राजस्थान में गहलोत की नई कैबिनेट को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं और पार्टी से ही विरोध के स्वर उठन लगे हैं। ताजा उदाहरण अलवर के रामगढ़-लक्ष्मणगढ़ से वरिष्ठ विधायक जौहरी लाल मीणा का है, वे अलवर ग्रामीण सीट से कैबिनेट मंत्री बनाए गए टीकाराम जूली के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।
जूली का परिवार रंगदारी में सलिप्त और उसे ही मंत्री बनाकर और ताकत दे दी
जौहरी लाल मीणा ने टीकाराम जूली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाना अलवर के लिए काला दिन बताया। जौहरी लाल ने कहा है कि हमें पार्टी और नेता से कोई नाराजगी नहीं है। मंत्री से मायूस हमारे जिले अलवर में सभी जानते हैं कि टीकाराम जूली एक भ्रष्ट व्यक्ति है और उसका परिवार रंगदारी में संलिप्त है। लोग परेशान हैं, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।
हटाने की मांग की थी, लेकिन उल्टा मंत्री बना डाला
मैंने पार्टी नेतृत्व से उन्हें हटाने के लिए कहा, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। मैं उनके खिलाफ हूं। इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा।
वहीं टीकाराम जूली ने जौहरीलाल के आरोपों को निराधार बताते हुए सबूत पेश करने को कहा है। टीकाराम ने कहा कि अगर कोई गलत काम नहीं करने वाले के खिलाफ ऐसी बातें होती हैं तो उनका दिल दुखाने वाला होता है।
मैं जन्मजात कांग्रेसी रहा हूं, टीकाराम तो भाजपा के मंच से आए हैं
जौहरी लाल मीणा ने कहा कि मैं कांग्रेस का भक्त और जन्मजात कांग्रेसी हूं। जबकि भाजपा के मंच से टीकाराम जूली कांग्रेस में आए हैं। मंत्री टीकाराम जूली ने अच्छा काम नहीं किया है। तमाम विधायकों और जनता ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के नारे लगाए हैं। नेता जो करना चाहता है वह करता है,
लेकिन हमारा काम गलत व्यक्ति के खिलाफ बोलना है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले कांग्रेस सरकार के खिलाफ जो कैंप लगाया गया था। उसमें भी मैं कांग्रेस के साथ था। मैं पहला व्यक्ति हूं जो अशोक गहलोत के साथ बैठा हूं। मैं 1986 से अशोक गहलोत के साथ हूं। ऐसे प्रयोगों को कांग्रेस में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
हर विधायक चाहता है कि मैं मंत्री बनूं। उन्होंने कहा कि मेरा नाम मंत्री पद के लिए नहीं लिया गया, यह तो विधायक दल के नेता को देखने की बात है. यदि आप नेता नहीं बनना चाहते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
आरोप निराधार, सबूत दें जौहरी लाल, जूली
कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली ने जौहरीलाल मीणा के आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि मुझ पर इस तरह के आरोप लगाना मेरी समझ से परे हैं। जौहरी लाल हमारे सीनियर हैं। मेरे नज़रों में उनकी इज्जत है। मैंने उन्हें हमेशा अपने बड़े के रूप में देखा है।
क्या कारण हैं और जिस हिसाब से वे ऐसा कह रहे हैं, यह मेरी समझ से बाहर है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति में कोई कमी नजर आती है तो सबूत उसके पास रखना चाहिए। दूसरों के सम्मान का भी ख्याल रखना चाहिए।
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर एक आदमी को वह मिलता है जो वह चाहता है। लेकिन कोई कुछ गलत नहीं करे और उसके खिलाफ इस तरह की बातें हों, दिल आहत होता है।
वहीं उदयपुर के खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार ने पत्र जारी कर पूछा- मंत्री बनने की विशेष योग्यता क्या है? कृपया बतायें
दरअसल, कांग्रेस विधायक दयाराम परमार ने सीए गहलोत को एक पत्र जारी कर कहा- ”कैबिनेट बनने के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कुछ विशेष योग्यता की जरूरत होती है। कृपया बताएं कि विशेष योग्यता क्या है? इसे हासिल कर भविष्य में मंत्री बनने के प्रयास किए जा सकते हैं।”
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