Odisha Army Officer Case: भुवनेश्वर में एक आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर पर हुए हमले के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से इस मामले ने तूल पकड़ के बाद पुलिस ने इस गंभीर मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?
पुलिस ने जिन 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें राकेश नाइक, अभिलाष सावंत, अमन कुमार, आदित्य रंजन बेहरा, आकाश पढियारी, हरीश मंता, और आशीष कुमार शामिल हैं। इन पर कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के पास से एक वाहन और 11 मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
घटना का समय और स्थान (Odisha Army Officer Case)
यह घटना 15 सितंबर की रात 1 बजे भुवनेश्वर लौटते वक्त हुई थी, जिसका खुलासा 19 सितंबर को हुआ। पीड़ित महिला के अनुसार, भुवनेश्वर लौटते समय कुछ युवकों ने उनकी गाड़ी रोक ली और उनके साथ बदसलूकी करने लगे।
थाने में पीड़िता पर क्या गुजरी?
जब पीड़िता और उसका मंगेतर भरतपुर थाने शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, तो वहां पुलिसकर्मियों ने भी दुर्व्यवहार किया। महिला ने आरोप लगाया कि उसे लॉकअप में बंद कर उस निर्वस्त्र कर उसका यौन उत्पीड़न किया गया।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में बीजेपी के सदस्यों के शामिल होने का दावा किया है। उनका कहना है कि वीडियो में एक युवक ओडिशा के मुख्यमंत्री के नाम का उल्लेख करता है, जिससे लगता है कि इस घटना में बीजेपी से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं।
बीजेडी का विरोध प्रदर्शन
बीजू जनता दल (BJD) ने भी घटना पर विरोध जताया है। पार्टी ने राज्यपाल भवन के सामने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं सरकार की साख को धूमिल करती हैं।
वायरल वीडियो ने मामले को बढ़ाया
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर को युवकों के एक समूह से बहस करते हुए देखा जा सकता है। एक युवक ने महिला से कहा, “ये दिल्ली नहीं है,” जो दर्शाता है कि स्थिति कितनी तनावपूर्ण थी।
वीडियो के प्रमुख अंश
पहला वीडियो: महिला का प्रतिरोध
पहले वीडियो में, महिला ने बहादुरी से कहा, “आप कौन हो? ये मेरी कार है, मैं जो चाहूं, वह करूंगी।” इसके जवाब में एक युवक ने मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कहा कि वह ओडिशा के हैं।
दूसरा वीडियो: हमले की बढ़ती आक्रामकता
दूसरे वीडियो में युवकों का समूह आर्मी अफसर को मारता-पीटता हुआ दिख रहा है। महिला अपने मंगेतर को बचाने की कोशिश करती है लेकिन युवकों की भीड़ उन पर हमला करती रहती है।
तीसरा वीडियो: थाने की दास्तान
तीसरे वीडियो में महिला ने पुलिस थाने में हुए दुर्व्यवहार का खुलासा किया। उसने कहा कि पुलिसकर्मियों ने उनसे कहा कि “ओडिशा भारत में नहीं है,” और हिंदी या अंग्रेजी में बात नहीं करने की हिदायत दी।
मामले में मेडिकल जांच की पुष्टि
भुवनेश्वर के AIIMS में पीड़ित महिला की मेडिकल जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न हुआ है। इस जांच ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
पुलिसकर्मियों पर आरोप: इंसानियत की हदें पार
पीड़ित महिला के पिता, जो एक ब्रिगेडियर हैं, ने कहा कि पुलिसवालों ने उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न कर कई कानूनों का उल्लंघन किया। वे चाहते हैं कि आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।
आर्मी ऑफिसर का बयान: थाने में हदें पार
पीड़ित आर्मी अफसर ने भी थाने में अपने साथ हुए उत्पीड़न के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चार पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरदस्ती लॉकअप में ले जाकर उनके कपड़े उतार दिए। उनकी मंगेतर के साथ भी महिला पुलिसकर्मियों ने बर्बरता की।
पूर्व आर्मी चीफ की प्रतिक्रिया: शर्मनाक है घटना
पूर्व आर्मी चीफ और भाजपा नेता वीके सिंह ने इस घटना को शर्मनाक बताया और मांग की कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
राष्ट्रीय महिला आयोग का हस्तक्षेप
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ओडिशा के DGP से तीन दिनों के अंदर एक्शन रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस की सफाई: पीड़ित नशे में थे?
भरतपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों का कहना है कि आर्मी अफसर और उसकी मंगेतर नशे में थे और उन्होंने पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की थी। इसी कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था। लेकिन इस सफाई ने उनके दावों पर शक खड़ा कर दिया है।
पुलिसकर्मियों की सस्पेंशन: कार्रवाई का पहला कदम
इस मामले में DG वाईबी खुरानिया ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इंचार्ज समेत 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।
महिला सशक्तिकरण पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से महिला सशक्तिकरण के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। (Odisha Army Officer Case) ओडिशा में महिला सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर विचार किया जाना चाहिए।
पूर्व चीफ सेक्रेटरी का सवाल: पुलिस को अधिकार किसने दिया?
ओडिशा के पूर्व चीफ सेक्रेटरी बिजय कुमार पटनायक ने भी इस मामले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि पुलिस को किसी भी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार किसने दिया?
क्या यह घटना ओडिशा पुलिस के प्रति विश्वास को तोड़ती है?
इस घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस के खिलाफ आरोपों से जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
इस घटना ने न केवल ओडिशा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति समाज के नजरिए को भी बदलने की आवश्यकता है।
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