आज भारत ने अपना सबसे दुर्लभ रत्न खो दिया है। कोरोना की चितकार रूपी आवाज भारत की आवाज को कोकिला तक ले गई। आज सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भी कोरोना की जंग हार गईं और दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। लता जी के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए शिवाजी पार्क में रखा जाएगा।
2 साल की लता जी की कोरोना रिपोर्ट 8 जनवरी को पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके भर्ती होने की न्यूज भी 2 दिन बाद 10 जनवरी को सामने आई थी। उन्होंने कोरोना और निमोनिया दोनों से 29 दिन तक एकसाथ जंग लड़ी।
उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल के ICU में रखा गया था। लंबे समय से लता ताई का इलाज कर रहे डॉ. प्रतीत समधानी की देखरेख में ही डॉक्टर्स की टीम उनका इलाज कर रही थी। इलाज के दौरान उनकी हेल्थ में सुधार भी देखा जा रहा था। उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 5 दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होना भी शुरू हो गया था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, लेकिन ICU में ही रखा गया, लेकिन रविवार को सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया। डॉ. प्रतीत ने बताया कि मल्टी ऑर्गन फेल्योर उनकी मौत की वजह रही।
लता मंगेश्कर लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे अपने कमरे में ही ज्यादा समय गुजारती थीं। उनके घर के एक स्टॉफ मेंबर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था। 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
स्वर कोकिला, दीदी और ताई जैसे नामों से लोकप्रिय लता जी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। फैंस उनके ठीक होने की दुआएं कर रहे थे, लेकिन आज इस बुरी खबर से करोड़ों संगीत प्रेमियों का दिल टूट गया। सैंकड़ों कालजयी गानों को अपनी आवाज देने वाली लता जी आज अनंत यात्रा पर चली गईं।
Lata Mangeshkar के गानों ने कई तरह के इमोशन्स को साकार किया। उन्होंने दशकों तक भारतीय फिल्म जगत के बदलावों को करीब से देखा। फिल्मों से परे, वह हमेशा भारत के विकास के बारे में भावुक थीं। वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि लता दीदी के निधन पर मुझे देशवासियों के साथ शोक है। मैंने उनके परिवारवालों से बातचीत की है और संवेदना व्यक्त की है। मैं अपने दुख को शब्दों में बया नहीं कर सकता है। देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गई। वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरा नहीं जा सकता।
Lata Didi’s songs brought out a variety of emotions. She closely witnessed the transitions of the Indian film world for decades. Beyond films, she was always passionate about India’s growth. She always wanted to see a strong and developed India. pic.twitter.com/N0chZbBcX6
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर पीएम मोदी ने गहरा दुख जताया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इसे अपना सम्मान मानता हूं कि मुझे हमेशा लता दीदी से अपार स्नेह मिला है। उन्होंने आगे कहा कि मेरी उनके साथ बातचीत अविस्मरणीय रहेगी।
I am anguished beyond words. The kind and caring Lata Didi has left us. She leaves a void in our nation that cannot be filled. The coming generations will remember her as a stalwart of Indian culture, whose melodious voice had an unparalleled ability to mesmerise people. pic.twitter.com/MTQ6TK1mSO
— Narendra Modi (@narendramodi) February 6, 2022
लता मंगेशकर को रिजेक्शन का करना पड़ा था सामना
स्वर कोकिला लता मंगेशकर को कई बार रिजेक्शन का भी सामना करना पड़ा था। शुरुआत में बहुत से लोगों ने लताजी की आवाज को पतली और कमजोर बताकर खारिज कर दिया था। लेकिन लता भी धुन की पक्की थीं, उन्होंने सबकी बताई गलतियों से सबक लिया और दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई।
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