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image credit | indianexpress.com |
बिहार चुनाव में वोटों की काउंटिंग जारी है। रुझानों में महागठबंधन 108 और NDA 94 सीटों पर आगे है। तेजस्वी-तेजप्रताप, लव सिन्हा और जीतनराम मांझी बढ़त बनाए हुए हैं। मधेपुरा से पप्पू यादव पीछे चल रहे हैं। तीन फेज में हुए चुनाव में 7.34 करोड़ वोटरों में से 57.05% ने वोटिंग की। 2015 में 56.66% वोटिंग हुई थी। इस बार 3,733 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 3,362 पुरुष, 370 महिला और 1 ट्रांसजेंडर है।
अपडेट्स…
2019 लोकसभा चुनाव में 223 विधानसभा सीटों पर आगे था एनडीए
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में 39 सीटें एनडीए को मिली थीं। सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार जीता था। लोकसभा के नतीजों को अगर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो एनडीए को 223 सीटों पर बढ़त मिली थी। इनमें से 96 सीटों पर भाजपा तो 92 सीटों पर जदयू आगे थी। लोजपा 35 सीटों पर आगे थी।
एक सीट जीतने वाला महागठबंधन विधानसभा के लिहाज से 17 सीटों पर आगे था। इनमें 9 सीट पर राजद, 5 पर कांग्रेस, दो पर हम (सेक्युलर) जो अब एनडीए का हिस्सा है और एक सीट पर रालोसपा को बढ़त मिली थी। अन्य दलों में दो विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम और एक पर सीपीआई एमएल आगे थी।
2015 में साथ लड़े थे राजद और जदयू
2015 के चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस ने साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को 178 सीटें मिलीं थी। लेकिन, डेढ़ साल बाद ही नीतीश महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए। इस चुनाव में एनडीए में भाजपा, VIP और हम (सेक्युलर) के साथ जदयू भी है। वहीं, पिछले चुनाव में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा और लोजपा के साथ है।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार
नीतीश कुमार: 2010 के चुनाव में नीतीश एनडीए की ओर से तो 2015 में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। इस बार फिर वो एनडीए की ओर से सीएम फेस हैं। पिछले 15 साल से राज्य में नीतीश की पार्टी सत्ता में है। इनमें 14 साल से ज्यादा नीतीश ही मुख्यमंत्री रहे हैं।
तेजस्वी यादव: महागठबंधन की ओर से इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। लालू यादव के जेल जाने के बाद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद का चेहरा तेजस्वी ही हैं। पूरा चुनाव महागठबंधन ने तेजस्वी के चेहरे पर ही लड़ा है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव प्रचार के पोस्टर तक से गायब थे।
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