फ्रेशवर्क्स के 660 कर्मचारियों की छंटनी पर श्रीधर वेम्बू की कड़ी प्रतिक्रिया Read it later

zoho sridhar vembu: चेन्नई स्थित प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी Freshworks ने हाल ही में अपने 660 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की, जिससे उनके कुल कर्मचारियों का लगभग 13% प्रभावित हुआ। यह निर्णय तब लिया गया जब कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 22% की राजस्व वृद्धि दर्ज की और उसके पास एक अरब डॉलर की नकदी उपलब्ध थी। इस कदम की Zoho के संस्थापक Sridhar Vembu ने कड़ी आलोचना की है। वेम्बू ने इसे कर्मचारियों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना और ‘अमेरिकी कॉर्पोरेट लालच’ का एक उदाहरण बताया है।

वेम्बू की आलोचना और तर्क (zoho sridhar vembu)

वेम्बू (zoho sridhar vembu) ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “अगर एक कंपनी के पास $1 बिलियन नकद हो, जो उसकी वार्षिक आय का लगभग 1.5 गुना है, और वह 20% की वृद्धि दर से बढ़ रही हो, फिर भी 12-13% कर्मचारियों की छंटनी करना गलत है। इस कदम के पीछे $400 मिलियन के stock buyback की योजना भी है।” वेम्बू ने यह भी कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों से वफादारी की उम्मीद नहीं कर सकती जब वह संकट की स्थिति में नहीं होते हुए भी उन्हें नौकरी से निकाल रही हो।

कंपनियों की जिम्मेदारी पर जोर

वेम्बू (zoho sridhar vembu) ने यह भी कहा कि मुनाफा कमा रही कंपनियों को अपने कर्मचारियों की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कंपनी के नेतृत्व में इतनी vision और imagination की कमी है कि वे इन कर्मचारियों का उपयोग किसी नए व्यापार क्षेत्र में नहीं कर सकते।

उन्होंने लिखा, “क्या तकनीकी क्षेत्र में नई परियोजनाएं नहीं हैं जिनमें इन कर्मचारियों का उपयोग किया जा सके? क्या कंपनी के नेतृत्व में इतनी सहानुभूति की कमी है कि वह कर्मचारियों को यूं ही हटा रहा है?”

‘शेयरहोल्डर फर्स्ट’ नीति की आलोचना की

वेम्बू ने उन कंपनियों की ‘शेयरहोल्डर फर्स्ट’ पॉलिसी की आलोचना की जो केवल लाभ बढ़ाने के लिए कर्मचारियों का ‘use and throw’ की तरह व्यवहार करती हैं। वेम्बू ने कहा कि यह न केवल अस्थिर है बल्कि समाज में दरार भी पैदा करता है। इसके विपरीत, Zoho की नीति है कि वह अपने customers और employees को प्राथमिकता देती है।

फ्रेशवर्क्स का निर्णय और भारतीय उद्योग पर प्रभाव

फ्रेशवर्क्स का यह निर्णय भारतीय तकनीकी उद्योग में एक नई बहस को जन्म देता है। Layoff decisions का बढ़ता चलन भारत में काम करने के तरीके पर अमेरिका के प्रभाव को उजागर करता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की छंटनी से कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ती है और यह दीर्घकालिक रूप से कंपनी के लिए हानिकारक हो सकता है।

भारतीय तकनीकी क्षेत्र और नैतिक दृष्टिकोण

भारतीय तकनीकी कंपनियों को अमेरिका की तुलना में एक अलग नैतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। वेम्बू (zoho sridhar vembu) का कहना है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों की दीर्घकालिक भलाई को ध्यान में रखना चाहिए और तात्कालिक लाभ के बजाय स्थिरता पर जोर देना चाहिए।

छंटनी का तात्कालिक और दीर्घकालिक प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि employee layoffs का तात्कालिक प्रभाव कंपनी के खर्च को कम कर सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह कर्मचारियों में वफादारी और कंपनी की ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

बताया क्या कहती है Zoho की नीति?

Zoho एक ऐसी कंपनी है जो अपने कर्मचारियों को प्रायोरिटी देती है और उन्हें अपनी सबसे बड़ी संपत्ति मानती है। वेम्बू ने कहा कि Zoho’s philosophy ने उन्हें समाज में स्थिरता और दीर्घकालिक संबंध बनाने में मदद की है। उनका मानना है कि कंपनी के फायदे से पहले ग्राहकों और कर्मचारियों का सम्मान जरूरी है।

अमेरिकी कॉर्पोरेट का दुनिया पर प्रभाव बढ़ता जा रहा

वेम्बू ने चेताया कि ‘अमेरिकी कॉर्पोरेट लालच’ का प्रभाव भारतीय कंपनियों में दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा, “यह अफसोसजनक है कि हम इसे भारत में आयात कर रहे हैं। इसका परिणाम अमेरिका में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की निराशा है, और हम इसे भारत में भी ला रहे हैं।”

 

फ्रेशवर्क्स के CEO डेनिस वुडसाइड ने इस तरीके से अपने कर्मचारियों को बयान दिया था

फ्रेशवर्क्स के CEO डेनिस वुडसाइड ने छंटनी की घोषणा करते हुए कहा: “नवंबर 2024 में, कंपनी ने एक रिऑर्गनाइज्‍ड प्‍लान अपनाया है, जिसका उद्देश्य कंपनी की के टैलेंट को उसकी स्‍ट्रेटेजिक प्रायोरिटीज के साथ बेहतर तरीके से अलाइन करना और ऑपरेशनल एफ‍िशिएंसी में सुधार करना है।

कंपनी का अनुमान है कि इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों की संख्या में लगभग 13% की कमी होगी और 2024 की चौथी तिमाही में लगभग $11 मिलियन से $13 मिलियन के खर्च होंगे, जिसमें मुख्य रूप से कर्मचारियों के सेपरेशन से संबंधित भुगतान, कर्मचारी लाभ और संबंधित खर्च शामिल हैं।

कंपनी उम्मीद करती है कि यह योजना 31 दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के अंत तक काफी हद तक पूरी हो जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा, “ऐसा डिसीजन लेना, जो लोगों की ज़िंदगियों को प्रभावित करता है, कभी भी आसान नहीं होता और मेरा दायित्व है कि मैं इस निर्णय के कैसे और क्यों लिए जाने के बारे में पारदर्शी रहूं।

मैं उन सभी लोगों के प्रति अत्यंत आभारी हूं जो फ्रेशवर्क्स से जाने वाले हैं और जिन्होंने कंपनी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भले ही यह एक अप्रत्याशित तरीके से आपके समय का अंत हो, मुझे उम्मीद है कि आप यहां किए गए अपने प्रभाव पर गर्व महसूस करेंगे।”

 

 

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