मध्य प्रदेश में झाबुआ की पहचान बन चुका कड़कनाथ मुर्गा अब कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो सकेगा। दावे तो यही किए जा रहे हैं।
बहरहाल यह दावा झाबुआ कड़कनाथ रिसर्च सेंटर और कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च (DHR) को लिखे पत्र में किया गया है।
सेंटर की ओर से दावा किया जा रहा है कि कड़कनाथ चिकन का इस्तेमाल उन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है जो कोरोना के दौरान या उससे ठीक हो चुके हैं।
सेंटर का दावा : कड़कनाथ का मांस, अंडे और सूप कोविड के बाद के मरीजों के लिए फायदेमंद
रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने कहा कि कड़कनाथ का मांस, अंडे और सूप कोविड के बाद के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है।
इसके अलावा इसमें फैट बहुत कम होता है। इससे इम्युनिटी भी बेहतर होती है। इसलिए इसे मरीजों के आहार में शामिल किया जाना चाहिए। कोयंबटूर और चंडीगढ़ में दो प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ ने आईसीएमआर और डीएचआर को लिखे पत्र में सुझाव दिया है कि कड़कनाथ का मांस, उसके अंडे और अर्क (रसायनम) को आहार में शामिल किया जा सकता है।
इसमें आवश्यक तत्व PUFA, DHA, जिंक, आयरन, विटामिन सी, अन्य विटामिन के साथ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। ये इम्युनिटी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
तमिलनाडु और चंडीगढ़ की लैब में हुई टेस्टिंग
रसायनम की परीक्षण रिपोर्ट तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की खाद्य गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला से है। प्रोटीन 5.47%, वसा 10.92%, विटामिन सी 45.39%, आयरन 9.95% और जस्ता 1.82% था।
कड़कनाथ मुर्गे की जांच रिपोर्ट नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ मीट चंडीगढ़ की है। इसमें प्रोटीन 71.5 से 73.5 प्रतिशत, प्रोटीन 21 से 24%, फैट 1.94 से 2.6% बताया गया है। इसके अलावा इसमें फैटी एसिड और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी पाए गए हैं।
पहले भी कई खत लिख चुके
कृषि विज्ञान केंद्र पहले भी देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को इस तरह के पत्र लिख चुका है। अधिकांश उत्तर वापस नहीं आए। पिछले दिनों टीम इंडिया के खिलाड़ियों के आहार में कड़कनाथ को शामिल करने के लिए बीसीसीआई को पत्र भेजा गया था।
हालांकि, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पिछले साल दिसंबर में जिले के एक पोल्ट्री फार्म के साथ अपने रांची फार्म पर कड़कनाथ को पालने का सौदा किया था। लेकिन जब प्रसव का समय आया तो यहां के फार्म के मुर्गियां बर्ड फ्लू का शिकार हो गईं।
Meat And Egg Can Be Effective In The Treatment Of Corona | Research Center Suggested To Include ICMR In Patients’ Diet
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