Teesta Setalvad | File photo: Social Media |
गुजरात ATS की टीम ने सोशल वर्कर तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को हिरासत में लिया है। ATS की दो टीम मुंबई स्थित तीस्ता सीतलवाड़ के घर पहुंची। इसके बाद सीतलवाड़ को सांताक्रूज थाने ले जाया गया। एटीएस की ओर से टीम तीस्ता को पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले जाया जा रहा है।
इसके साथ ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार किया है। गुजरात पुलिस ने गुजरात दंगों की झूठी जानकारी देने के आरोप में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार और तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात पुलिस ने सीतलवाड़ को उनके घर से हिरासत में ले लिया। उन्होंने जो मदद मांगी, हमने मुहैया कराई।
Teesta Setalvad |
IPC की इन छह धाराओं में दर्ज हुआ केस
- 468- धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी करना।
- 471- जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करना।
- 194- दोष साबित करने के इरादे से झूठे सबूत देना।
- 212- अपराधी को शरण देना।
- 218- पब्लिक सर्वेंट द्वारा किसी को सजा या संपत्ति जब्ती से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड तैयार करना।
- 211- खुद को चोट पहुंचाकर हमले का झूठा आरोप लगाना।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था मामले में तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका की जांच होनी चाहिए
यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को 2002 के गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जाफरी की याचिका में कोई दम नहीं है।
इसके साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि इस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, जकिया जाफरी की याचिका में सीतलवाड़ याचिकाकर्ता नंबर 2 है जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका रद्द करते हुए ये बात कही थी कि तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में और छानबीन की जरूरत है, क्योंकि तीस्ता इस मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल गोपनीय ढंग से अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी।
शाह ने शनिवार को ही एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में तीस्ता सीतलवाड़ का नाम लिया था
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नीचे शाह के इंटरव्यू की छोटी क्लिप दिखाई जा रही है
कुछ पत्रकारों, NGOs और भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों ने मोदी जी पर झूठे आरोप लगाकर एक संगठित गिरोह की तरह उन्हें प्रचारित किया।
लेकिन देश की जनता ने इन आरोपों को कभी स्वीकार नहीं किया।
लोकतंत्र में जनादेश का बड़ा महत्व है और इतने साल से देश की जनता दिल से मोदी जी के साथ खड़ी है। pic.twitter.com/3qk6Xc0mt0
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2022
अमित शाह ने कहा- सीतलवाड़ ने नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में तीस्ता सीतलवाड़ का नाम लिया था। उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की पूरी कोशिश की। उनके एनजीओ की ओर से गुजरात के कई पुलिस थानों में आवेदन दिए गए। जकिया जाफरी सीतलवाड़ के ही निर्देश पर काम कर रही थीं।
UPA सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ को मदद की थी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया जाफरी ने किसी और के निर्देश पर काम किया। एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं थी। यह तो सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था। यूपीए सरकार ने तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की काफी मदद की।
सुप्रीम कोर्ट ने सात महीने पहले 9 दिसंबर 2021 को जाकिया जाफरी की याचिका पर मैराथन सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। गुजरात दंगों की जांच के लिए बनी एसआईटी ने तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी।
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