2014 के लोकसभा चुनावों के दो साल बाद, लगभग 170 कांग्रेस विधायक पार्टी से विमुख हो गए। Association for Democratic Reforms (एडीआर) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 2016-2020 के दौरान हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के 170 विधायक अन्य दलों में शामिल हुए, जबकि भाजपा के केवल 18 विधायक अन्य दलों में शामिल हुए। । इस दौरान, मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में सरकारें गिर गईं।
पांच साल में सबसे बड़ा बदलाव हुआ
Association for Democratic Reforms की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2016-2020 के दौरान, विभिन्न दलों के 405 विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़ दी और चुनावी मैदान में फिर से हाथ आजमाया। इनमें से अधिकतम 182 विधायक भाजपा में शामिल हुए। वहीं, 28 विधायक कांग्रेस और 25 विधायकों ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को अपना नया ठिकाना बनाया।
लोकसभा और राज्यसभा चुनावों पर भी दल बदलने वालों का साया
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी का परिवर्तन लोकसभा और राज्यसभा चुनावों पर भी हुआ। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, पांच सांसद भाजपा छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो गए। 2016 से 2020 के दौरान, कांग्रेस के 7 राज्यसभा सदस्य अन्य दलों में चले गए। इस अवधि के दौरान, राज्यसभा चुनाव लड़ने वाले 16 में से 10 राज्यसभा सदस्य फिर से भाजपा में बदल गए।
मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में सरकार गिरी
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन पांच वर्षों के दौरान, पांच राज्यों में विधायकों की संख्या में बदलाव किया गया, साथ ही सरकारों को भी बदल दिया गया। इनमें से, मध्य प्रदेश, मणिपुर, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक सरकार का बनना-बिगड़ना विधायकों का पाला बदलने की बुनियाद पर हुआ।
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