Bollywood Nostalgia : जब भगवान दादा के थप्पड़ से फट गया था ललिता पंवार के कान का पर्दा Read it later

जब भगवान दादा के थप्पड़ से फट गया था ललिता पंवार के कान का पर्दा

कई फिल्मों में तेज तर्रार मां और सास का किरदार निभा चुकीं ललिता पवार अभिनय में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। 9 साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखने वाली ललिता पवार ने कई दशकों तक एक के बाद एक फिल्मों में शानदार काम किया और सिनेप्रेमियों के दिलों छाप छोड़ी। ल​लिता पंवार ने लगभग 700 फिल्मों में काम करने का रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने भले ही एक चरित्र कलाकार के रूप में फिल्मों में अपनी साख बनाई हो, लेकिन वह हमेशा एक अभिनेत्री ही बनना चाहती थीं, लेकिन उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था। 


ललिता कभी स्कूल नहीं जा पाईं

ललिता कभी स्कूल नहीं जा पाईं


ललिता पंवार का रियल नेम अंबा था। ललिता कभी स्कूल नहीं जा पाईं, क्योंकि उस समय लड़कियों को स्कूल भेजना ठीक नहीं समझा जाता था। ललिता ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू किया। ललिता ने पहली बार मूक फिल्म में काम किया था जिसकी एवज में उन्हें 18 रुपये दिए गए थे।

कई फिल्मों और सीरियल्स में काम किया

80 के दशक की लोकप्रिय नायिका ललिता पवार 1916 को नासिक में जन्मीं और उनका निधन 1998 को पुणे में अपने घर में अकेले ही पड़े पड़े हो गया था। ललिता ने अपने अभिनय के दौरान कई फिल्मों और सीरियल्स में काम किया। 

को-स्टार भगवान दादा को एक सीन में ललिता को थप्पड़ मारना

को-स्टार भगवान दादा को एक सीन में ललिता को थप्पड़ मारना


1942 में आई फिल्म जंग-ए-आजादी की शूटिंग के दौरान उनके को-स्टार भगवान दादा को एक सीन में ललिता को थप्पड़ मारना पड़ा था। 

उन्होंने ललिता को इतना तेज से थप्पड़ मारा कि वह गिर पड़ी और उनके कान से खून बह निकला। इस इलाज के दौरान डॉक्टर की ओर से दी गई गलत दवा ने भी कहर बरपाया। 

गलत दवा की वजह से ललिता पवार के शरीर का दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। वहीं लकवा होने की वजह से उनकी दाहिनी आंख सिकुड़ गई और चेहरा खराब हो गया। 

इस घटना के बाद ललिता पवार को काम मिलना भी बंद हो गया। फिर  1948 में उन्होंने निर्देशक एसएम युसूफ की फिल्म ‘गृहस्थी’ से अपनी एक आंख के साथ फिल्मों कमबैक किया।।

फिल्मों में तेज तर्रारा सास के रोल मिले

Malaika Arora Father

ललिता को फिल्मों में तेज तर्रारा सास के रोल मिलने लगे। इस दौरान भी ललिता ने कोई मौका नहीं छोड़ा और उन्होंने फिल्म अनाड़ी (1959), मेम दीदी (1961) में मिसेज राय और श्री 420 (1955) में बेहतरीन अभिनय किया।

 लेकिन रामानंद सागर के ऐतिहासिक धारावाहिक रामायण में ललिता पवार को मंथरा की भूमिका में उनके जबरदस्त अभिनय के लिए आज भी याद किया जाता है।

गणपत को ललिता की छोटी बहन से प्यार हो गया

गणपत को ललिता की छोटी बहन से प्यार हो गया


ललिता की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनके पहले पति गणपतराव ने उन्हें धोखा दिया था। गणपत को ललिता की छोटी बहन से प्यार हो गया। बाद में ललिता ने निर्माता राजप्रकाश गुप्ता से शादी की। 

अपने करियर में 700 फिल्मों में अभिनय का हुनर ​​दिखाने वाली अभिनेत्री ने पुणे में अपने छोटे से बंगले ‘आरोही’ में अकेले ही पड़े पड़े दम तोड़ दिया था।

दरअसल उस समय उनके पति राजप्रकाश अस्पताल में भर्ती थे और बेटा अपने परिवार के साथ मुंबई में था। 

तीन दिन बाद उनकी मौत की खबर तब मिली जब बेटे ने फोन किया और किसी ने नहीं उठाया। पुलिस को घर का दरवाजा तोड़कर ललिता पवार की तीन दिन पुरानी लाश मिली थी।

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