किसान आंदोलन पर नसीरुद्दीन शाह: बॉलीवुड की चुप्पी पर कहा – सेलेब्स इतना कमा चुके हैं कि 7 पुश्तें बैठे खा सकती हैं‚ फिर डर क्‍या खोने का है? Read it later

naseeruddin shah
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नसीरुद्दीन शाह ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर बॉलीवुड के दिग्गजों की चुप्पी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘हमारी फिल्म उद्योग की बड़ी हस्‍तियां चुप बैठी हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि बहुत कुछ खो सकता है। अरे भाई, जब आपने इतने पैसे कमा लिए हैं कि आपकी 7 पुश्तें बैठकर खा सकती हैं, तो आपको क्‍या खो जाने  का डर है। 

‘खामोश रहना जुल्‍मी की तरफदारी’

नसीरुद्दीन ने कहा, ‘अगर सब कुछ नष्ट हो जाता है तो आप अपने दुश्मनों का शोर नहीं सुनेंगे। आपको अपने दोस्तों की चुप्पी ज्यादा पसंद आएगी। हम यह नहीं कह सकते हैं कि अगर किसान कड़ाके की सर्दी में वहां बैठे हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मुझे उम्मीद है कि किसानों का यह प्रदर्शन फैल जाएगा और आम जनता इसमें शामिल होगी। यह होना ही है। मेरा मानना ​​है कि चुप रहना जुल्‍मी की तरफदारी है। ‘

‘अगर कोई कहता है कि उसे हिंदी फिल्में पसंद नहीं हैं, तो उसे देशद्रोही कहा जाता है’

नसीरुद्दीन शाह ने देश के मौजूदा माहौल पर कहा कि अगर आज के समय में हम यह भी कहते हैं कि हम भारतीय यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको राष्ट्र विरोधी बना दिया जाएगा। अगर आप कहते हैं कि हम हिंदुस्तानी एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते हैं, तो आप देशद्रोही हैं। अगर आप कहते हैं कि आपको हिंदी फिल्में पसंद नहीं हैं, तो आप देशद्रोही हैं। आपको पाकिस्तान जाना चाहिए। ‘

‘शाहीन बाग आंदोलन खत्म करने के लिए लगाया गया लॉकडाउन’

नसीरुद्दीन शाह ने लॉकडाउन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान दो से चार घंटे का समय देकर लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। पता नहीं यह उचित था या नहीं। सबकी अपनी-अपनी राय है। लेकिन शाहीन बाग के आंदोलन को तितर-बितर करना आवश्यक था। बड़ी अच्छी तरकीब थी और वही किया गया। अब जबकि बर्ड फ्लू फैल गया है, मुझे लगता है कि सरकार इसी बहाने किसानों के आंदोलन को भड़काएगी।

‘अब लव जिहाद का तमाशा’

शाह ने आगे कहा कि यूपी में लव जिहाद चल रहा है। एक, जिन्होंने इस जुमले का आविष्कार किया है, वे नहीं जानते कि इसका क्या मतलब है। दूसरा, मुझे विश्वास नहीं है कि कोई इतना मूर्ख होगा कि उसे वास्तव में यह महसूस होता है कि एक दिन इस देश में मुसलमानों की संख्या हिंदुओं से अधिक हो जाएगी। इसके लिए मुसलमानों को किस गति से बच्चे पैदा करने होंगे? 

मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है। कोई भी इस पर विश्वास नहीं करेगा। इस लव जिहाद का तमाशा केवल हिंदुओं और मुसलमानों की सामाजिक बातचीत को रोकने के लिए किया गया है कि आप शादी के बारे में तो सोच भी न पाएं।  आपका मिलना–जुलना भी रोक दिया जाएगा।  कोशिश तो यही की जारी है। हम आपकी मीटिंग रोक देंगे। यह प्रयास है।

Nasiruddin Shah | farmers protest | 

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