Bhiwani में पहाड़ टूटने से 20-25 लोग दबे:फिर से खनन शुरू होने के दूसरे ही दिन हादसा, 4 शव निकाले Read it later

भिवानी में पहाड़ टूटने से 20-25 लोग दबे

 

Bhiwani: हरियाणा के भिवानी जिले के तोशाम इलाके में शनिवार सुबह अरावली की पहाड़ियों में खनन के दौरान पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूट गया। इसमें 20 से 25 लोग पत्थरों के नीचे दब गए। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के मुताबिक शाम साढ़े चार बजे तक चार मजदूरों के शव निकाले गए।

पहाड़ की दरार से गिरे सैकड़ों टन वजनी पत्थरों के नीचे 4 पोकलेन मशीन, 2 हॉल मशीन, 2 ट्रैक्टर और 6 ट्रॉली और डंपर ध्वस्त हो गए। सूचना मिलते ही भिवानी जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। इसमें एनडीआरएफ की टीमें भी लगी हुई हैं। वहीं, पहाड़ का जो हिस्सा गिरा, उसमें तीन बड़े पत्थर हैं, जिन्हें हटाना मुश्किल हो रहा है। पुलिस और प्रशासन ने मीडिया के मौके पर जाने पर रोक लगा दी है।

 

भिवानी में पहाड़ टूटने से 20-25 लोग दबे
भिवानी जिले में शनिवार सुबह खनन के दौरान पहाड़ खिसक जाने के कारण पत्थरों के नीचे कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है।

 


प्रशासन ने दावा किया कि 3 शव बरामद, 2 जिंदा निकले

प्रशासन देर रात नौ बजे तक सिर्फ 3 शवों को निकालने की बात कही। (Bhiwani) प्रशासन के मुताबिक मरने वालों में बिहार के क्रेन ऑपरेटर तूफान सिंह, जींद के मोर्खी गांव के ड्रिल मशीन ऑपरेटर संजय कुमार और तोशाम के बिजेंदर शामिल हैं। दो घायलों का अभी इलाज चल रहा है।

प्रशासन ने माना है कि पहाड़ के मलबे में और भी लोग दबे हुए हैं। डीएसपी मनोज कुमार के मुताबिक अभी तक इस मामले में किसी पक्ष की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस की ओर से मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।

भिवानी जिले (Bhiwani) के तोशाम क्षेत्र के खानक क्षेत्र और डाडम क्षेत्र में अरावली पर्वतमाला में बड़े पैमाने पर खनन होता है। हरियाणा के अलावा यहां का पत्थर राजस्थान भी जाता है। दो महीने पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रदूषण के चलते यहां खनन पर रोक लगा दी थी। इस प्रतिबंध के हटने के बाद शुक्रवार को ही फिर से खनन कार्य शुरू हो गया और हादसा शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे हुआ।

जिस समय पहाड़ टूटा, उस समय यहां आधा दर्जन से अधिक पोकलेन मशीनों के माध्यम से खनन किया जा रहा था। पत्थरों को ले जाने के लिए कई डंपर और ट्रॉली वहां मौजूद थे। ये सब पहाड़ के बड़े-बड़े पत्थरों के नीचे आ गए।

Saddened by the unfortunate landslide accident in Dadam mining zone at Bhiwani. I am in constant touch with the local administration to ensure swift rescue operations and immediate assistance to the injured.

— Manohar Lal (@mlkhattar) January 1, 2022

 

कई हजार टन पत्थर से बचाव कार्य में मुश्किल

पहाड़ की टूटने से गिरे मलबे में कई हजार टन के तीन विशाल पत्थर हैं। इन पत्थरों को हटाने के लिए जिला प्रशासन या एनडीआरएफ की टीमों के पास कोई मशीनरी नहीं है। जो मशीनें मौके पर उपलब्ध हैं, वे इतनी सक्षम नहीं हैं कि इन पत्थरों को हटाना तो दूर इन्हें हिला भी सकें।  इन पत्थरों को ब्लास्ट करके भी नहीं तोड़ा जा सकता है क्योंकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इनके नीचे कितने लोग दबे हैं और इनमें से कोई जिंदा है या नहीं?

 

कई हजार टन पत्थर से बचाव कार्य में मुश्किल
भिवानी में पहाड़ दरकने से पोकलेन और अर्थमूविंग मशीनें भी दब गईं।

 

 

ड्रिल मशीनों से पत्थर तोड़ने की कोशिश

घटना की सूचना मिलते ही भिवानी जिला व पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पहाड़ से गिरे पत्थरों को हटाकर लोगों की तलाश की जा रही है। प्रशासनिक टीमें फिलहाल ड्रिल मशीनों से पत्थरों को तोड़ने का काम कर रही हैं लेकिन इसमें काफी समय लग रहा है।

न तो जिला प्रशासन पत्थरों के नीचे दबे लोगों की संख्या के बारे में कोई स्पष्ट आंकड़ा बता पा रहा है और न ही मौके पर खनन करने वाला ठेकेदार। खनन विभाग के अधिकारियों को भी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि शनिवार सुबह यहां कितने लोग खनन कार्य में लगे हुए थे।

 

मौके पर पहुंचे कृषि मंत्री दलाल व एसपी

हादसे की सूचना मिलते ही हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल मौके पर पहुंचे। (Bhiwani) उनके साथ भिवानी के एसपी अजीत सिंह शेखावत भी थे। तहसीलदार रवींद्र कुमार ने बताया कि दोपहर 1 बजे तक पत्थरों के नीचे से तीन शवों को बाहर निकाला गया। तीनों मृतक छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मजदूर हैं। उसके बाद एक शव निकाला गया। भिवानी के सिविल सर्जन रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि हादसे में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका है।

 

दो दिन पहले मिला बिजली कनेक्शन

भिवानी (Bhiwani) जिले के तोशाम क्षेत्र के खानक क्षेत्र और डाडम क्षेत्र में अरावली पर्वतमाला में बड़े पैमाने पर खनन होता है। हरियाणा के अलावा यहां का पत्थर राजस्थान भी जाता है। प्रदूषण के चलते एनजीटी ने 2 महीने पहले यहां खनन पर रोक लगा दी थी। उसके बाद जिला प्रशासन ने इलाके में खनन बंद कर दिया।

खनन कार्यों से जुड़े लोग लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और यहां खनन फिर से शुरू करने की मांग कर रहे थे। खनन पर से प्रतिबंध हटने और एनओसी मिलने के बाद दो दिन पहले प्रदूषण विभाग ने यहां खनन के लिए बिजली कनेक्शन जारी किया था।

 

बड़े विस्फोट की आशंका

एनजीटी ने गुरुवार को ही इस क्षेत्र में खनन फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी। (Bhiwani) एनजीटी की अनुमति के बाद शुक्रवार से खनन कार्य शुरू हो गया। दो माह से खनन बंद होने से बाजार में निर्माण सामग्री की किल्लत हो गई थी। आशंका जताई जा रही है कि इसी कमी को दूर करने के लिए यहां बड़े पैमाने पर धमाके किए गए और इस वजह से पहाड़ टूट गया।

 

वन क्षेत्र की तरफ से टूटा पहाड़

इस बीच, खानक-डाडम क्रशर एसोसिएशन के अध्यक्ष मास्टर सतबीर रतेरा ने दावा किया कि दुर्घटना के समय कोई खनन नहीं चल रहा था। अरावली का यह खनन क्षेत्र दोनों ओर से वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। हजारों टन पत्थर वन क्षेत्र से टूटकर खनन क्षेत्र की ओर आ गए।

हालांकि रतेरा इस सवाल का जवाब नहीं दे सके कि अगर खनन नहीं हो रहा था तो इतनी बड़ी संख्या में मशीनें, ट्रॉली, डंपर और मजदूर यहां क्या कर रहे थे?

 

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