सरकार के बीच छह दौर की वार्ता और कृषि कानूनों पर आंदोलनरत किसानों और सरकार को प्रस्ताव भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसानों की बैठक के बाद, सरकार ने बुधवार को किसान नेताओं को प्रस्ताव भेजा, लेकिन किसानों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि प्रस्ताव गोलमोल था। सरकार अच्छाई की बात कर रही है, लेकिन यह कैसे किया जाएगा यह स्पष्ट नहीं है। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री के घर पहुंचे। किसानों के फैसले को लेकर दोनों के बीच बैठक चल रही है।
प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद, किसानों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आंदोलन की दिशा बताई। किसानों ने की 4 अहम घोषणाएं …
1. देशभर में शनिवार को किसान टोल प्लाजा को मुफ्त बनाएंगे। दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद रहेगा।
2. 15 दिसंबर को देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसान इसमें शामिल होंगे। जो लोग उपस्थित नहीं हो सकते हैं वे दिल्ली का कूच करेंगे।
3. अंबानी-अडानी का मॉल, उत्पाद और टोल का बायकॉट जाएगा। Jio उत्पादों का भी बायकॉट किया जाएगा। Jio की सिम को पोर्ट किया जाएगा।
4. राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा नेताओं का बहष्किार करेंगे। उनके बंगलों और कार्यालयों के सामने प्रदर्शन होगा। कानूनों की वापसी तक आंदोलन नहीं रुकेगा और यह तेज होता रहेगा।
सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग ठुकरा दी
किसानों का मुद्दा |
सरकार के जवाब |
कृषि सुधार कानूनों को रद्द करें। |
ऐतराज है तो हम खुले मन से विचार को तैयार हैं। |
MSP पर चिंताएं हैं। फसलों का कारोबार निजी हाथों में चला जाएगा। |
सरकार MSP पर लिखित आश्वासन देगी। |
किसानों की जमीन पर बड़े उद्योगपति कब्जा कर लेंगे। |
किसान की जमीन पर कोई ढांचा भी नहीं बनाया जा सकता। ढांचा बना तो मिल्कियत किसान की। |
APMC मंडियां कमजोर होंगी। किसान प्राइवेट मंडियों के चंगुल में फंस जाएगा। |
राज्य सरकारें प्राइवेट मंडियों का रजिस्ट्रेशन कर सकें और उनसे सेस वसूल सकें, ऐसी व्यवस्था करेंगे। |
किसानों की जमीन की कुर्की हो सकती है। |
वसूली के लिए कुर्की नहीं होगी। फिर भी सफाई देंगे। |
किसान सिविल कोर्ट में नहीं जा सकते। |
यह विकल्प दिया जा सकता है। |
पैन कार्ड दिखाकर फसल खरीद होगी तो धोखा भी होगा। |
राज्य सरकारें फसल खरीदने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन का नियम बना सकेंगी। |
पराली जलाने पर जुर्माना और सजा हो सकती है। |
किसानों की आपत्तियों को दूर किया जाएगा। |
एग्रीकल्चर एग्रीमेंट के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं है। |
एग्रीमेंट होने के 30 दिन के अंदर उसकी एक कॉपी एसडीएम ऑफिस में जमा कराने की व्यवस्था करेंगे। |
नया बिजली विधेयक वापस लें। |
विधेयक चर्चा के लिए है। किसानों के बिजली बिल के पेमेंट की मौजूदा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा। |

सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग को खारिज कर दिया, 10 महत्वपूर्ण मुद्दों में से, यानी कृषि कानून को निरस्त करना। 5 मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा और 4 मुद्दों पर मौजूदा प्रणाली को बदलने का आश्वासन दिया।
5 विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से मिले , राहुल ने कहा- भारत का किसान नहीं डरेगा
20 राजनीतिक दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। विपक्ष के पांच नेताओं ने बुधवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। इनमें सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी। राजा और डीएमके के इलांगोवन शामिल थे।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार समेत विपक्ष के 5 नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले |
राहुल गांधी ने कहा, ‘किसान ने देश की नींव रखी है और वह दिन भर इस देश के लिए काम करता है। जो बिल पास हुए हैं वे किसान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह बिल किसानों के हित के लिए है, सवाल यह है कि किसान इतना नाराज क्यों है। इन बिलों का लक्ष्य मोदीजी के दोस्तों को कृषि सौंपना है। किसानों की ताकत के आगे कोई नहीं टिकेगा। भारत के किसान को डराया नहीं जाएगा, हटाया नहीं जाएगा, जब तक यह बिल रद्द नहीं हो जाता।
सरकार ने कहा- चर्चाएं जारी हैं‚ काम प्रगति पर है
सरकार के तीन मंत्रियों ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। किसानों को भेजे गए प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- जब वार्ता का अंतिम दौर चल रहा होता है, तो इसे कार्य-प्रगति माना जाता है। इसमें एक रनिंग कमेंट्री नहीं हो सकती। किसानों के मुद्दों पर सरकार संवेदनशील है। सरकार ने किसानों से 6 बार चर्चा की है। उम्मीद है, यह आखिरी चरण होगा।
‘सरकार जिद पर अड़ी रही तो किसान पीछे नहीं हटेंगे’
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा – किसान पीछे नहीं हटेंगे। यह सम्मान की बात है। क्या सरकार कानून वापस नहीं लेना चाहती है? क्या किसानों पर अत्याचार होगा? अगर सरकार अडिग है, तो किसान भी अपने रुख पर अडिग हैं। कानून वापस करना होगा।
उधर अकाली दल के कार्यकर्ता मुफ्त डीजल बांट रहे
आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली सीमा की ओर जाने वाले लोगों को दिल्ली-अमृतसर राजमार्ग पर एक पेट्रोल पंप पर मुफ्त डीजल दिया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पंजाब के अधिक से अधिक लोग आंदोलन में शामिल होने में सक्षम हैं, इसलिए वे यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं। स्थानीय युवा और उनके एनआरआई मित्र इसके लिए मदद ले रहे हैं।
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