केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ बिल को दी मंजूरी, जानिए इस कानून में क्या नया है Read it later

केंद्र सरकार ने Waqf Amendment Bill 2025 को मंजूरी दे दी है। 19 फरवरी 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में इसे स्वीकृति दी गई। सरकार इसे Budget Session 2025 के दूसरे चरण (10 मार्च – 4 अप्रैल) में संसद में पेश कर सकती है।

📌 इससे पहले, 13 फरवरी को Joint Parliamentary Committee (JPC) की रिपोर्ट संसद में रखी गई थी, जिसके बाद विपक्ष ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए विरोध किया था।

📌 JPC ने 27 जनवरी को वक्फ (संशोधन) विधेयक की ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें 44 संशोधन शामिल किए गए। इनमें से 14 संशोधन NDA सांसदों ने प्रस्तावित किए थे, जिन्हें स्वीकार किया गया, जबकि विपक्षी संशोधन खारिज कर दिए गए।

📌 अगस्त 2024 में Minority Affairs Minister Kiren Rijiju ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था, जिसके बाद इसे JPC को भेजा गया था। JPC ने इस पर 655 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी।

Table of Contents

🔎 वक्फ संशोधन बिल 2025 में क्या बदलाव किए गए हैं?

📌 1. गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान:

  • नए बिल में Waqf Board की संरचना को अधिक समावेशी बनाने के लिए Non-Muslim Members को शामिल करने का प्रस्ताव है।

📌 2. महिला प्रतिनिधित्व को मिलेगा बढ़ावा:

  • Waqf Board में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।

📌 3. वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और डिजिटलीकरण:

  • Waqf properties की निगरानी और रिकॉर्ड-कीपिंग को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का निर्णय लिया गया है।

📌 4. जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका होगी मजबूत:

  • District Magistrate को वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन में विशेष शक्तियां दी जाएंगी।

📌 5. अवैध कब्जों पर सख्त कार्रवाई:

  • Encroachment और Unauthorized Transfer को रोकने के लिए नए सख्त नियम बनाए गए हैं।

📌 6. वित्तीय पारदर्शिता के लिए ऑडिट प्रणाली को किया जाएगा मजबूत:

  • Waqf Board की वित्तीय गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए सख्त ऑडिट प्रक्रिया लागू की जाएगी।

📌 7. न्यायाधिकरण को मिलेगी अधिक शक्तियां:

  • Waqf Tribunal को अधिक अधिकार दिए जाएंगे, जिससे वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों का तेजी से निपटारा हो सके।

📌 8. वक्फ संपत्तियों के अवैध हस्तांतरण पर रोक:

  • Unauthorized sale और lease को रोकने के लिए नए कानूनी प्रावधान लागू किए जाएंगे।

📌 9. सरकार की निगरानी बढ़ेगी:

  • Waqf Board की कार्यप्रणाली की निगरानी के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक शक्तियां दी जाएंगी।
🏛️ विपक्ष का विरोध और राजनीतिक विवाद

📌 विपक्षी दलों ने JPC की रिपोर्ट को फर्जी करार देते हुए इसका विरोध किया।
📌 JPC में विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को खारिज कर NDA के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिससे विवाद और बढ़ गया।
📌 विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

👉 हालांकि, सरकार का दावा है कि यह संशोधन पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं।

📊 वक्फ बोर्ड की वर्तमान स्थिति

📌 भारत में वर्तमान में 32 वक्फ बोर्ड सक्रिय हैं।
📌 1954 में संसद द्वारा पारित कानून के तहत वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी।
📌 वक्फ संपत्तियों की संख्या लाखों में है, लेकिन कई मामलों में इनका प्रबंधन विवादों से घिरा रहता है।

📌 इस नए बिल से वक्फ संपत्तियों के प्रशासन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की उम्मीद की जा रही है।

केंद्रीय कैबिनेट द्वारा Waqf Amendment Bill 2025 को मंजूरी मिलने के बाद यह अब Budget Session 2025 के दूसरे चरण में पेश किया जाएगा। सरकार इसे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए जरूरी बता रही है, जबकि विपक्ष ने इसे लेकर विरोध जताया है।

📌 इस बिल के संसद में पेश होते ही इस पर चर्चा और बहस और तेज हो सकती है।

वक्फ बोर्ड कानून: नए और पुराने नियमों में 4 बड़े बदलाव

🔹 पुराने वक्फ कानून बनाम नया प्रस्तावित बिल

पुराना वक्फ कानून नया प्रस्तावित वक्फ बिल
1. सेक्शन 40 के तहत वक्फ बोर्ड द्वारा किसी प्रॉपर्टी पर दावा किए जाने पर केवल ट्रिब्यूनल में ही अपील की जा सकती थी। 1. नए बिल के अनुसार, ट्रिब्यूनल के अलावा खेतू कोर्ट, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में भी अपील का अधिकार होगा।
2. वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम माना जाता था, जिसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी। 2. अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का प्रावधान जोड़ा गया है।
3. किसी भी जमीन पर यदि मस्जिद या उसका उपयोग इस्लामिक उद्देश्यों के लिए किया गया हो, तो वह ऑटोमैटिक वक्फ संपत्ति घोषित हो जाती थी। 3. अब तक जिस जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया गया है, वह मस्जिद होने पर भी वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी।
4. वक्फ बोर्ड में केवल मुस्लिम पुरुष सदस्य ही हो सकते थे, अन्य धर्मों के लोगों और महिलाओं को सदस्यता नहीं मिलती थी। 4. नए वक्फ बिल में अब 2 महिलाएं और अन्य धर्मों से 2 सदस्यों को भी बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान है।
वक्फ बिल पर JPC रिपोर्ट को लेकर संसद में हंगामा, विपक्ष ने जताई आपत्ति

📌 Waqf Amendment Bill 2025 पर JPC Report संसद में पेश होने के बाद Opposition ने विरोध जताया। 13 फरवरी को राज्यसभा में BJP सांसद Medha Kulkarni और लोकसभा में JPC चेयरमैन Jagdambika Pal ने यह रिपोर्ट पेश की, जिस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

📌 विपक्ष का आरोप: रिपोर्ट में उनकी Dissent Notes (असहमति) को हटा दिया गया, जिससे यह Unconstitutional हो गई।

📌 Mallikarjun Kharge ने इसे Fake Report करार दिया, जबकि AAP MP Sanjay Singh ने कहा कि विपक्ष की राय को कूड़ेदान में डाल दिया गया।

🚨 सरकार का जवाब:

📌 Union Home Minister Amit Shah ने स्पष्ट किया कि JPC Report में विपक्षी नेताओं के विचार जोड़े जा सकते हैं।
📌 संसदीय प्रक्रिया के तहत विपक्षी सदस्य अपनी असहमति दर्ज करा सकते हैं।
📌 सरकार की ओर से कहा गया कि इस बिल पर कोई भी पार्टी अपनी राय जोड़ने के लिए स्वतंत्र है।

जेपीसी के सदस्य: लोकसभा और राज्यसभा से कौन-कौन शामिल?

📌 लोकसभा के सदस्य:
  • जगदंबिका पाल
  • मौलाना मोइबुल्ला
  • निशिकांत दुबे
  • कल्याण बनर्जी
  • तेजस्वी सूर्य
  • ए राजा
  • अपराजिता सारंगी
  • संजय जायसवाल
  • श्रीकृष्ण देवारायालू
  • दिनेश्वर कामायत
  • दिलीप सैकिया
  • अरविंद सावंत
  • अविजीत गंगोपाध्याय
  • एम सुरेश गोपीनाथ
  • डी के अरुणा
  • नरेश गणपत मार्के
  • गोरख गोगोई
  • इस्मान मसूद
  • अरुण भारती
  • मोहम्मद जावेद
  • असदुद्दीन ओवैसी
📌 राज्यसभा के सदस्य:
  • बृज लाल
  • मोहम्मद नदीम उल हक
  • डॉ. मेधा विसराम कुलकर्णी
  • वी विजयसाई रेड्डी
  • गुलाम अली
  • एम मोहम्मद अब्दुल्ला
  • डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल
  • संजय सिंह
  • सईद नासिर हुसैन
  • डॉ. डी वीरेंद्र हेगड़े
Waqf Bill 2024: JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई, 44 संशोधनों पर होनी थी चर्चा

📌 8 अगस्त 2024 को Parliament में Minority Affairs Minister Kiren Rijiju ने Waqf Bill 2024 पेश किया।
📌 Congress और Samajwadi Party सहित कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया और इसे “Anti-Muslim” करार दिया।
📌 Opposition के भारी विरोध के बीच बिना चर्चा के यह Bill Joint Parliamentary Committee (JPC) को भेज दिया गया।
📌 31 सदस्यीय JPC की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी, जहां 44 Amendments पर चर्चा होनी थी।

📑 JPC की रिपोर्ट पर कब और कैसे हुआ विवाद?

📌 30 जनवरी को JPC चेयरमैन Jagdambika Pal ने लोकसभा स्पीकर Om Birla को रिपोर्ट सौंपी।
📌 29 जनवरी को JPC ने इस रिपोर्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें 16 सदस्यों ने समर्थन किया और 11 सदस्यों ने विरोध जताया।
📌 JPC रिपोर्ट सौंपने के दौरान विपक्षी सांसद मौजूद नहीं थे, जिससे विवाद और बढ़ गया।

📌 Opposition ने आरोप लगाया कि उनकी Objections रिपोर्ट से हटा दी गईं, जबकि NDA सांसदों के संशोधनों को जगह दी गई।

👉 अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि संसद के बजट सत्र में यह मुद्दा कितना बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा करता है।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का वक्फ बिल पर विरोध, कहा- JPC रिपोर्ट एक रात में पढ़ना असंभव

📌 AIMIM Chief Asaduddin Owaisi ने Waqf Amendment Bill 2025 को लेकर अपनी Dissent Note दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि JPC Draft Report 655 पन्नों की थी, जिसे एक रात में पढ़ना असंभव था।

📌 Owaisi ने स्पष्ट किया कि उन्होंने असहमति जताई है और Parliament में भी इस बिल का विरोध करेंगे।

👉 उनका आरोप है कि विपक्ष की आपत्तियों को JPC Report में शामिल नहीं किया गया, जिससे यह Unconstitutional हो गई है।

👉 आपकी इस विधेयक पर क्या राय है? हमें कमेंट में बताएं! 🏛️📜

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