Elon Musk की SpaceX ने फिर रचा इतिहास, 19 मार्च को Sunita Williams और Crew-9 लौटेंगे पृथ्वी पर Read it later

SpaceX Dragon Mission: Elon Musk की कंपनी SpaceX का स्पेसक्राफ्ट Dragon Capsule भारतीय समयानुसार 16 मार्च सुबह 9:40 बजे International Space Station (ISS) पर सफलतापूर्वक डॉक हो गया। इसके लगभग 11:05 बजे हैच ओपन किया गया।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य Crew-9 Astronauts, जिनमें Indian-Origin Astronaut Sunita Williams और NASA Astronaut Butch Wilmore शामिल हैं, को Earth पर सुरक्षित वापस लाना है।

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Crew-10 मिशन: कैसे लॉन्च हुआ SpaceX का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट?

📌 SpaceX Falcon 9 Rocket ने Crew-10 Mission के तहत 16 मार्च को सुबह 4:30 बजे (IST) Kennedy Space Center, Florida से उड़ान भरी।
📌 इसके करीब 28 घंटे बाद Dragon Spacecraft ISS पर डॉक हुआ।
📌 अब यह Crew-9 Astronauts की वापसी के लिए तैयार है।

Crew-10 Team Arrival के बाद, Crew-9 के चार अंतरिक्ष यात्री लौटेंगे:
✔️ Sunita Williams (NASA, Indian-Origin Astronaut)
✔️ Butch Wilmore (NASA Astronaut)
✔️ Nick Hague (NASA Astronaut)
✔️ Alexander Gorbunov (Roscosmos Astronaut)

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19 मार्च को होगी पृथ्वी वापसी

🚀 Crew-9 मिशन के ये चारों अंतरिक्ष यात्री 19 मार्च को ISS से प्रस्थान करेंगे और Dragon Spacecraft के जरिए पृथ्वी पर लौटेंगे।

🌍 यह स्पेसक्राफ्ट Parachute Landing के जरिए Atlantic Ocean में उतरेगा, जहां NASA और SpaceX की टीम उनकी रिकवरी करेगी।

SpaceX Dragon Mission का महत्व

NASA और SpaceX Collaboration: SpaceX अब NASA के लिए Commercial Crew Program का अहम हिस्सा बन गया है।
Human Spaceflight Advancement: यह मिशन Private Space Companies द्वारा Safe Astronaut Transportation की दिशा में एक और सफलता है।
Sunita Williams Space Journey: भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट Sunita Williams के इस मिशन को लेकर भारत में भी उत्साह बना हुआ है।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को ISS पर क्यों भेजा गया था?

Sunita Williams और Butch Wilmore को Boeing और NASA के संयुक्त “Crew Flight Test Mission” के तहत International Space Station (ISS) पर भेजा गया था। इस मिशन में Sunita Williams बतौर Spacecraft Pilot और Butch Wilmore Mission Commander के रूप में शामिल थे।

📌 Boeing Starliner Spacecraft को 5 जून 2024, रात 8:22 बजे Atlas V Rocket के जरिए लॉन्च किया गया था।
📌 यह 6 जून, रात 11:03 बजे ISS पर पहुंचा, हालांकि Thruster Malfunction के कारण यह नियोजित समय (9:45 PM) से देर से पहुंचा।
📌 मिशन का मुख्य उद्देश्य Astronaut Transportation Capabilities को प्रमाणित करना और Spacecraft Manual Operations का परीक्षण करना था।

इस दौरान Sunita Williams और Butch Wilmore ने ISS पर 8 दिन बिताए, जहां उन्होंने Scientific Research और Experiments किए।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर स्पेस में इतने समय तक कैसे फंसे रहे?

Boeing Starliner Mission के दौरान Reaction Control Thrusters Failure और Helium Leak Issues के कारण सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ISS पर अनिश्चितकाल के लिए फंस गए।

🚀 Starliner के 28 Thrusters में से 5 फेल हो गए, जिससे स्पेसक्राफ्ट की वापसी जोखिम भरी हो गई।
💨 25 दिनों में 5 Helium Leaks दर्ज किए गए, जबकि Helium Propellant थ्रस्टरों के सही संचालन के लिए बेहद जरूरी होता है।
🔍 NASA ने Data Analysis के बाद फैसला किया कि Starliner Astronauts को वापस लाने के लिए सुरक्षित नहीं है।
🌍 6 सितंबर 2024 को Starliner Spacecraft को बिना Astronauts के पृथ्वी पर वापस लाया गया।

इसके बाद SpaceX Dragon Capsule को ISS में फंसे Sunita Williams और Butch Wilmore को लाने की जिम्मेदारी दी गई।

SpaceX Crew-10 Mission क्यों देरी से भेजा गया?

Elon Musk की SpaceX ने Crew-10 Mission के जरिए 15 मार्च 2025 को चार एस्ट्रोनॉट्स को ISS भेजा, जो 16 मार्च को वहां पहुंचे। अब ये मिशन Crew-9 के दो Astronauts के साथ Sunita Williams और Butch Wilmore को पृथ्वी पर वापस लाएगा।

🚀 Crew-9 Mission (28 सितंबर 2024) में दो अतिरिक्त सीटें Sunita और Wilmore के लिए खाली रखी गईं।
🌍 Crew-8 Astronauts को 25 अक्टूबर 2024 को पृथ्वी पर लाया गया।

Elon Musk ने दावा किया था कि उन्होंने Sunita Williams और Butch Wilmore की जल्दी वापसी के लिए सहायता की पेशकश की थी, लेकिन Biden Administration ने इसे अस्वीकार कर दिया।

📺 Fox News Interview में Musk ने कहा,

“उन्हें राजनीतिक कारणों से ISS पर छोड़ दिया गया, जो सही नहीं है।”

स्पेस में रेडिएशन और जीरो ग्रैविटी से हेल्थ को गंभीर खतरा

स्पेस में लंबा समय बिताने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। Microgravity और High Radiation Levels एस्ट्रोनॉट्स की हड्डियों, मांसपेशियों, आंखों और रेड ब्लड सेल्स पर गंभीर असर डाल सकते हैं।

🚀 हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी

स्पेस में Gravity की कमी से Muscle Weakness हो सकती है। लंबे समय तक स्पेस में रहने से Bone Density Loss होता है, जिससे हर महीने 1% हड्डियों की मजबूती कम हो सकती है।

👁 दृष्टि पर प्रभाव

स्पेस में ज्यादा समय बिताने से Spaceflight-Associated Neuro-Ocular Syndrome (SANS) हो सकता है, जिससे आंखों की नसों पर दबाव पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है।

☢️ रेडिएशन का खतरा

स्पेस में High Radiation Exposure के कारण Cancer और अन्य Health Issues का खतरा बढ़ सकता है। इससे शरीर की कोशिकाओं और DNA में स्थायी बदलाव हो सकते हैं।

🤢 स्पेस सिकनेस का खतरा

स्पेस में रहने से Motion Sickness जैसी समस्या हो सकती है, जिसमें चक्कर आना, सिरदर्द, घबराहट और उल्टी शामिल हैं। एस्ट्रोनॉट्स को खड़े होने में दिक्कत हो सकती है और अचानक संतुलन बिगड़ सकता है।

🩸 रेड ब्लड सेल्स की कमी

2022 में Nature Journal में प्रकाशित Ottawa University Research के अनुसार, स्पेस में रहने के दौरान Astronauts के शरीर में 50% तक Red Blood Cells नष्ट हो सकते हैं, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है।

📌 स्रोत: कनाडाई स्पेस एजेंसी और हेल्थ एडवाइजरी रिसर्च

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