गुरुवार 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र दिन-रात भर रहेगा। इस दिन गुरुवार होने के कारण यह गुरु पुष्य योग बन रहा है। इस पूरे दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। इस बार 677 साल बाद गुरु पुष्य नक्षत्र पर गुरु और शनि की दुर्लभ युति बन रही है।
वाराणसी के ज्योतिषी पं. वल्लभ शर्मा के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष को आने वाले पुष्य नक्षत्र में दिवाली से पहले नई चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तुएं शुभ होती हैं। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं। शनिवार के दिन या शनि के नक्षत्र में जो भी कार्य किया जाता है। वह लंबे समय तक चलता रहता है। ऐसी मान्यता है।
677 साल बाद गुरु-शनि का दुर्लभ योग
इस वर्ष बृहस्पति और शनि एक साथ मकर राशि में हैं, जिस पर शनि का शासन है। दोनों ग्रह पथ बने रहेंगे और इन ग्रहों पर चंद्रमा की दृष्टि भी रहेगी। जिससे गजकेसरी योग भी बनेगा। चंद्रमा धन का कारक ग्रह है और यह योग हर दृष्टि से शुभ रहेगा। 677 साल पहले 5 नवंबर, 1344 को गुरु-शनि की युति मकर राशि में हुई थी और गुरु पुष्य योग बना था।
गुरु पुष्य नक्षत्र में कर सकते हैं निवेश
इस योग में निवेश भी किया जा सकता है। यह निवेश लंबे समय में लाभदायक हो सकता है। ध्यान रहे कि निवेश किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही करें। बृहस्पति देवताओं का गुरु है और शनि गुरु का स्थान रखता है, साथ ही बृहस्पति और शनि के बीच कोई शत्रुता नहीं है। इसलिए पुष्य नक्षत्र गुरुवार को आना बहुत शुभ माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र पर करें दान-पुण्य
पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी के साथ-साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को नए कपड़े, अनाज, जूते और पैसे दान करने चाहिए। गौशाला में गाय और हरी घास की देखभाल के लिए धन दान करें। इस दिन किसी मंदिर में पूजा सामग्री चढ़ाएं। भगवान शिव को बेसन के लड्डू चढ़ाएं। शिवलिंग पर चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं।
हर राशि के लिए शुभ
गुरु पुष्य संयोग हर राशि के लिए शुभ और लाभकारी होता है। इस शुभ संयोग में सभी प्रकार की खरीदारी और निवेश किया जा सकता है। यह शुभ संयोग सभी राशियों के लिए सुख-समृद्धि लेकर आएगा।
सभी राशि के लोग अपनी सुविधा के अनुसार हर तरह की चीजें खरीद सकते हैं। अगर किसी को आर्थिक परेशानी है तो उस हिस्से को ही सही सोना या चांदी खरीदना चाहिए। यह आने वाले समय में शुभ साबित हो सकता है।
तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति
बनारस के ज्योतिषी डॉ. दीपक मिश्र का कहना है कि 28 अक्टूबर गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के कारण शुभ नाम बन रहा है. इसके साथ ही सूर्य-चंद्रमा साध्य और रवि योग भी बना रहे हैं। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग भी रहेगा।
इसके साथ ही चंद्रमा और बृहस्पति के संबंध के कारण गजकेसरी नाम का राजयोग भी बन रहा है। इस प्रकार तिथि, युद्ध, नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण दिन में 5 शुभ योग बनेंगे।
गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग
डाॅ दीपक मिश्र के अनुसार गुरुवार को पुष्य नक्षत्र शुभ योग बना रहा है जो सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ाता है. गुरुवार का दिन होने के कारण इस योग में परिवार के भरण पोषण में सहायक चीजों की खरीदारी हो सकती है। गुरु-पुष्य योग में औषधि और खाद्य पदार्थ खरीदना चाहिए।
इस योग में शुभ और नए कार्य, निवेश, सुख-सुविधा की चीजों की खरीद, संपत्ति, वाहन, अग्नि, शक्ति-ऊर्जा बढ़ाने वाली चीजें और सोने और तांबे से बनी चीजें शुरू करना बहुत शुभ होता है।
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