Jeju Airplane Crash:लैंडिंग से पहले आया मौत का संदेश Read it later

Jeju Airplane Crash : क्या एक पक्षी की टक्कर ने 179 जिंदगियों की उड़ान छीन ली? जेजू एयर का विमान लैंडिंग के लिए तैयार था, लेकिन चंद मिनटों में सबकुछ बदल गया। विमान के लिए आखिरी कुछ मिनट किसी खौफनाक सपने से कम नहीं थे। पक्षी से टकराने की चेतावनी और लैंडिंग गियर की खराबी ने इस फ्लाइट को मौत की उड़ान में बदल दिया। इस त्रासदी के पीछे क्या सिर्फ एक तकनीकी खामी थी, या कुछ और?

दक्षिण कोरिया के मुआन एयरपोर्ट पर जेजू एयर का एक विमान क्रैश हो गया। विमान में 181 लोग (175 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स) सवार थे। हादसे में 179 लोगों की मौत हो गई, जबकि रेस्क्यू टीम ने 2 लोगों को जिंदा बचा लिया।

हादसे की टाइमलाइन:

सुबह 5:27 बजे: मुआन एयरपोर्ट के ATC ने पायलट को पक्षी टकराने (बर्ड स्ट्राइक) का अलर्ट जारी किया।

सुबह 5:28 बजे: पायलट ने इमरजेंसी ‘मेडे’ मैसेज भेजा।

सुबह 5:30 बजे: लैंडिंग गियर नहीं खुलने के कारण पायलट ने बेली लैंडिंग का प्रयास किया।

सुबह 5:33 बजे: विमान रनवे पर फिसलते हुए बाउंड्री वॉल से टकराया, जिससे जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई।

मरने वालों में 84 पुरुष और 85 महिलाएं शामिल हैं। फिलहाल 10 शवों की पहचान नहीं हो पाई है।

Jeju Airplane Crash 2024
फेंस से टकराते ही जोरदार धमाका हुआ, और देखते ही देखते विमान की बॉडी आग की लपटों में घिर गई, कुछ ही देर में प्‍लेन की पूरी बॉडी जलकर खाक हो गई।

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कैसे हुआ हादसा?

यह विमान थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से मुआन एयरपोर्ट आ रहा था। भारतीय समय के मुताबिक, हादसा रविवार सुबह 5:37 बजे (लोकल टाइम 9:07 बजे) हुआ।

लैंडिंग गियर की खराबी बनी कारण: (Jeju Airplane Crash)

  • विमान लैंडिंग के दौरान अपने गियर नहीं खोल सका।
  • पायलट ने इमरजेंसी में बेली लैंडिंग (बॉडी के बल विमान उतारना) की कोशिश की।
  • रनवे पर फिसलते हुए विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री से टकरा गया, जिससे उसमें आग लग गई।
पक्षियों के टकराने का अलर्ट मिला था

रॉयटर्स के अनुसार, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) ने लैंडिंग से पहले पायलट को पक्षियों के टकराने का अलर्ट दिया था।

  • कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान के विंग से पक्षी के टकराने से लैंडिंग गियर खराब हुआ।
  • प्लेन ने लैंडिंग के लिए दो बार कोशिश की। पहली बार गियर न खुलने पर प्लेन ने एयरपोर्ट का चक्कर लगाया।
  • दूसरी बार बिना गियर के बेली लैंडिंग की गई, जो हादसे में बदल गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन: आग बुझाने में लगे 43 मिनट

दमकल अधिकारियों के मुताबिक, आग बुझाने में 43 मिनट लगे। हालांकि, तब तक विमान पूरी तरह जल चुका था।

  • रेस्क्यू टीम ने विमान से सभी शव बाहर निकाल लिए हैं।
  • प्लेन के पिछले हिस्से में फंसे यात्रियों को निकालने की कोशिश जारी है।
  • विमान में 173 यात्री साउथ कोरिया और 2 यात्री थाईलैंड के नागरिक थे।
जीवित बचे लोग और पहचान प्रक्रिया
  • हादसे में जिंदा बचे 2 लोग क्रू मेंबर हैं।
  • 179 शवों में से 88 की पहचान हो चुकी है।
जेजू एयर के CEO का बयान

जेजू एयर के CEO किम ई-बे ने इस हादसे पर माफी मांगी और कहा:
“इस हादसे की जो भी वजह हो, मैं बतौर CEO पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।”

  • कंपनी ने राहत और बचाव कार्य के लिए हरसंभव प्रयास जारी रखा है।
  • अधिकारियों ने बताया कि विमान पिछले 15 वर्षों से ऑपरेशनल था और इससे पहले कभी दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ।

29 दिसंबर की रात 12:58 बजे, बैंकॉक के सुवर्णभूमि एयरपोर्ट से जेजू एयरलाइंस की फ्लाइट 7C2216 ने उड़ान भरी। विमान में 175 यात्री और 6 क्रू मेंबर समेत कुल 181 लोग सवार थे। इसे सुबह 5:40 बजे साउथ कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करना था।

ATC अलर्ट:
रॉयटर्स और AP के अनुसार, ATC ने पहले ही पक्षी टकराने का अलर्ट जारी किया था। मुआन के चीफ फायर ऑफिसर ली जंग-ह्यून ने कहा कि इस हादसे की जांच ‘बर्ड स्ट्राइक’ और मौसम के कारणों पर की जा रही है।

‘बर्ड स्ट्राइक’: क्या है और क्यों खतरनाक है?

‘बर्ड स्ट्राइक’ का मतलब:
ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के अनुसार, किसी पक्षी के विमान से टकराने को ‘बर्ड स्ट्राइक’ कहा जाता है। इसमें कभी-कभी जमीन पर मौजूद जानवरों जैसे हिरण, कुत्ते या खरगोश की टक्कर को भी शामिल किया जाता है।

आंकड़ों के मुताबिक:

90% ‘बर्ड स्ट्राइक’ घटनाएं रनवे के आसपास होती हैं।

2016-2021 के बीच, 68% घटनाएं दिन के समय और 19% रात में दर्ज की गईं।

एक 1.8 किलो का पक्षी तेज रफ्तार विमान से टकराने पर 3.5 लाख न्यूटन का फोर्स उत्पन्न करता है, जो किसी बुलेट के फोर्स से 130 गुना ज्यादा होता है।

ABC साइंस के अनुसार:
275 किमी/घंटा की रफ्तार से 5 किलो का पक्षी विमान से टकराने पर ऐसा प्रभाव डालता है, जैसे 100 किलो का भारी बैग 15 मीटर की ऊंचाई से जमीन पर गिरे।

‘बर्ड स्ट्राइक’ के प्रभाव क्‍या हो सकता है:

‘बर्ड स्ट्राइक’ के दौरान पक्षी विमान के एयरफ्रेम, विंग्स, इंजन, या विंडशील्ड से टकरा सकते हैं।

मुख्य प्रभाव क्‍या होता है:

  1. इंजन डैमेज: यदि पक्षी इंजन में फंस जाए, तो विमान का थ्रस्ट कम हो सकता है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ता है।
  2. विंडशील्ड डैमेज: पक्षी के टकराने से विंडशील्ड पर दरार आ सकती है, जिससे केबिन का वायु दबाव तेजी से घट सकता है।
  3. लैंडिंग गियर फेल: टकराव के कारण लैंडिंग गियर में खराबी आ सकती है।
  4. फ्लाइट कंट्रोल: विमान की स्थिरता और दिशा प्रभावित हो सकती है।

फैक्ट:
दुनिया में सबसे ज्यादा 11,300 फीट की ऊंचाई पर बर्ड स्ट्राइक के मामले सामने आए हैं।

‘बर्ड स्ट्राइक’ कितना खतरनाक हो सकता है?

यह इस पर निर्भर करता है:

  • पक्षी का वजन
  • पक्षी की उड़ान की गति
  • विमान से टकराने की दिशा
  • पक्षी की साइज
बर्ड स्ट्राइक से कैसे बचा जा सकता है?

बर्ड स्ट्राइक की संभावना एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की मौजूदगी से बढ़ जाती है। खुले इलाकों में बने एयरपोर्ट, खासतौर पर मानसून के दौरान, पानी के गड्ढों और कीड़ों के कारण पक्षियों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, एयरपोर्ट के आसपास लैंडफिल साइट्स और वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट भी पक्षियों की संख्या बढ़ाने में योगदान करते हैं।

ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के अनुसार, बर्ड स्ट्राइक के ज्यादातर मामले जुलाई-अगस्त के दौरान दर्ज होते हैं। इसे रोकने के लिए एयरपोर्ट्स में कई सावधानियां और उपाय अपनाए जाते हैं।

बर्ड स्ट्राइक से बचने के लिए 3 प्रमुख उपाय:
  1. स्पीकर का इस्तेमाल:
    • सिंगापुर एयरपोर्ट जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर विशेष वैन तैनात की जाती हैं।
    • इन वैन में गनशॉट और 20 तरह की आवाजें निकालने वाले स्पीकर होते हैं, जो पक्षियों को दूर भगाने में मदद करते हैं।
  2. लेजर गन:
    • भारत के सूरत एयरपोर्ट पर बर्ड स्ट्राइक से बचने के लिए लेजर गन का इस्तेमाल किया जाता है।
    • ये गन तेज रोशनी और आवाज निकालती हैं, जो पक्षियों का ध्यान भटकाने और उन्हें भगाने में प्रभावी होती हैं।
  3. शूटर्स की तैनाती:
    • कई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स पर पक्षियों को भगाने के लिए प्रशिक्षित शूटर्स तैनात किए जाते हैं।
    • उदाहरण के लिए, पाकिस्तान के लाहौर एयरपोर्ट ने 2022 में 12 दिन और 10 रात के शूटर्स नियुक्त किए थे, ताकि बर्ड स्ट्राइक की घटनाओं को रोका जा सके।
दुनिया में बर्ड स्ट्राइक का पहला मामला और इतिहास

दुनिया में बर्ड स्ट्राइक का पहला मामला 1905 में दर्ज किया गया था। इसे राइट ब्रदर्स में से एक, ओरविल राइट ने रिपोर्ट किया था। ओरविल ने बताया कि जब वे मकई के खेत के ऊपर से फ्लाइट उड़ा रहे थे, तब उनका विमान पक्षियों के एक झुंड में फंस गया। इस दौरान एक चिड़िया उनके प्लेन से टकराई।

डॉ. नबील कुत्बी, जो सऊदी अरब की सिविल एविएशन अथॉरिटी के सेफ्टी मैनेजर हैं, ने अपनी रिपोर्ट में 1912 का एक और मामला दर्ज किया। पायलट कार्ल रोजर्स अमेरिका में एक तट से दूसरे तट तक का सफर कर रहे थे। कैलिफोर्निया पहुंचने पर उनका विमान एक सीगल पक्षी से टकरा गया, जिससे विमान क्रैश हो गया और कार्ल की मौत हो गई।

प्रमुख घटनाएं ये हुईं:
  1. 10 मार्च 1960:
    बोस्टन लोगान एयरपोर्ट से उड़ान भरते समय एक विमान पक्षियों के झुंड में फंस गया। टक्कर के कारण प्लेन के चारों इंजन बंद हो गए। विमान क्रैश हो गया, जिससे 62 लोगों की मौत हो गई।
  2. 15 जनवरी 2009:
    अमेरिका की US एयरवेज फ्लाइट 1549 न्यूयॉर्क से उड़ान भर रही थी। उड़ान के दौरान पक्षी विमान के इंजन से टकराया, जिससे इंजन में आग लग गई। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए फ्लाइट को हडसन नदी में सुरक्षित लैंड कराया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
5 साल में भारत में 60% बढ़े ‘बर्ड स्ट्राइक’ के मामले

2018: 712

2019: 560

2020: 658

2021: 786

2022: 1,143

2023: 1,143

सोर्स:
दिसंबर 2023 में राज्यसभा में नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल (रि.) वीके सिंह का जवाब
हर साल कितने बर्ड स्ट्राइक?

एक अनुमान के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 40,000 से अधिक बर्ड स्ट्राइक के मामले दर्ज किए जाते हैं। हालांकि, इनमें से कुछ ही घटनाएं गंभीर होती हैं, लेकिन 2009 की घटना ने बर्ड स्ट्राइक के खतरों की ओर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।

बर्ड स्ट्राइक से जुड़े कुछ प्रमुख तथ्य:

  1. ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के सर्वे:
    • 2016 से 2021 के बीच, 136 देशों में हर दिन औसतन 124 वाइल्डलाइफ स्ट्राइक दर्ज किए गए।
    • कुल मिलाकर, इस अवधि में 2,73,343 मामले सामने आए।
  2. ऑस्ट्रेलिया एविएशन वाइल्डलाइफ हजार्ड ग्रुप:
    • 1988 से अब तक, दुनियाभर में बर्ड स्ट्राइक के कारण 262 लोगों की मौत हो चुकी है।
    • इन घटनाओं में 250 विमानों का नुकसान हुआ है।
  3. वित्तीय नुकसान:
    • हर साल बर्ड स्ट्राइक के कारण एयरलाइंस को 1.2 बिलियन डॉलर से ज्यादा (करीब 10.25 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान होता है।
  4. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA):
    • अमेरिका में हर साल 14,000 से ज्यादा बर्ड स्ट्राइक दर्ज किए जाते हैं।
  5. यूनाइटेड किंगडम (UK):
    • 2022 में, UK की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने 1,500 बर्ड स्ट्राइक की घटनाएं दर्ज कीं।
  6. ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा खतरा:
    • 2020 की एक रिसर्च के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में बर्ड स्ट्राइक की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है।
    • हर 10,000 विमानों में से लगभग 8 विमानों पर पक्षियों के टकराने का असर होता है।

अमेरिका की स्थिति:

  • अमेरिका की हर 100 वाइल्डलाइफ स्ट्राइक में से 4 में प्लेन को नुकसान।

वाइल्डलाइफ स्ट्राइक के मामले:

2018: 16,233

2019: 17,381

2020: 11,666

2021: 15,556

2022: 17,190

प्लेन डैमेज के मामले:

2018: 622

2019: 757

2020: 486

2021: 657

2022: 691

दुनियाभर में बर्ड स्ट्राइक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और एयरलाइंस को आर्थिक नुकसान दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए एयरपोर्ट्स और एविएशन इंडस्ट्री को लगातार बेहतर तकनीक और सावधानियों की आवश्यकता है।

बर्ड स्ट्राइक से बचाव के लिए इन तकनीकों और सावधानियों का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी इन उपायों को लागू कर फ्लाइट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और यात्रियों को जोखिम से बचाती है। हालांकि ‘बर्ड स्ट्राइक’ के जोखिम को कम करने के लिए विमान कंपनियां और एयरपोर्ट्स विशेष सावधानियां बरतते हैं, लेकिन यह जोखिम पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।

साउथ कोरिया का यह हादसा ‘बर्ड स्ट्राइक’ और तकनीकी खामी के खतरों की ओर इशारा करता है। यह घटना विमानन सुरक्षा पर नए सिरे से रिसर्च करने की जरूरत की ओर इशारा करती है।

 

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