ट्रम्प केस: पोर्न स्टार को चुप कराने के मामले में 34 आरोपों में न्यूयॉर्क कोर्ट ने दोषी ठहराया, जानिए पूरी कहानी Read it later

Donald Trump sentenced:अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं, (First president criminal charges) जिन्हें आपराधिक मामलों में सजा सुनाई गई है। न्यूयॉर्क के मैनहट्टन कोर्ट (Manhattan court decision) ने शुक्रवार को ट्रम्प को पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले में जुड़े 34 आरोपों में दोषी ठहराया। हालांकि, अदालत ने उन्हें जेल नहीं भेजा और बिना शर्त बरी कर दिया।

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34 आरोपों में दोषी, लेकिन सजा सांकेतिक

डोनाल्ड ट्रम्प को कोर्ट ने जेल की सजा नहीं दी और न ही उन पर कोई जुर्माना लगाया। जस्टिस जुआन मर्चेन ने अपने फैसले में कहा कि ट्रम्प को बिना शर्त बरी करना ही सही सजा होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि वे अब एक अपराधी साबित हो चुके हैं। ट्रम्प इस सजा के बावजूद 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, लेकिन उनकी छवि को इस घटना से गहरा धक्का लगा है।

सजा की वजह और ट्रम्प की प्रतिक्रिया

फैसले के दौरान जस्टिस जोशुआ स्टीनग्लास ने कहा कि ट्रम्प के कोर्ट पर लगाए गए आरोप न्यायिक व्यवस्था की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रम्प ने अपने किए पर कोई पछतावा नहीं जताया और कोर्ट के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया।

ट्रम्प का बयान:
ट्रम्प ने कोर्ट में अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए कहा:

“मैं निर्दोष हूं। मेरे साथ भेदभाव हुआ है। यह केस मेरे लिए बहुत बुरा अनुभव है।”

क्यों लिया गया यह फैसला शपथ से पहले?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जज जुआन मर्चेन ने कहा कि ट्रम्प को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कानूनी छूट मिल सकती थी। इसलिए कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि 20 जनवरी से पहले ही फैसला सुनाया जाए।

ट्रम्प के लिए चुनाव में चुनौतीपूर्ण स्थिति

डोनाल्ड ट्रम्प ने नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी। लेकिन यह सजा उनके लिए कई चुनौतियां पैदा कर सकती है। हालांकि, ट्रम्प के वकील का दावा है कि यह फैसला उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने के लिए किया गया है।

ट्रम्प का मामला: क्या है पोर्न स्टार को चुप कराने का मामला?

यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनावों से जुड़ा है, जब ट्रम्प पर आरोप लगा कि उन्होंने एक पोर्न स्टार को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। इसे चुनावी फंडिंग के नियमों का उल्लंघन माना गया और इसी आधार पर उनके खिलाफ 34 आरोप तय किए गए।

सजा का अमेरिकी राजनीति पर प्रभाव

डोनाल्ड ट्रम्प को सजा मिलने के बाद अमेरिकी राजनीति में बहस छिड़ गई है। विपक्ष का कहना है कि यह फैसला न्याय का उदाहरण है, जबकि ट्रम्प के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प के केस से जुड़े अहम सवाल और जवाब

Q1: क्या ट्रम्प को जेल भेजा गया है?
नहीं, उन्हें जेल नहीं भेजा गया। कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त बरी कर दिया।

Q2: क्या यह सजा ट्रम्प के राष्ट्रपति पद को प्रभावित करेगी?
सजा का उनके पद पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन उनकी छवि को नुकसान जरूर हुआ है।

Q3: इस केस का मुख्य आरोप क्या था?
2016 में चुनावी फंडिंग का दुरुपयोग और पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का आरोप।

 

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अमेरिकी संविधान और राष्ट्रपति पर आपराधिक मामलों का प्रावधान

अमेरिकी संविधान के आर्टिकल 2, सेक्शन 4 के अनुसार, राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी आपराधिक मामले में सजा से मुक्त रहते हैं। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रपति कानून से ऊपर हैं। संविधान केवल यह कहता है कि उनके पद पर रहते हुए किसी आपराधिक मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

अगर राष्ट्रपति पर किसी आपराधिक गतिविधि का आरोप लगता है, तो उनके खिलाफ महाभियोग (इम्पीचमेंट) की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इम्पीचमेंट के जरिए उन्हें पद से हटाया जा सकता है। पद से हटने के बाद वे सामान्य नागरिक की तरह कानून का सामना कर सकते हैं, जिसमें अभियोजन, सजा और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प पर लगे 34 आरोपों का विवरण

डोनाल्ड ट्रम्प पर मैनहट्टन की अदालत में कुल 34 आरोप लगाए गए थे। ये सभी आरोप 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1 लाख 30 हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए) का भुगतान करने से जुड़े थे।

  • गलत बिजनेस रिकॉर्ड दिखाने का आरोप:
    ट्रम्प ने अपने व्यापार रिकॉर्ड में गलत जानकारी दी। 34 आरोपों में से 11 चेक साइन करने से संबंधित थे। अन्य 11 आरोप उनके वकील माइकल कोहेन द्वारा जमा किए गए झूठे इनवॉइस से जुड़े थे। बाकी 12 आरोप रिकॉर्ड में झूठी जानकारी देने से संबंधित थे।
  • स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप कराने की कोशिश:
    आरोप है कि ट्रम्प के वकील माइकल कोहेन ने ट्रम्प के निर्देश पर अपने पास से स्टॉर्मी को पैसे दिए थे। इसका उद्देश्य यह था कि 2016 के चुनाव से पहले ट्रम्प के साथ उनके कथित अफेयर की बात सार्वजनिक न हो।
  • कोहेन को पैसे लौटाने का मामला:
    राष्ट्रपति बनने के बाद, ट्रम्प ने कोहेन को ये पैसे लौटाए। उन्होंने 10 महीने तक कई चेक के जरिए कोहेन को भुगतान किया। ट्रम्प ने इन भुगतानों को अपने रिकॉर्ड में “लीगल फीस” के रूप में दिखाया। हालांकि, इनका असली उद्देश्य अपराध छिपाना था।
  • चुनाव में फायदा पाने की मंशा:
    दस्तावेजों में बताया गया कि ट्रम्प ने बार-बार न्यूयॉर्क के व्यापार रिकॉर्ड में गलत जानकारी दी। इसका मकसद अपने अपराध को छिपाना और चुनाव में लाभ उठाना था।
  • मैनहट्टन कोर्ट का फैसला:
    5 अप्रैल 2023 को मैनहट्टन कोर्ट में इन आरोपों के आधार पर ट्रम्प पर आरोप तय किए गए।
प्रॉसिक्यूटर एल्विन ब्रैग का ऐतिहासिक कदम (Alvin Bragg prosecutor)

डोनाल्ड ट्रम्प को दोषी ठहराने का श्रेय न्यूयॉर्क के प्रॉसिक्यूटर (सरकारी वकील) एल्विन ब्रैग को दिया जाता है। यह अमेरिकी इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी राष्ट्रपति को आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया।

  • प्रॉसिक्यूटर की भूमिका:
    प्रॉसिक्यूटर सरकारी वकील होते हैं जो सरकार की ओर से केस को पेश करते हैं। उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाएं और अदालत में आरोप तय करें। एल्विन ब्रैग ने इस ऐतिहासिक मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ट्रम्प का बचाव और कोर्ट में उनका बयान

ट्रम्प ने आरोपों को हमेशा खारिज किया। उन्होंने कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को भेदभाव और राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। उन्होंने कहा, “मैं निर्दोष हूं। मेरे साथ भेदभाव किया गया है।”

महाभियोग और सजा की प्रक्रिया

अमेरिकी संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति पर आपराधिक सजा लागू करने का एकमात्र रास्ता महाभियोग है। महाभियोग के बाद उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद ही वे सामान्य नागरिक की तरह किसी कानूनी प्रक्रिया का सामना कर सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प केस के कानूनी और राजनीतिक प्रभाव

इस मामले ने अमेरिकी राजनीति और न्यायिक प्रक्रिया में एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की है। ट्रम्प पर लगे आरोप और उनके खिलाफ हुई कार्रवाई भविष्य में राष्ट्रपति पद की शक्तियों और सीमाओं को लेकर एक नई बहस को जन्म देंगे।

डोनाल्ड ट्रम्प और स्टॉर्मी डेनियल्स केस: अमेरिकी इतिहास का पहला आपराधिक मामला (First US President criminal trial)

जब कोई केस कोर्ट में पहुंचता है, तो प्रॉसिक्यूटर की जिम्मेदारी होती है कि वह यह साबित करे कि अपराध हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प और पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले में न्यूयॉर्क के सरकारी वकील एल्विन ब्रैग के लिए यह मामला उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था। कई लोग इस केस को “जॉम्बी केस” यानी एक ऐसा मामला मान रहे थे, जिसका कोई भविष्य नहीं है।

हालांकि, एल्विन ब्रैग ने केस को अपने दमदार तर्कों और प्रमाणों से एक नतीजे तक पहुंचाया। इससे न केवल अमेरिकी इतिहास में उनका नाम दर्ज हो गया, बल्कि उन्होंने यह दिखा दिया कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह राष्ट्रपति ही क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। ब्रैग ने इस केस के बाद कहा, “मैंने सिर्फ अपना काम किया है।”

Stormy Daniels
Stormy Daniels: REUTERS/Fabrizio Bensch/File Photo
स्टॉर्मी डेनियल्स और ट्रम्प के मामले के 5 प्रमुख तथ्य

1. घटना की शुरुआत 2006 में हुई:
यह मामला 2006 का है, जब डोनाल्ड ट्रम्प एक रियल एस्टेट कारोबारी थे और उनकी पहचान एक सफल व्यवसायी के रूप में थी। उस समय स्टॉर्मी डेनियल्स 27 साल की पोर्न स्टार थीं, (Stormy Daniels full disclosure book) जबकि ट्रम्प 60 साल के थे। उनकी मुलाकात एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान हुई थी।

2. अफेयर का जिक्र स्टॉर्मी की किताब में:
स्टॉर्मी डेनियल्स ने अपनी किताब ‘फुल डिस्क्लोजर’ में इस घटना का विस्तार से जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि यह तब की बात है जब ट्रम्प की तीसरी पत्नी मेलेनिया ट्रम्प ने बेटे बैरन को जन्म दिया था। बैरन के जन्म को सिर्फ चार महीने हुए थे।

3. मुलाकात और अफेयर की शुरुआत:
स्टॉर्मी ने लिखा कि ट्रम्प के बॉडीगार्ड्स ने उन्हें एक पेंटहाउस डिनर पर बुलाया था। इस दौरान उनकी और ट्रम्प की बातचीत हुई और दोनों के बीच संबंध बनने लगे। स्टॉर्मी ने ट्रम्प के शारीरिक विवरण और उनके बीच हुई नजदीकियों का भी अपनी किताब में जिक्र किया।

4. 2016 चुनाव से पहले पैसे देकर चुप कराने का मामला:
आरोप है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रम्प ने स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। ट्रम्प के वकील माइकल कोहेन ने यह स्वीकार किया था कि उन्होंने ट्रम्प की तरफ से स्टॉर्मी को 1 लाख 30 हजार डॉलर (करीब 1 करोड़ 7 लाख रुपए) दिए थे, ताकि वे ट्रम्प के साथ हुए अफेयर की बात सार्वजनिक न करें।

5. वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट और केस का खुलासा:
जनवरी 2018 में वाल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया कि ट्रम्प ने चुनाव के ठीक पहले स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे दिए थे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही ट्रम्प के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया। यह मामला अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहला मामला बना, जिसमें किसी राष्ट्रपति पर आपराधिक मुकदमा चला।

एल्विन ब्रैग: ट्रम्प को दोषी साबित करने वाले प्रॉसिक्यूटर

इस ऐतिहासिक मामले में सरकारी वकील एल्विन ब्रैग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। उन्होंने सटीक तर्कों और साक्ष्यों के दम पर ट्रम्प को दोषी साबित किया। यह मामला अमेरिकी न्याय प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक उदाहरण बन गया है, क्योंकि यह पहली बार हुआ कि एक पूर्व राष्ट्रपति पर आपराधिक मुकदमा चला और उन्हें दोषी ठहराया गया।

मामले का कानूनी और राजनीतिक महत्व

इस केस ने अमेरिकी राजनीति और न्याय प्रणाली में कई सवाल खड़े किए। यह मामला यह दिखाता है कि अमेरिका में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह देश का राष्ट्रपति ही क्यों न हो। यह अमेरिकी संविधान की ताकत और न्याय प्रणाली की निष्पक्षता का प्रतीक है।

ट्रम्प पर लगे आरोप और उनके खिलाफ हुई कार्रवाई अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गए हैं। यह घटना यह भी दिखाती है कि अमेरिकी संविधान किसी को भी कानून से ऊपर नहीं मानता, चाहे वह देश का राष्ट्रपति ही क्यों न हो।

स्टॉर्मी डेनियल्स और डोनाल्ड ट्रम्प का यह मामला न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अमेरिकी राजनीति के लिए भी एक ऐतिहासिक घटना बन गया है। इस मामले ने यह साबित किया कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में कानून का पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

 

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