फाइबर ऑप्टिक के जनक व पंजाब के मोगा से ताल्लुक रखने वाले भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक नरेंद्र सिंह कपानी का 94 साल की उम्र में निधन Read it later

Narinder Singh Kapany: फाइबर ऑप्टिक के जनक कहे जाने वाले भारत में जन्मे अमेरिकी भौतिक विज्ञानी नरेंद्र सिंह कपानी का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने 94 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। कपाली का जन्म 31 अक्टूबर 1926 को पंजाब के मोगा में एक सिख परिवार में हुआ था।

 

कपानी के नाम पर 100 से अधिक पेटेंट

फाइबर ऑप्टिक शब्द की शुरुआत सबसे पहले 1956 में नरेंद्र सिंह कपानी ने की थी। उनके पास फाइबर ऑप्टिक संचार, लेजर, जैव-चिकित्सा उपकरण, सौर ऊर्जा और प्रदूषण निगरानी में 100 से अधिक पेटेंट हैं। प्रसिद्ध पत्रिका फॉर्च्यून में 22 नवंबर 1999 को प्रकाशित ‘बिजनेसमैन ऑफ द सेंचुरी’ के मुद्दे में सात ‘अनसंग हीरोज’ में नरेंद्र सिंह कपानी शामिल थे।

 

आगरा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया

नरेंद्र (Narinder Singh Kapany) कपानी ने इंपीरियल कॉलेज, लंदन से प्रकाशिकी में पीएचडी प्राप्त की। लंदन जाने से पहले, कपनी ने आगरा विश्वविद्यालय में भी अध्ययन किया। कपानी ने 100 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए थे। इसके अलावा, उन्होंने ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स और उद्यमिता पर 4 पुस्तकें लिखीं। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समाजों में व्याख्यान दिया है।

 

कपानी सिख फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष थे

एक दाता के रूप में, कपानी (Narinder Singh Kapany) सिख फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष थे। उन्होंने लगभग 50 वर्षों तक इस फाउंडेशन की प्रमुख गतिविधियों को वित्त पोषित किया। उन्हें कई पुरस्कार भी मिले। 1998 में, यूएस पेन-एशिया अमेरिकन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा कापन को ‘उत्कृष्टता 2000’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

 

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