Sexual Orientation:इस देश ने स्‍कूलों में सेक्‍स पर बात करने पर लागाई रोक Read it later

Sexual Orientation: अमेरिका में लैंगिक पहचान तेजी से बदल रही है, इसलिए माता-पिता के लिए लैंगिक शिक्षा के संबंध में सटीक जानकारी होना बेहद जरूरी है। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 3 लाख से ज्यादा ट्रांसजेंडर हैं। 2017 के बाद इनकी संख्या दोगुनी हो गई है।

आधे अमेरिकी राज्यों ने स्कूलों में लिंग और कामुकता (Sexual Orientation) के बारे में बात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। फ्लोरिडा में 12वीं तक के बच्चों के लिए ‘डोंट से गे’ बिल पास किया गया है। जो स्कूली बच्चों को कक्षा में उनके यौन अभिविन्यास (जेंडर पहचान) के बारे में बात करने से रोकेगा।

दरअसल हाउस रिपब्लिकन ने कानून पेश किया है कि कुछ आलोचक एक राष्ट्रीय “डोंट से गे” बिल के के तौर पर उसे एक्‍स्‍प्‍लेन कर रहे हैं – रिपोर्ट के अनुसार यह विवादास्पद फ्लोरिडा कानून से प्रेरित है जो तीसरी कक्षा की कक्षाओं के माध्यम से किंडरगार्टन में लिंग पहचान और सेक्‍स ओरिएंटेशन (Sexual Orientation) के निर्देश पर प्रतिबंध लगाता है।

सरकार का विरोध कर रहे प्रोटेस्‍टर्स का कहना है कि यदि संघीय बिल को कानून बनना था, जो कि वर्तमान कांग्रेस में संभव नहीं है, तो इसके (Sexual Orientation) प्रभाव कहीं अधिक व्यापक हो सकते हैं, यह न केवल स्कूलों में निर्देश को प्रभावित करते हैं, बल्कि किसी संघ द्वारा वित्त पोषित संस्थान में घटनाओं और साहित्य को भी प्रभावित करते हैं।

 

लैंगिक शिक्षा पर जोर देने की जरूरत

कई विशेषज्ञों का कहना है कि पेशेवर शिक्षकों की मदद के बिना परिवारों के लिए अपने बच्चों को लैंगिक शिक्षा देना आसान नहीं है। जेंडर शिक्षा (Sexual Orientation) विशेषज्ञों का सुझाव है कि अपने बच्चों के साथ जेंडर पर चर्चा करने से पहले माता-पिता को विषय की बारीकियों को बेहतर ढंग से समझने पर ध्यान देना चाहिए।

व्यक्ति अपने लिंग को कपड़े, बाल, व्यवहार, गतिविधियों के माध्यम से व्यक्त करता है। बच्चे के हाव-भाव में बदलाव का मतलब जरूरी नहीं है कि बच्चा ट्रांसजेंडर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों से लिंग की चर्चा करते समय उम्र को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बच्चे मीडिया, सहपाठियों और परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत के माध्यम से भी जेंडर (Sexual Orientation) जानकारी प्राप्त करते हैं।

सभी बच्चों को यह जानने की जरूरत है कि हर कोई प्यार और सम्मान का हकदार है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किससे पहचान रखते हैं। माता-पिता आपके बच्चे से उनके बीच अंतर और समानता के बारे में बात करें। इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि मतभेद नेगेटिव नहीं होते हैं, और अलग होने से यह बेहतर या बुरा नहीं होता है।

 

LGBT लोगों के अधिकारों की वकालत करने वाले मानवाधिकार अभियान ने प्रस्तावित कानून की निंदा की है

“माइक जॉनसन जैसे चरमपंथी हाउस रिपब्लिकन एलजीबीटीक्यू + अमेरिकियों की खुले तौर पर और ईमानदारी से अपना जीवन जीने की क्षमता पर अपना हमला जारी रखे हुए हैं। उनका कहना है कि एक संघीय ‘डोंट से गे या ट्रांस’ बिल … समुदाय को कलंकित करने और हाशिए पर डालने का उनका एक नया और दमनकारी प्रयास है। मानवाधिकार अभियान सरकारी मामलों के निदेशक डेविड स्टेसी ने एक बयान में कहा, यह निर्णय वास्तविक समस्याओं को हल करने के प्रयास में नहीं बल्कि केवल उनके चरमपंथी आधार को खत्म करने के लिए है।

 

 

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