कवि की हुंकार : आरोप लगाने वालों से मनोज मुन्तशिर ने कहा – राष्ट्रवादी होने की सजा मिल रही है, वीडियो जारी कर बोले, इसे मेरी सफाई नहीं बल्कि जवाब समझा जाए Read it later

मनोज मुन्तशिर ने कहा - राष्ट्रवादी होने की सजा मिल रही है

बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर पर फिल्म केसरी के गाने ‘तेरी मिट्टी में मिल जांवा’ के बोल चोरी करने का आरोप लगने के बाद विवाद खड़ा हुआ तो उन्होंने एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि ये मेरी सफाई नहीं है, इसे मेरा जवाब माना जाए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि मेरी कोई भी रचना 100% ओरिजनल नहीं है, मुझे राष्ट्रवादी होने की सजा दी जा रही है।

इसे सफ़ाई नहीं, मेरा जवाब समझा जाए! 🙏https://t.co/glzcva7LKh pic.twitter.com/UTvd1HXceG

— Manoj Muntashir (@manojmuntashir) September 23, 2021

मेरे गीत शायरी से प्रेरित – मुंतशिर

मनोज ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा- “मेरी कोई भी रचना 100% मूल नहीं है। मेरे खिलाफ एक याचिका दायर करें। मैं माननीय न्यायालय के हर फैसले को स्वीकार करने को तैयार हूं। तेरी गलियां की अंतरा मोमिन की एक शेर से प्रेरित थी। 

तेरे संग यारा की पंक्तियाँ फिराक गोरखपुरी के शेर से आती हैं। तेरी मिट्टी का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है, लेकिन मेरा नाम शायद ही कहीं उल्लेख किया गया है। मैं रुकने वाला नहीं हूं, हार मानने वाला नहीं हूं। केवल अपनी मेहनत और कला के बल पर मैं गौरीगंज की पगडंडियों से मैं सफलता राजपथ पर पहुंचा हूं।  

मेरा पूरा नाम मनोज मुंतशिर शुक्ला है और मुझे इस पर गर्व है

उन्होंने आगे कहा- “मुझे राष्ट्रवादी होने की सजा मिल रही है। उन्होंने कहा कि एक बार मुझे कलंकित करने वाले ये तय कर लें कि आपके लिए मुझे रोकना असंभव है। देखें कि क्या मैंने वहां रॉबर्ट लीवरी का नाम लिया है। यह काम आज से शुरू करें।” जारी रखें। मेरा पूरा नाम मनोज मुंतशिर शुक्ला है और मुझे अपने पूरे नाम पर गर्व है।”

आरोप साबित हुआ तो लिखना बंद कर दूंगा

आरोप साबित हुआ तो लिखना बंद कर दूंगा

इससे पहले मनोज ने कहा था- ”अगर आरोप साबित हो गए तो मैं हमेशा के लिए लिखना बंद कर दूंगा। जो लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं, कृपया जाकर देखें कि वह वीडियो हमारी फिल्म केसरी की रिलीज के कई महीने बाद अपलोड किया गया है। और आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सिंगर पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारतीय लोक गायिका गीता रबारी हैं। आप उन्हें कॉल करके भी चेक कर सकते हैं।

अपनी किताब को लेकर विवादों में घिरे मुंतशिर

असल में मनोज मुंतशिर साल 2018 में आई अपनी किताब ‘मेरी फितरत है मस्ताना’ को लेकर भी विवादों में घिर चुके हैं। इस किताब की कविता साल 2007 में रॉबर्ट जे. लेवरी की कविता से काफी मिलती-जुलती है। एक ट्विटर यूजर ने दो तस्वीरें शेयर की हैं। यह दर्शाता है कि मनोज मुंतशिर की कविता ‘कॉल मी’ रॉबर्ट की ‘कॉल मी’ का पूर्ण हिंदी अनुवाद है।

इस पर मनोज ने कहा था, ‘क्या आप 200 पेज की किताब और 400 फिल्म-गैर-फिल्मी गानों में से सिर्फ 4 लाइन ही ढूंढ पाए? बेहद आलसी? मेरी और बाकी लेखकों की और भी पंक्तियाँ खोजें। तब मैं फुर्सत में एक साथ उत्तर दूंगा।

मनोज बोले, मुगलों के खिलाफ आवाज उठाने पर लग रहे आरोप

मनोज बोले, मुगलों के खिलाफ आवाज उठाने पर लग रहे आरोप

इंटरव्यू में जब पूछा गया कि अचानक उन पर इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, तो लेखक ने जवाब दिया, ‘लोग मुझ पर हमला कर रहे हैं क्योंकि मैंने मुगलों के खिलाफ एक वीडियो बनाया था जिसमें मैंने उन्हें कई कड़े शब्दों के साथ मुगलों को ग्लोरिफाइड डकैत कहा था। आगे लिरिक्स और राइटर्स मनोज मुन्तशीर ने जवाब देते हुए ट्रोलर्स से  कहा, ‘अगर यह साबित हो गया कि तेरी मिट्टी गाना किसी की कॉपी है तो मैं हमेशा के लिए लिखना बंद कर दूंगा।’

कैसे शुरू हुआ विवाद?

मामला तब तूल पकड़ गया जब एक ट्विटर यूजर ने दो तस्वीरें शेयर कीं जिसमें दिखाया गया कि मनोज मुंतशिर की कविता ‘कॉल मी’ रॉबर्ट जे. ज्यूरी की ‘कॉल मी’ का पूरा हिंदी अनुवाद है। 

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