ED-CBI – केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रविवार को CBI और ED के निदेशकों का कार्यकाल 3 साल के लिए और बढ़ा दिया है। इसके लिए सरकार ने दो अध्यादेश जारी किए हैं। इन अध्यादेशों के मुताबिक अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशकों का कार्यकाल 5 साल का होगा।
अभी तक इन पदों पर अधिकतम कार्यकाल 2 वर्ष ही था। सरकार के इस कदम से विपक्षी दलों के सवाल उठना तय है, जो पहले से ही इन एजेंसियों पर सरकार के पक्ष में काम करने और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर कार्रवाई करने का आरोप लगा रहे हैं।
विंटर सेशन से पहले आ गया अध्यादेश
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। वर्तमान में संसद का सत्र नहीं चल रहा है और ऐसे में राष्ट्रपति ने वर्तमान समय में एक अध्यादेश लाने की आवश्यकता पर ठीक ही विचार किया है। हालांकि, दोनों अधिकारियों का 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर सेवा विस्तार नहीं दिया जाना है।
अब शीर्ष एजेंसियों (ED-CBI) के सभी आगामी प्रमुखों के कार्यकाल के 2 साल पूरे होने के बाद, उन्हें और 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, ज्वाइनिंग के समय दिए गए कार्यकाल को मिलाकर कुल 5 साल का विस्तार संभव है।
सीबीआई के वर्तमान निदेशक:सुबोध कुमार जायसवाल |
ED और CBI के निदेशक अभी कौन हैं?
वर्तमान में CBI के निदेशक 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी और महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल हैं। उन्हें मई 2021 में निदेशक बनाया गया था। ED के निदेशक संजय कुमार मिश्रा हैं, जिन्होंने नवंबर 2018 में पदभार ग्रहण किया।
ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा |
मिश्रा 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं। पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने एक अभूतपूर्व फैसला करते हुए मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया था. मिश्रा का कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया।
संसद में पेश किया जा सकता है बिल (ED-CBI)
केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) 2021 और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (संशोधन) 2021 नाम के दोनों अध्यादेश संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से कुछ दिन पहले लाए गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान इनसे संबंधित विधेयक संसद में पेश कर सकती है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- जरूरी मामले आने पर ही एक्सटेंशन दिया जाए
जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख संजय मिश्रा की सेवा विस्तार से जुड़े मामले में फैसला सुनाया। मिश्रा ने 2018 में कार्यभार संभाला था। पीठ ने कार्यकाल के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि सेवा का विस्तार केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही किया जाना चाहिए।
प्रवर्तन निदेशालय वित्त मंत्रालय के तहत एक विशेष जांच एजेंसी है, जो मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानूनों और विनियमों से संबंधित मामलों की जांच करती है। वहीं, सीबीआई कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के तहत एक प्रमुख जांच एजेंसी है। यह एक नोडल पुलिस एजेंसी भी है जो इंटरपोल सदस्य राज्यों के सहयोग से जांच करती है।
The Tenure Of ED And CBI Directors Will Be 5 Years | The Government Issued An Ordinance | The President Approved | Directorate Of Enforcement | Central Bureau Of Investigation
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