Tree Plantation In Shraadh Paksh: श्राद्ध दिवस में पितृों को भोग‚ पिंडदान और ब्राह्मण भोजन के साथ पौधे रोपित करने का भी ग्रंथों में विधान है। हिंदू मान्यता के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पौधे लगाने से पितृतों को तृप्ति मिलती है। कई पौधे पॉजिटिविटी को बढ़ाते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में कहा गया है कि शास्त्रों में वर्णित शुभ पौधों को पितृ पक्ष में लगाने से पितरों का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है।
काशी के ज्योतिषाचार्य पुरुषोत्तम मिश्र बताते हैं कि पीपल में भी देवताओं के साथ पितृों का भी वास होता है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में पीपल का वृक्ष विशेष रूप से लगाना चाहिए। इसके साथ ही बरगद, नीम, अशोक, बिल्व पत्र, तुलसी, आंवला और शमी के पेड़ लगाने से पर्यावरण को स्वच्छ रखने में जातक भागीदार बनते हैं और पितरों के साथ देवता भी प्रसन्न हो आशीर्वाद देते हैं।
यहां जानिए किन पेड़- पौधों में होता है कौनसे देवता का निवास (Tree and religion)
- पीपल: पीपल को पवित्र माना जाता है। पुराणों में उल्लेखि है कि इस वृक्ष में पितृ निवास करते हैं। इसलिए जातकों को दूध में जल और काले तिल मिलाकर पीपल के पेड़ अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि इससे पितृों को संतुष्टि मिलती है।
- बरगद: इसी तरह शास्त्र के अनुूसार बरगद यानी वट वृक्ष को जीवनदायिनी व मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना गया है। वट वृक्ष को साक्षी मानकर ही मां सीता ने राजा दशरथ का पिंड दान किया था। मान्यता है कि वट वृक्ष पर जल चढ़ाकर परिक्रमा लगाने से पितृों को तृप्ति मिलती है।
- बिल्वपत्र: मान्यता है कि बिल्वपत्र के पेड़ में देवी लक्ष्मी निवास करती हैं वहीं इसके पत्तों में भगवान विष्णु का वास माना गया है। महादेव को विष्णु अतिप्रिय हैं। इसलिए शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने का विधान है। हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु पूजन से पितृ प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं। इसललिए वट वृक्ष को दूध में गंगाजल मिलाकर भी चढ़ाने का विधान है।
- अशोक: अशोक के पेड़ को शुभ माना जाता है। इसमें भी भगवान विष्णु निवास करते हैं। इसलिए इस वृक्ष को लगाकर पूजन करने से पितृ देव प्रसन्न रहते हैं।
- तुलसी: वहीं तुलसी का पौधा लगाकर पूजन करने से भगवान विष्णु अतिप्रसन्न होते हैं। ऐसे में जब भगवान विष्णु की प्रसन्नता से पितरों की भी संतुष्टि मिलती है। इसलिए पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा जरूर से रोपना चाहिए। वहीं प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करने से पितरों को भी संतुष्टि मिलती है।
- कदंब का पेड़: कदंब के पेड़ पर मां लक्ष्मी का निवास माना जाता है। हिंंदू धर्म में मान्यता है कि कदंब के पेड़ के नीचे बैठकर यज्ञ करने से मां लक्ष्मी जी की असीम कृपा प्राप्त होती है और परिवार में खुशियों आती है और कायम रहती हैं।
- दूब घास: सनातन धर्म में माना जाता है कि दूब घास गणेश जी को अति प्रिय है, प्रति बुधवार को हल्दी लगाकर दूब घास गणेशजी को चढ़ाने से आपके काम में आ रही हर प्रकार की बाधाएं दूर होने लगती हैं और आपको शुभ लाभ की प्राप्ति होती है।
Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। थम्सअप भारत किसी भी तरह की मान्यता की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी धार्मिक कर्मकांड को करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।
अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि और मान्यता:ये पर्व 9 सितंबर को, इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा से दूर होती है परेशानियां
पंचांग अपडेट : 29 दिन का सावन,2 दिन पूर्णिमा, 11 अगस्त को रक्षाबंधन और 12 को स्नान-दान का पर्व, जानिए श्रावण मास क्यों है खास
ग्रह-नक्षत्र का शुभ-अशुभ प्रभाव: इस माह शनि के राशि परिवर्तन और अंगारक योग से राशियों पर होगा असर, जानिए कौन जातक संभलें और किसका होगा बेहतर समय
सूर्य बदल रहे राशि :15 जुलाई तक मिथुन राशि में रहेंगे सूर्य देवता, इन राशियों के लिए रहेगा शानदार समय
Hindu-Marriage 2022: आखिर असुर, राक्षस, पैशाच, ब्रह्म, देव और गंधर्व विवाह क्या होते हैं? किस तरह से विवाह करने का जीवन पर क्या असर होता हैॽ