फार्मा बैन से पाकिस्तान की सेहत बिगड़ने वाली है! 40% दवा भारत से! अब पाक के मरीजों पर मंडराया संकट Read it later

India Pakistan pharmaceutical trade: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में और तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों की समीक्षा शुरू कर दी है। इसका सीधा असर दोनों देशों के बीच दवा व्यापार पर पड़ रहा है।

भारत की दवा निर्यात नीति में बदलाव (India Pakistan pharmaceutical trade)

भारत सरकार ने फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (Pharmexcil) से पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली सभी दवाओं और फार्मा उत्पादों की विस्तृत सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली दवाओं की मात्रा और प्रकार का आकलन करना है, ताकि भविष्य में निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या सीमित करने का निर्णय लिया जा सके।

पाकिस्तान की भारत पर निर्भरता

पाकिस्तान अपनी दवा आवश्यकताओं का लगभग 40% हिस्सा भारत से आयात करता है। इनमें एंटी-कैंसर दवाएं, वैक्सीन, बायोलॉजिकल्स, और दवा निर्माण के लिए आवश्यक कच्चा माल (एपीआई) शामिल हैं। भारत से दवाओं का निर्यात बंद होने की स्थिति में पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है।

पाकिस्तान की वैकल्पिक रणनीति

भारत से दवा निर्यात पर संभावित प्रतिबंध के मद्देनजर पाकिस्तान ने वैकल्पिक स्रोतों की तलाश शुरू कर दी है। ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (DRAP) ने चीन, रूस और यूरोपीय देशों से दवाओं और कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन उपाय शुरू किए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन देशों से दवाओं की आपूर्ति शुरू करने में समय और लागत दोनों अधिक लगेंगे।

भारत का मानवीय दृष्टिकोण

हालांकि भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों की समीक्षा शुरू की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत दवाओं के निर्यात को पूरी तरह बंद करने के बजाय चुनिंदा प्रतिबंध लगा सकता है, ताकि पाकिस्तान की आम जनता पर इसका ज्यादा असर न पड़े। भारत हमेशा मानवीय आधार पर पाकिस्तान को दवाएं उपलब्ध कराता रहा है।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच दवा व्यापार पर संकट गहराता जा रहा है। भारत की ओर से दवा निर्यात पर संभावित प्रतिबंध पाकिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर डाल सकता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच मानवीय आधार पर दवाओं की आपूर्ति जारी रखने की संभावना बनी हुई है।

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