Online Betting Advertisement Ban Orders : केंद्र सरकार ने न्यूज वेबसाइट्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और प्राइवेट सैटेलाइट चैनलों के लिए नई एडवाइजरी जारी की। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस एडवाइजरी में कहा कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी की वेबसाइटों या ऐप के विज्ञापन नहीं चलाएं। एडवाइजरी का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जून में भी जारी हुई थी सरकार की ओर से एडवाइजरी (Betting Ads)
Betting Ads: इससे पहले इसी साल जून में केंद्र सरकार ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। विज्ञापन देने वाले फिल्मी कलाकारों की जवाबदेही तय करने की भी बात हुई। सरोगेट विज्ञापनों (Betting Ads) पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसकी सत्यता साबित किए बिना विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसका मकसद भ्रामक विज्ञापनों को रोकना है।
निजी चैनलों को भी दिशा- निर्देश जारी किए गए
नई एडवाइजरी में निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों को भी सख्त सलाह दी गई है। (Betting Ads) उनसे कहा गया है कि वे ऑनलाइन ऑफशोर बेटिंग प्लेटफॉर्म या उनकी सरोगेट न्यूज वेबसाइटों का विज्ञापन न करें। इन प्लेटफॉर्म्स को सरोगेट तरीके से विज्ञापन नहीं देने को भी कहा गया है।
डिजिटल मीडिया के लिए खास तौर पर अलग से एडवाइजरी
डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर न्यूज और करंट अफेयर्स कंटेंट के प्रकाशकों को अलग से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें भारतीय दर्शकों के लिए सट्टेबाजी का विज्ञापन नहीं करने की हिदायत दी गई है।
photo | Getty Images |
बेटिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन अवैध
सूचना प्रौद्योगिकी (डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है कि सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन एक अवैध गतिविधि है, जिसे डिजिटल मीडिया पर नहीं दिखाया जा सकता है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि मंत्रालय ने देखा है कि सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म की प्रचार सामग्री और विज्ञापन अभी भी (Betting Ads) कुछ न्यूज प्लेटफॉर्म और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई दे रहे हैं। ऑनलाइन अपतटीय सट्टेबाजी प्लेटफार्मों ने विज्ञापन देने के लिए समाचार वेबसाइटों को एक सरोगेट उत्पाद के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया है
बेटिंग प्लेटफॉर्म ने समाचार वेबसाइटें बनाई
मंत्रालय ने कहा कि कई न्यूज वेबसाइट बेटिंग (Betting Ads) प्लेटफॉर्म मालिकों द्वारा ही संचालित की जा रही हैं। इन समाचार वेबसाइटों के लोगो कुछ हद तक सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म की तरह दिखते हैं। बेटिंग प्लेटफॉर्म इन समाचार वेबसाइटों को उत्पाद के रूप में इस्तेमाल करके खुद को बढ़ावा दे रहे हैं।
जाँच करने पर पता चला कि इस प्रकार की सट्टेबाजी और समाचार वेबसाइट किसी कानूनी प्राधिकरण के पास पंजीकृत नहीं है। इससे साफ है कि सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म न्यूज वेबसाइट की आड़ में अवैध प्रचार कर रहे हैं।
Centre asks news websites, OTT platforms, TV channels to refrain from carrying ads of offshore betting sites
Read @ANI Story | https://t.co/RCBbBt7KVs #OTT #OffshoreBetting #TVChannels pic.twitter.com/YxEUGewXkS
— ANI Digital (@ani_digital) October 3, 2022
भारत में कई जगह अवैध है गेम्बलिंग
सट्टेबाजी या जुआ (Betting Ads) भारत के ज्यातर हिस्सों में अवैध हैं। “उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार, यह देखा गया है कि चूंकि सट्टेबाजी और जुआ अवैध हैं, इसलिए ऑनलाइन ऑफशोर सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के विज्ञापन भी नहीं चलाए जा सकते हैं।
इफोर्मेशन (डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम 2021 के अनुसार, मंत्रालय ने कहा है कि सट्टेबाजी या गेम्बलिंग (Betting Ads) प्लेटफार्मों के विज्ञापन एक अवैध गतिविधि है, जिसे डिजिटल मीडिया पर नहीं कतई नहीं दिखाया जा सकता है।