बानू मुश्ताक की हार्ट लैंप को बुकर अवॉर्ड, पहली बार किसी कन्नड़ किताब को अंतरराष्ट्रीय पहचान Read it later

भारत की लेखिका, वकील और एक्टिविस्ट Banu Mushtaq ने इंटरनेशनल बुकर प्राइज जीतकर इतिहास रच दिया है। उनकी किताब Heart Lamp को दुनिया की 6 श्रेष्ठ पुस्तकों में चुना गया और सम्मानित किया गया। यह Booker Prize पाने वाली भारत की पहली Kannada language में लिखी पुस्तक है।

यह जीत न सिर्फ भारतीय साहित्य के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह दक्षिण भारत की मुस्लिम महिलाओं की कहानियों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का कार्य करती है।

Table of Contents

🖊️ Heart Lamp: पहली बार कोई कन्नड़ पुस्तक International Booker Prize Winner

Heart Lamp को विशेष बनाता है कि यह पहली कन्नड़ भाषा की किताब है जिसे Booker Prize से नवाज़ा गया है। साथ ही, यह अब तक का पहला Short Story Collection है जिसे यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला है।

लेखिका बानू मुश्ताक की संवेदनशील लेखनी और Deepa Bhashti का उत्कृष्ट अंग्रेजी अनुवाद इस उपलब्धि की बुनियाद बने।

🏆 Award Ceremony में Banu Mushtaq और दीपा भष्ठी को मिला सम्मान

London के Tate Modern में आयोजित पुरस्कार समारोह में बानू मुश्ताक और दीपा भष्ठी को संयुक्त रूप से 50,000 पाउंड (लगभग ₹52.95 लाख) की राशि प्रदान की गई।
Booker Foundation के नियमों के अनुसार, यह राशि लेखक और अनुवादक में बराबर बांटी जाती है।

📘 Heart Lamp की कहानियां: तीन दशकों की सच्चाई

Heart Lamp कोई साधारण किताब नहीं है। इसमें शामिल कहानियां 1990 से 2023 तक की तीन दशकों की वास्तविकता को समेटे हुए हैं।
बानू मुश्ताक ने दक्षिण भारत में मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी को Patriarchal Society में किस तरह से प्रभावित किया, उसे मार्मिकता और सटीकता के साथ प्रस्तुत किया।

इन 50 कहानियों में से 12 चुनिंदा कहानियों का अनुवाद Deepa Bhashti ने किया, जो विश्व के साहित्य प्रेमियों तक इन कहानियों की आत्मा को पहुंचाता है।

🧵 “कोई भी कहानी छोटी नहीं होती”: मुश्ताक का भावुक संदेश

अवॉर्ड प्राप्ति के बाद बानू मुश्ताक ने मंच से कहा:

“यह किताब इस विश्वास से जन्मी है कि कोई भी कहानी कभी छोटी नहीं होती। एक ऐसी दुनिया में जो हमें बांटने की कोशिश करती है, साहित्य उन पवित्र जगहों में से एक है, जहां हम एक-दूसरे के मन में कुछ पन्नों के लिए ही सही, साथ रह सकते हैं।”

यह कथन बताता है कि कैसे Heart Lamp सिर्फ कहानियों का संग्रह नहीं, बल्कि Human Experience की बारीक समझ का दस्तावेज है।

📚 Booker Shortlist 2024: Heart Lamp के साथ ये थीं अन्य किताबें

Booker Prize की रेस में शामिल 6 किताबों में से ये प्रमुख थीं, जिन्हें पीछे छोड़ते हुए Heart Lamp विजेता बनी:

  • On the Calculation of Volume – Author: Solvej Balle, Translator: Barbara J. Haveland (Danish)

  • Small Boat – Author: Vincent Delecroix, Translator: Helen Stevenson (French)

  • Under the Eye of the Big Bird – Author: Hiromi Kawakami, Translator: Asa Yoneda (Japanese)

  • Perfection – Author: Dwinzenzo Latronico, Translator: Sophie Hughes (Italian)

  • A Leopard-Skin Hat – Author: Anne Serre, Translator: Mark Hutchinson (French)

Heart Lamp को मिली यह जीत दर्शाती है कि कैसे Regional Literature भी अब वैश्विक साहित्य के मंच पर महत्वपूर्ण स्थान पा रहा है।

🔍 Deepa Bhashti: First Indian Translator to Win Booker

Heart Lamp के English Translation ने Deepa Bhashti को first Indian translator to win the Booker बना दिया।
उनकी मेहनत और भाषाई गहराई ने इस किताब की आत्मा को दूसरे पाठकों तक जीवंत रूप में पहुंचाया।

👭 Representation of South Indian Muslim Women

Heart Lamp की सभी कहानियों में एक कॉमन थीम है — Muslim Women of South India और उनकी सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक जटिलताएं।
यह पुस्तक उन आवाजों को सामने लाती है जो आम तौर पर गुमनामी में दब जाती हैं।

🧭 Booker Prize और भारतीय भाषाएं

Heart Lamp की जीत इस ओर भी इशारा करती है कि अब विश्व साहित्य में Indian Regional Languages जैसे कन्नड़, मलयालम, तमिल, उड़िया को महत्व मिलने लगा है। यह एक संकेत है कि अगर लेखनी में सच्चाई, संवेदना और उद्देश्य हो, तो भाषा की दीवारें खुद ही गिरने लगती हैं।

🔹 2022 में पहली बार Hindi Novel को मिला था Booker Prize

2022 में भारत के साहित्य जगत ने एक नया कीर्तिमान रचा, जब गीतांजलि श्री के उपन्यास Tomb of Sand को Booker Prize से नवाज़ा गया। यह सम्मान पाने वाला यह पहला Hindi novel था। इस उपन्यास का मूल नाम रेत समाधि है, जिसे अंग्रेज़ी में Daisy Rockwell ने अनुवादित किया था।

🔹 Tomb of Sand बनी थी विश्व की 13 श्रेष्ठ किताबों में शामिल

Booker Prize की लॉन्गलिस्ट में दुनियाभर से 13 किताबें शामिल थीं, जिनमें ‘Tomb of Sand’ भी एक थी। यह उपन्यास गहन सामाजिक संदर्भों और स्त्री विमर्श को केंद्र में रखते हुए लिखा गया है, जिसने वैश्विक जूरी का ध्यान खींचा।

🔹 Award Announcement हुई थी London Book Fair 2022 में

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा 7 अप्रैल 2022 को London Book Fair में की गई थी। यह पहला मौका था जब किसी Indian language book ने यह पुरस्कार जीता। Tomb of Sand ने भारतीय भाषाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंच पर नया द्वार खोला।

🔹 Banu Mushtaq से पहले इन 6 Indian-origin लेखकों को मिला था Booker Prize

बानू मुश्ताक से पहले भी कई भारतीय मूल के लेखकों को यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिल चुका है:

  • V.S. Naipaul

  • Salman Rushdie

  • Arundhati Roy – पहली भारतीय महिला Booker विजेता

  • Kiran Desai

  • Aravind Adiga

  • Geetanjali Shree

अब तक इन 6 भारतीय मूल के लेखकों को मिल चुका है बुकर प्राइज

📘 1971 – वी. एस. नायपॉल
किताब: In a Free State
पहले भारतीय मूल के लेखक जिन्हें Booker Prize से नवाज़ा गया।

📘 1981 – सलमान रुश्दी
किताब: Midnight’s Children
भारत-पाक विभाजन पर आधारित यह उपन्यास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया।

📘 1997 – अरुंधति रॉय
किताब: The God of Small Things
अरुंधति रॉय बनीं बुकर जीतने वाली पहली भारतीय महिला।

📘 2006 – किरण देसाई
किताब: The Inheritance of Loss
इस किताब ने भारत और प्रवासी जीवन के द्वंद को गहराई से दिखाया।

📘 2008 – अरविंद अडिगा
किताब: The White Tiger
भारतीय समाज में वर्ग संघर्ष और महत्वाकांक्षा को दिखाने वाला चर्चित उपन्यास।

📘 2022 – गीतांजलि श्री
किताब: Tomb of Sand (हिंदी मूल: रेत समाधि)
यह किताब बनी हिंदी की पहली कृति जिसे मिला Booker Prize। अनुवाद: Daisy Rockwell

इन लेखकों की जीत ने Indian literature को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और भविष्य की कई पुस्तकों के लिए राह बनाई।

🔹 क्या है Booker Prize और किसे मिलता है यह सम्मान

Booker Prize for Fiction, जिसे पहले Man Booker Prize कहा जाता था, दुनिया के प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है। इसकी शुरुआत 1969 में England की Booker McConnell Company द्वारा की गई थी।

🔹 Prize Money: लेखक और ट्रांसलेटर को बराबर हिस्सा

Booker Prize जीतने वाले लेखक को £50,000 (British Pounds) की पुरस्कार राशि दी जाती है। अगर किताब का English Translation हुआ हो, तो यह राशि लेखक और अनुवादक के बीच बराबर-बराबर बांटी जाती है। भारतीय मुद्रा में यह राशि लगभग ₹52.95 लाख होती है।

🔹 किसे दिया जाता है यह अवॉर्ड

हर साल यह पुरस्कार Britain या Ireland में प्रकाशित या फिर किसी अन्य भाषा से English में अनूदित किसी एक पुस्तक को दिया जाता है। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Fiction Writing को सम्मानित करता है।

🔹 पहला Booker Prize किसे मिला था

पहला Booker Prize Albanians के चर्चित लेखक Ismail Kadare को दिया गया था। इसके बाद यह पुरस्कार वैश्विक साहित्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाली कई पुस्तकों को मिल चुका है।

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