वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए बजट पेश करेंगी। लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि कोरोना महामारी में नेशनल लॉकडाउन से रैवेन्यू भी डाउन हुआ है ऐसे में सरकार के पास बहुत अधिक प्रोत्साहन देने की गुंजाइश नहीं है। वहीं आयकर छूट को लेकर इस साल लोगों को सरकार से कई उम्मीदें हैं।
टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ सकती है
सरकार अन्य कर बचत निवेशों सहित धारा 80 सी और धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत अधिकतम कर छूट सीमा बढ़ा सकती है। इससे सरकार को लंबे समय के लिए एक निश्चित दर पर धन जुटाने में मदद मिलेगी।
कोविड -19 से संबंधित खर्चों पर कटौती
केंद्र सरकार बजट में कोरोना महामारी के कारण अस्पताल में भर्ती के खर्च में छूट को परमिशन दे सकती है। यानि आप यदि कोरोना महामारी में अस्पताल में भर्ती हुए हैं तो आपको आइटीआर फिलिंग के दौरान इसका लाभ् उठा सकते हैं
टैक्स सेविंग बॉन्ड की नई कैटेगिरी
अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए, सरकार बजट में कोविद बांड की तरह एक नई कैटेगिरी में कर बचत बॉन्ड पेश कर सकती है। सरकार इन बॉन्ड पर कर कटौती की सुविधा दे सकती है।
नॉन रेजिडेंट निवेशकों को कर प्रोत्साहन
विदेशी निवेशकों को रिझाने करने के लिए, सरकार कंप्लॉयंस को कम कर सकती है और नॉन रेजिडेंट इन्वेस्टमेंट के लिए आकर्षक कर प्रोत्साहन की घोषणा कर सकती है।
आयकर सीमा बढ़ने की उम्मीद
इस बजट में, सरकार फिर से एकल कर स्लैब में लाने पर विचार कर सकती है और 7.5 लाख रुपये से कम आय कर मुक्त घोषित कर सकती है।
घर के खर्च से काम पर कर प्रोत्साहन
नियोक्ता (नियोक्ता) द्वारा कर्मचारी को दिए गए घर के भत्ते / प्रतिपूर्ति से काम कर्मचारी के लिए गैर-कर योग्य हो सकता है। यह नियोक्ता को अपने व्यावसायिक खर्चों में दिखाने की अनुमति दे सकता है।
डेट फंडों की एलटीसीजी होल्डिंग अवधि में कमी
सरकार ऋण-उन्मुख विकास म्यूचुअल फंड से पूंजीगत लाभ के लिए होल्डिंग अवधि को कम करने पर विचार कर सकती है। बजट में इसे 36 महीने से घटाकर 12 महीने किया जा सकता है।