सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को फेसबुक और गूगल के अधिकारियों के साथ बैठक की। समिति ने इन कंपनियों से कहा कि उन्हें देश के नए आईटी नियमों और कानूनों का पालन करना होगा।
ऐसे में वर्चुअल सोशल नेटवर्क चलाने वाली कंपनियां डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के नियमों का सख्ती से पालन करें।
हाल ही में लागू किए गए आईटी नियमों को लेकर सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच खींचतान के बाद बैठक बुलाई गई थी।
सूत्रों के मुताबिक, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सांसद शशि थरूर के अकाउंट लॉक होने पर ट्विटर से दो दिन के अंदर जवाब मांगा जाना है। ट्विटर से पूछा जाएगा कि यह फैसला किस आधार पर लिया गया।
इस संबंध में समिति ने सचिवालय को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। यह पत्र मंगलवार को ही भेजा जा सकता है।
अगर ट्विटर की ओर से कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो कंपनी के अधिकारी को तलब किया जा सकता है।
गूगल ने कहा- कम्युनिटी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वाले वीडियो को हटा दें
Google के अधिकारियों ने समिति को बताया कि YouTube ने कम्यूनिटी दिशानिर्देशों का पालन न करने करने पर जनवरी से मार्च 2021 तक 9.5 मिलियन से अधिक वीडियो को हटा दिया है।
इनमें से 15% वीडियो शुरू में बिना मानवीय हस्तक्षेप के मशीनों भेजे गए थे। इन वीडियो में से 27.8% को एक भी व्यू नहीं मिला। वहीं, 39% को सिर्फ एक से दस व्यूज मिले हैं।
YouTube ने कहा कि इसी तिमाही के दौरान, कम्यूनिटी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 2.2 मिलियन से अधिक चैनल बंद कर दिए गए हैं।
इस दौरान यूट्यूब ने 10 मिलियन से ज्यादा कमेंट्स को हटा दिया है। इनमें से अधिकांश स्पैम थे और स्वचालित रूप से पहचाने गए थे।
फेसबुक 15 जुलाई तक कंटेंट हटाने की रिपोर्ट देगा
इससे पहले फेसबुक के अधिकारियों ने समिति को बताया था कि नए आईटी नियमों के तहत हम 15 जुलाई को अंतिम रिपोर्ट देंगे कि हमने 15 मई से 15 जून के बीच कितना कंटेंट हटाया है।
इससे पहले 2 जुलाई को अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। फेसबुक के अलावा गूगल के अधिकारियों को भी इस कमेटी के सामने पेश होना है।
कमेटी ने दोनों कंपनियों को समन भेजा था
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने फेसबुक और गूगल को अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने के लिए तलब किया था।
स्थायी समिति जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इन प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की शिकायतों पर अधिकारियों के विचार जानना चाहती है।
ट्विटर के अधिकारी 10 दिन पहले सामने आए
देश में लागू किए गए नए आईटी कानूनों और सोशल मीडिया दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए ट्विटर के अधिकारी 10 दिन पहले इस समिति के सामने पेश हुए थे।
समिति ने ट्विटर से अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग रोकने को कहा था। समिति ने पूछा था कि क्या वह देश में लागू कानूनों का सम्मान करती है या नहीं। इसके अलावा कंटेंट को लेकर भी सवाल उठाए गए।
इस पर ट्विटर ने कहा कि हम अपनी नीति का पालन करते हैं।
ट्विटर ने कानून मंत्री को दिखाया अमेरिकी कानून का खौफ
ट्विटर ने शुक्रवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर हैंडल को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद के अकाउंट से पोस्ट किए गए कंटेंट पर आपत्ति जताई थी।
ट्विटर ने यूएस कॉपीराइट एक्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अकाउंट को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
- Parliamentary Panel |
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