए दिया गया है, जो उनकी असली सोच को दिखाता है।” अनुराग ठाकुर (केंद्रीय मंत्री)
“मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने नाम का धार्मिक महत्व समझाने की कोशिश की। भाजपा इसे गलत संदर्भ में लेकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है। हमें गर्व है कि हमारे नेता धार्मिकता और संस्कृति का सम्मान करते हैं।” रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस नेता)
“भाजपा इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। मल्लिकार्जुन खरगे जी ने अपने नाम के महत्व को स्पष्ट किया था। इसका उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं था। भाजपा जानबूझकर इस मुद्दे को उछाल रही है।” जयराम रमेश (कांग्रेस महासचिव)
“खरगे ने जो कहा, वह गलत संदर्भ में लिया जा रहा है। भाजपा हमेशा धर्म के नाम पर राजनीति करती है। यह एक बड़ा मुद्दा नहीं है, लेकिन भाजपा इसे चुनावी लाभ के लिए बड़ा बना रही है।” संजय राउत (शिवसेना उद्धव गुट)
“यह बयान किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला नहीं है। हालांकि, भाजपा इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। देश को असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि इस तरह के विवादों पर।” असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख)
धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया
“ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र प्रतीक हैं। किसी भी व्यक्ति को उनकी तुलना खुद से नहीं करनी चाहिए। यह धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। खरगे को इस पर सफाई देनी चाहिए।” स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (धर्मगुरु)
“यह एक गहरी साजिश है। कांग्रेस हिंदू धर्म को निशाना बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। भगवान शिव की तुलना करना बेहद आपत्तिजनक है। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।” साध्वी प्रज्ञा (भाजपा सांसद)
यह मामला न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी गर्मा चुका है। भाजपा ने इसे हिंदुत्व और आस्था का मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है, जबकि कांग्रेस इसे गलत व्याख्या का नतीजा बता रही है। अन्य दलों और धार्मिक नेताओं ने भी अपनी राय व्यक्त की है, जिससे यह विवाद और भी व्यापक हो गया है।
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