तीसरी बार फटा SpaceX का Starship: फिर क्‍यों नाकाम हुई Elon Musk की अरबों की कोशिश, जानिए Read it later

Starship 9th Test Flight Failure ने फिर दिखाया टेक्नोलॉजी का असली चेहरा:  Elon Musk की SpaceX कंपनी द्वारा दुनिया के सबसे ताकतवर और महंगे रॉकेट Starship का 9वां टेस्ट भी असफल रहा। Starship 9th Test Flight Failure की इस श्रृंखला में यह तीसरा मौका था जब रॉकेट उड़ान के दौरान ही तबाह हो गया। भारतीय समयानुसार 28 मई की सुबह 5 बजे टेक्सास के बोका चिका साइट से रॉकेट को लॉन्च किया गया था।

करीब 30 मिनट की उड़ान के बाद Starship ने नियंत्रण खो दिया और जब वह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर रहा था, तभी वह बिखर गया। इस बार भी रॉकेट का मिशन अधूरा रह गया, जिससे SpaceX को फिर बड़ा झटका लगा है।

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Starship Super Heavy Booster ने की हार्ड लैंडिंग, फिर भी मिला डेटा

SpaceX ने Super Heavy Booster को अमेरिका की Gulf Coast पर लैंड कराना चाहा, लेकिन बूस्टर ने एक हार्ड लैंडिंग की। लैंडिंग बर्न के दौरान एक इंजन को जानबूझकर बंद किया गया ताकि बैकअप इंजन की क्षमता की जांच की जा सके। इस बार खास बात यह थी कि 7वें टेस्ट में इस्तेमाल किया गया बूस्टर दोबारा प्रयोग में लाया गया था। इस कदम का उद्देश्य Reusability को बेहतर बनाना था।

Starship ने कटऑफ तक की उड़ान, पर री-एंट्री में हुआ फेल

Elon Musk ने बाद में कहा कि Starship ने इस बार इंजन कटऑफ तक उड़ान पूरी की, जो पिछली उड़ानों की तुलना में प्रगति थी। लेकिन कोस्ट और री-एंट्री फेज के दौरान मेन टैंक से रिसाव हुआ, जिससे टैंक प्रेशर में गिरावट आई और अंततः नियंत्रण खो बैठा। यही Starship 9th Test Flight Failure की सबसे बड़ी वजह रही।

मिशन के अधूरे उद्देश्य: पेलोड तैनाती और इंजन टेस्टिंग नहीं हो सके

इस मिशन में पेलोड डिप्लॉयमेंट, अंतरिक्ष में रैप्टर इंजन को पुनः स्टार्ट करना और इंडियन ओशन में वॉटर लैंडिंग जैसे महत्वपूर्ण एक्सपेरिमेंट शामिल थे। लेकिन ये सभी लक्ष्य अधूरे रह गए। Starship 9th Test Flight Failure ने इन महत्वपूर्ण परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा नहीं किया।

SpaceX का नजरिया: असफलता नहीं, सीखने का मौका

SpaceX ने इस फ्लाइट को भले ही एक परीक्षण माना, लेकिन तकनीकी रूप से यह Starship 9th Test Flight Failure ही है। कंपनी ने ट्वीट में कहा कि इस तरह के टेस्ट से हम सीखते हैं और भविष्य की उड़ानों को बेहतर बनाते हैं। Elon Musk ने कहा कि आने वाले महीनों में हर 3 से 4 हफ्ते में लॉन्च किए जाएंगे।

NASA के अरबों डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट भी दांव पर

NASA ने SpaceX के साथ 4 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसके तहत Starship का उपयोग चंद्रमा पर इंसानों को भेजने के लिए किया जाना है। यह कॉन्ट्रैक्ट माइलस्टोन्स पर आधारित है और प्रत्येक Starship फ्लाइट की लागत 50 से 100 मिलियन डॉलर तक हो सकती है। ऐसे में बार-बार Starship 9th Test Flight Failure जैसी घटनाएं NASA के भरोसे को चुनौती दे सकती हैं।

क्या Starship 9th Test का विस्फोट खतरनाक साबित हो सकता है?

अब तक Starship की किसी भी असफल उड़ान से कोई गंभीर शारीरिक नुकसान या जान का खतरा सामने नहीं आया है। हालांकि, जनवरी में हुई एक असफल फ्लाइट के बाद इसके कुछ मलबे South Caicos में एक कार पर गिर पड़े थे, जिससे मामूली नुकसान की सूचना मिली थी। यह साफ नहीं है कि Starship 9th Test के विस्फोट के बाद मलबा कहां गिरा है। FAA (Federal Aviation Administration) ने भी इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।

Starship का 8वां टेस्ट: बूस्टर सुरक्षित, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में ब्लास्ट

Starship का आठवां टेस्ट भारतीय समयानुसार 7 मार्च को हुआ था। लॉन्चिंग के महज 7 मिनट बाद Super Heavy Booster सफलतापूर्वक अलग होकर लॉन्च पैड पर लौट आया। लेकिन इसके एक मिनट बाद, Starship स्पेसक्राफ्ट के छह रैप्टर इंजनों में से चार अचानक बंद हो गए। इससे रॉकेट ने कंट्रोल खो दिया और ऑटोमेटेड अबॉर्ट सिस्टम द्वारा इसे ब्लास्ट कर दिया गया।

विस्फोट के बाद अमेरिकी हवाई ट्रैफिक पर असर

Social media platform X पर कई यूज़र्स ने तस्वीरें और वीडियो शेयर कीं, जिनमें Florida के तटवर्ती क्षेत्रों में आसमान में रॉकेट के फटने के दृश्य दिखाई दिए। मलबे की वजह से Miami, Orlando, Palm Beach और Fort Lauderdale जैसे हवाई अड्डों की फ्लाइट्स अस्थायी रूप से बाधित हो गई थीं।

इससे साफ है कि Starship 9th Test जैसे हाई-वेलोसिटी विस्फोट न केवल तकनीकी बल्कि पब्लिक सेफ्टी के लिए भी चिंता का विषय बन सकते हैं।

Starship 4th Test: सफल मिशन के बाद समुद्र में हुई सॉफ्ट लैंडिंग

6 जून 2024 को Starship 4th Test पूरी तरह सफल रहा। इसे टेक्सास के Boca Chica से शाम 6:20 बजे लॉन्च किया गया था और मिशन की कुल अवधि 1.05 घंटे रही। इस टेस्ट में Starship को स्पेस तक ले जाकर पृथ्वी के वातावरण में वापस लाया गया और समुद्र में सुरक्षित रूप से लैंड कराया गया।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि Starship पृथ्वी के वातावरण में री-एंट्री के दौरान कितनी मजबूती से सर्वाइव कर सकता है। Elon Musk ने मिशन के बाद कहा कि “कई tiles डैमेज होने और एक फ्लैप के खराब होने के बावजूद Starship ने सफल सॉफ्ट लैंडिंग की।”

Starship 3rd Test: री-एंट्री के दौरान टूटा संपर्क

Starship 3rd Test 14 मार्च 2024 को हुआ था। इस फ्लाइट में Starship ने कई टेक्निकल सफलताएं दर्ज कीं, हालांकि री-एंट्री के समय संपर्क टूट गया। SpaceX ने बताया कि Starship री-एंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर सका, लेकिन इसके बावजूद कुछ अहम एक्सपेरिमेंट सफल हुए।

Starship ने orbit में पहुंचने के बाद payload bay door को खोला और बंद किया। इसके अलावा, उसने दो टैंकों के बीच कई टन liquid oxygen को सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया। री-एंट्री के प्रयास के दौरान संपर्क टूटने के बावजूद इसे एक महत्वपूर्ण ट्रायल माना गया।

Starship 2nd Test: हॉट स्टैगिंग सफल, लेकिन रॉकेट और शिप फट गए

18 नवंबर 2023 को हुए Starship 2nd Test में टेक्नोलॉजी के लिहाज से कई नई चीजें आजमाई गईं। फ्लाइट लॉन्च के 2.4 मिनट बाद Super Heavy Booster और Starship का सफल stage separation हुआ, जिसमें पहली बार hot staging तकनीक का उपयोग किया गया। सभी 33 रैप्टर इंजन लॉन्च से लेकर सेपरेशन तक सुचारू रूप से चले।

हालांकि, 3.2 मिनट पर बूस्टर 90 किमी की ऊंचाई पर फट गया। Starship आगे बढ़ता रहा, लेकिन 8 मिनट के बाद 148 किमी की ऊंचाई पर उसमें भी तकनीकी खराबी आ गई। अंततः flight termination system के जरिए Starship को नष्ट किया गया।

इस फ्लाइट से SpaceX को separation techniques और high-altitude operations की दिशा में महत्वपूर्ण डेटा मिला।

FAQs:

क्या Starship 9th Test Flight फेल हुआ?
हां, रॉकेट ने कंट्रोल खो दिया और री-एंट्री के समय नष्ट हो गया।

क्या बूस्टर सफलतापूर्वक लैंड हुआ?
नहीं, यह एक हार्ड लैंडिंग थी लेकिन इंजन कॉन्फिगरेशन का सफल परीक्षण हुआ।

Elon Musk की प्रतिक्रिया क्या रही?
उन्होंने कहा कि रॉकेट इंजन कटऑफ तक पहुंच गया, जो प्रगति का संकेत है।

NASA ने इस प्रोजेक्ट में कितना निवेश किया है?
4 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट, जो विभिन्न माइलस्टोन्स पर आधारित है।

आने वाले लॉन्च कितनी जल्दी होंगे?
हर 3 से 4 हफ्ते में एक नई टेस्ट फ्लाइट की योजना है।

कितनी लागत आती है हर टेस्ट में?
प्रत्येक टेस्ट फ्लाइट की लागत $50 मिलियन से $100 मिलियन के बीच होती है।

SpaceX के Starship प्रोग्राम के लिए यह फ्लाइट भले ही एक और असफलता रही हो, लेकिन इससे मिली सीख आने वाली टेस्ट फ्लाइट्स को ज्यादा परिपक्व बना सकती है। Elon Musk और उनकी टीम को उम्मीद है कि यह Reusability और Reliability दोनों की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।

Starship 7th Test: लॉन्चपैड पर लौटा बूस्टर, लेकिन ऊपर फट गया स्पेसक्राफ्ट

17 जनवरी 2025 को हुए Starship 7th Test में आंशिक सफलता मिली थी। लॉन्चिंग के 8 मिनट बाद Super Heavy Booster सफलतापूर्वक अलग होकर launchpad पर सुरक्षित लौट आया था। लेकिन Starship के ऊपरी हिस्से में oxygen leak होने के कारण वह उड़ान के दौरान ही आसमान में ब्लास्ट हो गया था। इस विस्फोट ने SpaceX की रीयूजेबिलिटी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए।

Starship 6th Test: ट्रम्प की मौजूदगी में पानी पर हुई लैंडिंग

20 नवंबर 2024 को सुबह 03:30 बजे Starship 6th Test को अमेरिका के नए राष्ट्रपति Donald Trump की मौजूदगी में अंजाम दिया गया। योजना थी कि Super Heavy Booster को उड़ान के बाद वापस launchpad catch system से पकड़ा जाएगा। लेकिन कुछ पैरामीटर्स अनुकूल न होने की वजह से इसे ocean landing का विकल्प चुना गया।

Starship स्पेसक्राफ्ट के इंजन को अंतरिक्ष में पुनः चालू किया गया और बाद में इसे सफलतापूर्वक हिंद महासागर में उतारा गया। यह परीक्षण इंजन री-इग्निशन के लिहाज से महत्वपूर्ण था।

Starship 5th Test: पहली बार बूस्टर को लॉन्चपैड पर कैच किया गया

13 अक्टूबर 2024 को हुए Starship 5th Test को SpaceX के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना गया। इस टेस्ट में Super Heavy Booster को पृथ्वी से 96 किमी की ऊंचाई पर भेजा गया और फिर उसे लॉन्चपैड पर Mechazilla Arms द्वारा कैच किया गया। ये मैकेनिकल आर्म्स “चॉपस्टिक्स” जैसी दिखती हैं।

उसी मिशन में Starship स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में re-entry कराते हुए हिंद महासागर में सफल controlled landing कराई गई। रॉकेट की री-एंट्री स्पीड 26,000 km/h थी और तापमान 1,430°C तक पहुंच गया था। यह टेस्ट उड़ान तकनीक और थर्मल शील्ड की परफॉर्मेंस को साबित करता है।

Starship 1st Orbital Test: 4 मिनट में हुआ धमाका, फिर भी SpaceX ने मनाया जश्न

20 अप्रैल 2023 को हुए Starship 1st Test Flight ने लॉन्च के कुछ ही मिनटों बाद एक विस्फोट के साथ सबको चौंका दिया। Booster 7 और Ship 24 के साथ लॉन्च हुई यह फ्लाइट उड़ान भरने के महज 4 मिनट बाद मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर फट गई।

फिर भी SpaceX की टीम और Elon Musk ने इस प्रयास को सेलिब्रेट किया क्योंकि उनके अनुसार लॉन्च पैड से Starship का सफल टेकऑफ ही एक बड़ी उपलब्धि थी। Musk ने लॉन्च से दो दिन पहले ही कहा था, “Success is uncertain, but excitement is guaranteed.”

Unexpected separation ने बिगाड़ा मिशन, फिर भी मिला डेटा

SpaceX के अनुसार, stage separation से पहले Starship के एक हिस्से ने अप्रत्याशित रूप से अलग होकर विस्फोट को जन्म दिया। हालांकि, SpaceX ने इस फेल टेस्ट को सीखने का मौका बताया। कंपनी ने कहा कि इस अनुभव से Starship की reliability बढ़ेगी। डेटा रिव्यू की प्रक्रिया जारी है और आने वाली टेस्ट फ्लाइट्स की तैयारी शुरू हो चुकी है।

स्टारशिप: पूरी तरह से रीयूजेबल स्पेसक्राफ्ट

ऊंचाई: 50 मीटर (164 फीट)
डायामीटर: 9 मीटर (29.5 फीट)
पेलोड कैपेसिटी: 100 से 150 टन
थ्रस्ट: 1,500 टन / 3.3 मिलियन पाउंड फोर्स

Starship एक ऐसा Reusable Spacecraft है जो इंटरप्लैनेटरी फ्लाइट्स, जैसे कि चंद्रमा और मंगल मिशन, के लिए बनाया गया है। इसके साथ ही यह पृथ्वी पर भी Point-to-Point Travel की क्षमता रखता है, जिससे एक घंटे या उससे कम समय में दुनिया के किसी भी कोने तक पहुँचना संभव हो सकेगा।

सुपर हैवी: स्टारशिप को लॉन्च करने वाला बूस्टर

ऊंचाई: 69 मीटर (226 फीट)
डायामीटर: 9 मीटर (29.5 फीट)
प्रोपल्शन कैपेसिटी: 3,400 टन / 7.5 मिलियन पाउंड फोर्स
थ्रस्ट: 7,590 टन / 16.7 मिलियन पाउंड फोर्स

Super Heavy, Starship का Launch Booster है जो उसे पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर ले जाने के लिए बनाया गया है। यह भी पूरी तरह से रीयूजेबल है। इसमें लगे 33 Raptor Engines सुपर-कूल्ड Liquid Methane (CH4) और Liquid Oxygen (LOX) पर काम करते हैं।

रैप्टर इंजन: स्पेसएक्स की थ्रस्ट टेक्नोलॉजी की रीढ़

ऊंचाई: 3.1 मीटर (10.2 फीट)
डायामीटर: 1.3 मीटर (4.2 फीट)
थ्रस्ट: 230 टन / 507,000 पाउंड फोर्स

Starship को कुल 6 Raptor इंजनों से पॉवर किया जाता है, जिनमें से 3 Vacuum Optimized (RVac) इंजन होते हैं जो स्पेस में ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

वहीं Super Heavy Booster में 33 Raptor Engines लगे होते हैं, जिनमें से 13 सेंटर में और 20 रिंग के चारों ओर होते हैं। ये सभी इंजन स्पेसएक्स की पेटेंटेड ऑक्सीडाइज़र-रिच स्टेज्ड कम्बशन तकनीक पर आधारित हैं।

Starship Specs और Capabilities
  • Height: 403 फीट

  • Diameter: 9 मीटर

  • Payload Capacity: 100–150 मीट्रिक टन

Starship कई मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है:

  • Payload delivery to orbit

  • Moon missions

  • Earth-to-Earth transportation

  • Interplanetary missions, जैसे मंगल तक इंसानों को ले जाना

NASA Artemis Program के लिए अहम है Starship की सफलता

Starship नासा के Artemis Program का अहम हिस्सा है, जिसके तहत 5 दशकों बाद चंद्रमा पर इंसानों को भेजा जाना है। इस मिशन में Starship का काम एस्ट्रोनॉट्स को लूनर ऑर्बिट से चंद्रमा की सतह तक ले जाना और वापसी कराना है। इस लिहाज से Starship 1st Test भले ही फेल रहा हो, लेकिन इसकी लॉन्ग टर्म उपयोगिता और सीखने की प्रक्रिया को SpaceX बेहद गंभीरता से ले रही है।

Starship से होगी Satellite Delivery: स्पेस ट्रांसपोर्टेशन में नया युग

Starship को मौजूदा Falcon रॉकेट्स के मुकाबले अधिक दक्षता और कम लागत में payloads को लॉन्च करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह स्पेस व्हीकल छोटे उपग्रहों से लेकर बड़े टेलीस्कोप्स और भारी मालवाहक कार्गो तक को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक ले जाने में सक्षम है।

Moon Missions के लिए तैयार Starship

चंद्रमा की सतह पर moon base development के लिए भारी मात्रा में सामग्री और संसाधनों की आवश्यकता होगी। Starship को इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वह विशाल building blocks और उपकरणों को चंद्रमा तक पहुंचा सके।

Earth-to-Earth Travel: 30 मिनट में दुनिया का कोई भी कोना

Starship और Super Heavy जैसे हाई-स्पीड स्पेस सिस्टम्स के ज़रिए Earth-to-Earth transportation अब सपना नहीं रहा। यह तकनीक इंटरनेशनल ट्रैवल को महज 30 मिनट में संभव बना सकती है, जिससे आप एक घंटे से भी कम समय में दुनिया के किसी भी हिस्से में पहुंच सकते हैं।

Interplanetary Transport: इंसानों को Mars तक पहुंचाने का मिशन

Starship को इंटरप्लेनेटरी लेवल पर उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मकसद है कि मंगल ग्रह पर शहरों का निर्माण करने के लिए भारी कार्गो और चालक दल को एक साथ भेजा जा सके। ये fully reusable Starship systems ऑन-ऑर्बिट रीफ्यूलिंग के जरिए हजारों टन पेलोड को मंगल और उससे भी आगे के ग्रहों तक ले जाने में सक्षम होंगे।

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