AI Impact: आप किस समय क्या सुनना-देखना चाहते हैं, AI जानता है Read it later

AI Impact: एआइ ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (Artificial Intelligence in Entertainment) में कई परिवर्तन किए हैं। इस इंडस्ट्री ने एआइ तकनीक को सबसे पहले व अधिकता से अपनाया। चाहे फिल्में हों, संगीत हो, गेमिंग हो या डिजिटल सामग्री, एआइ ने हर क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। साथ ही इसे अधिक आकर्षक व प्रभावशाली बना दिया है।

प्रोडक्शन में एआइ (AI Impact)

डिजिटल एक्टर्स

हॉलीवुड फिल्म द आइरिश मैन में एआइ का उपयोग कर रॉबर्ट डी नीरो और अल पचिनो को डिजिटल रूप से युवा बनाया गया। (AI Video Editing Tools) अब फिल्मों में अभिनेताओं को उम्र के अनुसार छोटा-बड़ा दिखाने के लिए एआइ का उपयोग किया जा रहा है।

AI Impact | Man filming with a professional camera
representative image

वर्चुअल प्रोडक्शन

एआइ वर्चुअल प्रोडक्शन और कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी में बड़ा बदलाव ला रहा है। अनरियल इंजन जैसी एआइ तकनीक जटिल दृश्यों को तेजी से व कम खर्च में बनाने में मदद करती हैं। एआइ से बनाए गए डिजिटल कै रेक्टर और वातावरण दर्शकों को अधिक जीवंत और वास्तविक लगते हैं।
वीडियो एडिटिंग : शॉट्र्स के लिए वीडियो के सबसे अच्छे भाग के चयन से लेकर कलर मिक्सिंग, कलर ग्रेडिंग,ऑडियो मिक्सिंग जैसे सभी महत्त्वपूर्ण कार्य एआइ कर रहा है। एडोब सेंसई व मेजिस्टो जैसे कई एआइ-पावर्ड वीडियो एडिटिंग टूल्स इस कार्य को आसान कर रहे हैं।

म्यूजिक कंपोजिशन व स्ट्रीमिंग में एआइ

एमएल व कम्पोजिशन

एआइ की मदद से अब लाइव परफॉर्मेंस के दौरान भी रियल-टाइम म्यूजिक तैयार किया जा सकता है। एआइ आधारित अम्पर म्यूजिक ने फिल्म, टीवी और विज्ञापनों के लिए सैकड़ों ट्रैक तैयार किए हैं। ओपन एआइ के जुकडेक व गूगल के मैजेंटा जैसे कई प्लेटफॉर्म भी इसे आसान और प्रभावशाली बना रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार इससे प्रोडक्शन समय में ३० फीसदी तक की कमी आई है।

म्यूजिक स्ट्रीमिंग

स्पॉटिफाइ के डिस्कवर वीकली फीचर में एआइ आधारित एल्गोरिदम का उपयोग कर यूजर्स की पसंद के अनुसार प्ले लिस्ट तैयार की जाती है। एआइ की मदद से ये प्लेटफॉम्र्स अब यूजर्स की भावनाओं का पता लगाकर उनके लिए संगीत चुनते हैं।

कंटेंट पर्सनलाइजेशन

यह ओटीटी प्लेटफॉम्र्स पर यूजर पार्टिसिपेशन बढ़ाने के सबसे बड़े टूल्स में से एक है। (Content Personalization on OTT) कंटेंट पर्सनलाइजेशन से ग्राहक को पसंद के अनुसार कंटेंट सुझाव मिलते हैं, जिससे ग्राहकों के अनुभव में सुधार आ रहा है।

सबटाइटल

एआइ की एनएलपी तकनीक से अब कई भाषाओं में सबटाइटल और डबिंग ऑटोमेटिक हो सकती है। (AI for Subtitles and Dubbing) इससे वीडियो व फिल्मों को दुनिया भर के दर्शकों के लिए देखना आसान हुआ है। अनुवाद में लगने वाला समय व धन भी बचता है।

प्रिडिक्टिव विश्लेषण

यह क्रिएटर्स को सोशल मीडिया के वायरल कंटेंट का विश्लेषण कर यह निर्धारित करने में मदद करता है कि कौन सा कंटेंट चलेगा। नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, स्पॉटिफाइ जैसे प्लेटफॉर्म अब कंटेंट इसी तरह निर्धारित करते हैं।

image credit: freepik

 

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