अल्फा, डेल्टा से लेकर Omicron… कोरोना के अब तक कितने खतरनाक रूप आ चुके हैं? यहां देखिए पूरी लिस्ट Read it later

अल्फा, डेल्टा से लेकर ओमाइक्रोन
फोटोः सेाशल मीडिया।

इन दिनों कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट Omicron सुर्खियों में है। इसको लेकर दुनिया भर में हलचल मच गई है। यह वायरस काफी संक्रामक यानी तेज गति से फैलने वाला बताया जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी दावा है कि इस पर टीका अप्रभावी है। कोरोना की शुरुआत के बाद से यह वायरस बदल रहा है और लोगों की जान के लिए खतरा बना हुआ है। इससे पहले दुनिया इस दुष्ट वायरस का सामना अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा के रूप में कर चुकी है।

अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और अब Omicron। यह गणित या भौतिकी के लिए एक शब्द की तरह लगता है। हालांकि, ये कोरोना के अलग-अलग रूप हैं। इन वेरिएंट्स में कई ऐसी चीजें हैं जो इन्हें एक दूसरे से अलग करती हैं। वायरस के उत्परिवर्तन के कारण, विभिन्न प्रकार सामने आए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इन्हें मुख्य रूप से दो तरह से वर्गीकृत किया है। इनमें ‘वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ और ‘वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ शामिल हैं। अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और ओमाइक्रोन को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ में रखा गया है। वहीं, लैम्ब्डा और एमयू जैसे वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। आइए, यहां जानते हैं कोरोना के इन प्रमुख रूपों के बारे में।

अल्फा वेरिएंट

पिछले साल सितंबर में कोरोना के अल्फा वेरिएंट ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था. इसे वैज्ञानिक भाषा में B.1.1.1.7 नाम दिया गया है। यह पहली बार ब्रिटेन में खोजा गया था। यहीं से यह वैरिएंट पूरी दुनिया में फैल गया। इस वेरिएंट ने अमेरिका में भी काफी तबाही मचाई थी। वैज्ञानिकों ने इस प्रकार में 23 उत्परिवर्तन पाए।

बीटा वेरिएंट

2020 में इस वेरिएंट को सबसे पहले साउथ अफ्रीका में देखा गया था। बीटा संस्करण का वैज्ञानिक नाम B.1.351 है। इसके दो म्यूटेशन E484K और N501Y को सबसे खतरनाक माना गया है। यह वैरिएंट अपने पुराने वैरिएंट की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक था। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह उन लोगों को संक्रमित कर सकता है जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है।

गामा वेरिएंट

कोरोना वायरस का गामा संस्करण सबसे पहले ब्राजील में पाया गया था। गामा संस्करण का वैज्ञानिक नाम P.1 है। गामा प्रकार के दो उपभेदों, E484K और N501Y को बहुत खतरनाक माना जाता है। जांच में पता चला है कि वैक्सीन मिलने के बाद यह वेरिएंट मामूली ही प्रभावित करता है।

डेल्टा वेरिएंट

भारत में सबसे पहले कोरोना वायरस का डेल्टा वेरियंट खोजा गया था। पिछले साल अक्टूबर में इसका पता चला था। इसे B.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया भर में कोरोना का सबसे संक्रामक रूप माना जाता है। हालांकि इसकी मानव जीवन लेने की क्षमता को लेकर अभी तक कोई दावा नहीं किया गया है। 

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 3 जुलाई को अमेरिका में डेल्टा वेरिएंट के 51.7 फीसदी मामले सामने आए। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार, जून के मध्य तक, यूके में कुल कोरोना संक्रमणों में डेल्टा संस्करण का हिस्सा 99 प्रतिशत था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट है कि 100 देशों में डेल्टा संस्करण का पता चला है।

ओमिक्रॉन वेरिएंट

Omicron वेरिएंट कुछ दिनों पहले सामने आया था। यह कई देशों में पाया गया है। 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वेरिएंट का नाम Omicron रखा। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.1.1.529 है। इसको लेकर अध्ययन चल रहे हैं। हालांकि, कोरोना के इस रूप को अधिक संक्रामक बताया जा रहा है। 

इस सप्ताह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में इस संस्करण की पहचान की गई थी। यह तनाव बोत्सवाना सहित आसपास के देशों में फैल गया है। इसने पूरी तरह से टीका लगाने वाले लोगों को भी संक्रमित कर दिया है। एम्स दिल्ली में कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. नवीत विग के अनुसार, नया संस्करण अधिक पारगम्य है। यानी यह ज्यादा तेजी से फैलता है। यह इम्युनिटी से लड़ने में ज्यादा कारगर है।

लैम्ब्डा संस्करण

लैम्ब्डा संस्करण सबसे पहले पेरू में पाया गया था। 14 जून 2021 को इसका नाम बदलकर C.37 कर दिया गया। इस प्रकार के कोरोना को ‘ब्याज के प्रकार’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

एमयू वेरिएंट

यह वैरिएंट सबसे पहले कोलंबिया में पाया गया था। 30 अगस्त 2021 को WHO ने इसे वैज्ञानिक नाम दिया। इसे बी.1.621 नाम दिया गया है। कोरोना की इस किस्म को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है।

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