Hurun Philanthropist List 2024 के अनुसार, HCL के को-फाउंडर शिव नाडर भारत के सबसे बड़े दानवीर बन गए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में, नाडर परिवार ने कुल ₹2,153 करोड़ का दान दिया, जो प्रति दिन ₹5.90 करोड़ बैठता है। इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर Mukesh Ambani और उनका परिवार है, जिन्होंने ₹407 करोड़ का दान किया। Bajaj family ने ₹352 करोड़ का दान देकर तीसरा स्थान हासिल किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% अधिक है।
दानवीरों की सूची में कौन-कौन हैं शामिल? (Hurun Philanthropist List 2024)
Hurun India द्वारा 7 नवंबर को जारी की गई इस सूची में top 10 philanthropists ने कुल ₹4,625 करोड़ का दान दिया, जो कुल दान का लगभग 53% है। Krishna Chivukula और Susmita and Subroto Bagchi ने इस सूची में 7वीं और 9वीं पोजिशन हासिल की है।
Top 10 philanthropists में से 6 ने अपने CSR (Corporate Social Responsibility) के तहत शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक योगदान दिया। शिक्षा के क्षेत्र में दान देने का यह ट्रेंड भारत के सामाजिक उत्थान की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
शिव नाडर: शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
शिव नाडर, जिन्हें भारत में शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र के विकास के लिए जाना जाता है, ने अपने योगदान से इस साल की Hurun philanthropy list 2024 में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। HCL फाउंडेशन और Shiv Nadar Foundation के जरिए उनका दान मुख्य रूप से शिक्षा के क्षेत्र में गया है।
मुकेश अंबानी: दूसरा स्थान और उनके योगदान
Reliance Industries के चेयरमैन Mukesh Ambani और उनके परिवार ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹407 करोड़ का दान दिया। अंबानी परिवार की परोपकारी गतिविधियां शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में केंद्रित हैं।
बजाज फैमिली: तीसरा स्थान और 33% की वृद्धि
Bajaj family ने इस वर्ष ₹352 करोड़ का दान दिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% की वृद्धि है। बजाज समूह की सामाजिक जिम्मेदारी प्रोजेक्ट शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती हैं।
कम उम्र के सबसे बड़े दानवीर: विवेक वकील
35 वर्षीय Vivek Vakhil, जो Asian Paints से जुड़े हैं, इस सूची (Hurun Philanthropist List 2024) में सबसे कम उम्र के दानवीर हैं। उन्होंने ₹8 करोड़ का योगदान दिया। पिछले साल, Nikhil Kamath, Zerodha के को-फाउंडर, इस सूची में सबसे कम उम्र के दानवीर थे, लेकिन इस बार वे अपने भाई Nithin Kamath के साथ मिलकर ₹120 करोड़ का दान देकर तीसरे स्थान पर आ गए।
दान का क्षेत्र: शिक्षा की प्रधानता
इस वर्ष की Hurun philanthropy list में एक खास बात यह है कि टॉप 10 में से 6 दानवीरों ने शिक्षा के क्षेत्र में अधिक पैसा दिया। यह दिखाता है कि भारतीय परोपकारी जगत शिक्षा को भविष्य के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानता है।
पिछले वर्षों की तुलना और बदलाव (Hurun Philanthropist List 2024)
2023 के मुकाबले, इस साल दान में वृद्धि देखी गई है। Bajaj family ने 33% अधिक दान किया, जबकि Mukesh Ambani का योगदान भी स्थिर बना रहा। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत के उद्योगपति समाज कल्याण में अहम योगदान दे रहे हैं।
महत्वपूर्ण आंकड़े: कुल दान का प्रतिशत
Top 10 दानवीरों ने कुल ₹4,625 करोड़ का दान किया, जो इस सूची में दिए गए कुल दान का लगभग 53% है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़ी कंपनियों के शीर्ष पदाधिकारी और उनके परिवार कितने बड़े पैमाने पर philanthropy in India को आगे बढ़ा रहे हैं।
भारत के 10 सबसे बड़े दानवीर
- शिव नाडर फाउंडेशन और फैमिली – 2,153 करोड़ (कंपनी: शिव नाडर)
- मुकेश अंबानी फाउंडेशन और फैमिली – 407 करोड़ (कंपनी: रिलायंस)
- बजाज फैमिली – 352 करोड़ (कंपनी: बजाज ग्रुप ट्रस्ट)
- कुमार मंगलम बिड़ला और फैमिली – 334 करोड़ (कंपनी: आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन)
- गौतम अडानी और फैमिली – 330 करोड़ (कंपनी: अडानी फाउंडेशन)
- नंदन नीलेकणी – 307 करोड़ (कंपनी: नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज)
- कृष्णा चिगुकुल्ला – 228 करोड़ (कंपनी: आशा फाउंडेशन)
- अनिल अग्रवाल और फैमिली – 181 करोड़ (कंपनी: अनिल अग्रवाल फाउंडेशन)
- सुष्मिता और सुब्रतो बागची – 179 करोड़ (कंपनी: माइंडट्री)
- रोहिणी नीलेकणी – 154 करोड़ (कंपनी: रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज)
भारत के 10 सबसे बड़े पर्सनल फिलैंथ्रोपिस्ट
- शिव नाडर और फैमिली – 1,992 करोड़ (कंपनी: शिव नाडर फाउंडेशन)
- नंदन नीलेकणी – 295 करोड़ (कंपनी: नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज)
- कृष्णा चिगुकुल्ला – 228 करोड़ (कंपनी: आशा फाउंडेशन)
- सुष्मिता और सुब्रतो बागची – 179 करोड़ (कंपनी: माइंडट्री)
- रोहिणी नीलेकणी – 154 करोड़ (कंपनी: रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज)
- एस गोपालकृष्णन और फैमिली – 135 करोड़ (कंपनी: प्रतिष्ठा ट्रस्ट)
- रंजन पई और फैमिली – 125 करोड़ (कंपनी: मणिपाल फाउंडेशन)
- कुमार मंगलम बिड़ला और फैमिली – 97 करोड़ (कंपनी: आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन)
- कोचौसेफ चिट्टिलाप्पिली और फैमिली – 89 करोड़ (कंपनी: के चिट्टिलाप्पिली फाउंडेशन)
- गोपीचंद हिंदुजा और फैमिली – 83 करोड़ (कंपनी: हिंदुजा ग्रुप)
भारत के सबसे युवा दानवीर
- विवेक वकील (35 वर्ष) – 8 करोड़ (कंपनी: एशियन पेंट्स)
- माधवकृष्ण सिंघानिया (36 वर्ष) – 8 करोड़ (कंपनी: जेके सीमेंट)
- सार्थक सिंह (38 वर्ष) – 7 करोड़ (कंपनी: अल्केम लेबोरेटरीज)
- निखिल कामथ (38 वर्ष) – 120 करोड़ (कंपनी: ज़ेरोता फाउंडेशन)
- वरुण अमर वकील (40 वर्ष) – 7 करोड़ (कंपनी: एशियन पेंट्स)
- रायचपत सिंघानिया (40 वर्ष) – 8 करोड़ (कंपनी: जेके सीमेंट)
- बिबिन बंसल (41 वर्ष) – 18 करोड़ (कंपनी: – )
- अदार पूनावाला (43 वर्ष) – 142 करोड़ (कंपनी: पूनावाला चैरिटेबल फाउंडेशन)
- भैरवी वकील (44 वर्ष) – 8 करोड़ (कंपनी: एशियन पेंट्स)
- अमृता वकील (44 वर्ष) – 7 करोड़ (कंपनी: एशियन पेंट्स)
*नोट: कुछ मामलों में फैमिली के साथ दिया गया दान।
सोर्स: हुरुन इंडिया 2024 लिस्ट
2017 से 4 गुना बढ़ा है डोनेशन
- 2017: ₹2,334 करोड़
- 2018: ₹2,318 करोड़
- 2019: ₹4,400 करोड़
- 2020: ₹11,984 करोड़
- 2021: ₹14,755 करोड़
- 2022: ₹5,623 करोड़
- 2023: ₹8,445 करोड़
- 2024: ₹8,783 करोड़
शिक्षा के क्षेत्र में दान का महत्व
शिव नाडर और अन्य शीर्ष दानवीरों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किया गया योगदान एक बड़ा संकेत है कि भारतीय परोपकारी क्षेत्र शिक्षा को सामाजिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण मानता है। यह पहल भारत की नई पीढ़ी के लिए एक मजबूत भविष्य बनाने में सहायक साबित हो सकती है।
Hurun Philanthropy List 2024 की रिपोर्ट में भारतीय परोपकारी प्रयासों का गहरा महत्व सामने आया है। इसके बाद, यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी जा रही है जो इस रिपोर्ट से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालती है।
शिव नाडर की परोपकारी विरासत
Shiv Nadar का नाम न केवल भारत बल्कि विश्व के प्रमुख दानवीरों में गिना जाता है। Shiv Nadar Foundation ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है, जिससे लाखों विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो रही है। उनका दृष्टिकोण यह है कि शिक्षा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योगदान उनके फाउंडेशन के विभिन्न शिक्षा-आधारित कार्यक्रमों से देखा जा सकता है, जैसे कि SSN College of Engineering और अन्य शैक्षिक संस्थाएं।
मुकेश अंबानी के दान का प्रभाव
Mukesh Ambani का दान मुख्य रूप से Reliance Foundation के जरिए किया जाता है, जो शिक्षा के अलावा स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास में भी काम करता है। अंबानी परिवार ने शिक्षा को एक प्रमुख प्राथमिकता बनाया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का स्तर ऊंचा उठ सके। उनके इस योगदान से लाखों लोगों की जिंदगियां बदल रही हैं और देश में समग्र विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी का बढ़ता महत्व
भारत के प्रमुख उद्योगपति अपने CSR (Corporate Social Responsibility) कार्यक्रमों के जरिए सामाजिक सुधारों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। CSR initiatives के तहत, शिक्षा को खास प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे समाज के वंचित तबकों को भी समान अवसर मिल सके। ऐसे दान भारतीय समाज में दीर्घकालिक सुधार और उन्नति के संकेत देते हैं।
शिक्षा क्षेत्र में निवेश का प्रभाव
Top Indian philanthropists 2024 की इस सूची से स्पष्ट होता है कि शिक्षा का क्षेत्र भारत के परोपकारी कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर है। निवेश का यह रुझान न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी संवारने में सहायक होगा।
Hurun Philanthropist List 2024 यह दिखाती है कि भारत के उद्योगपति समाज कल्याण और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। शिव नाडर, मुकेश अंबानी और बजाज परिवार जैसे प्रमुख उद्योगपतियों के दान ने यह साबित कर दिया है कि भारत में philanthropy का स्तर बढ़ रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में बड़े दान से देश की नई पीढ़ी को बेहतर अवसर मिलेंगे और एक मजबूत भविष्य का निर्माण हो सकेगा।
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