Photo | Maxim Shemetov / Reuters |
Russia-Ukraine Crisis Live Update दुनिया की शांति छीन कर देश की नजर में खुद को महान बनाने की ललक लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अब अपने सूबे में ही मीडिया को लेकर हिमाकत कर दी है। यही कारण है कि रूसी मीडिया और वहीं के देशवासी अब पुतिन को तानाशाह के तौर पर देख रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार रूसी सरकार के अंडर काम करने वाले मीडिया रेगुलेटरी डिवीजन ने शनिवार दोपहर एक आदेश जारी किया।
इसमें कहा गया है- वर्तमान हालात को लेकर कोई भी मीडिया हाउस युद्ध, हमले या घुसपैठ जैसे शब्दों का इस्तेमाल नही करेगा और यदि इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो इससे जुड़े पत्रकार को सजा भुगतनी होगी। मीडिया हाउस को बंद कर दिया जाएगा। साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जाना तय है।
मीडिया को नहीं था कोई डर
दरअसल, फरवरी के दूसरे हफ्ते से ही पुतिन ने मीडिया पर लगाम कसना शुरू कर दिया था। इसके तहत कुछ एडवाइजरी जारी की जा रही थी। अब युद्ध शुरू हो गया है और रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। पुतिन की समस्या यह है कि देश में कई लोग उनकी सनक और जंगी जुनून का खुलकर विरोध कर रहे हैं। यही कारण है कि वे इन आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। एक वजह ये भी है कि मेनस्ट्रीम मीडिया पुतिन के विरोधियों को खूब कवरेज दे रही है।
Vladimir Putin |
अब आगे क्या?
‘मॉस्को टाइम्स‘ की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक- रूसी सरकार को लगने लगा है कि उसके कदमों का घर में विरोध किया जा रहा है। इसलिए अब इन आवाजों को दफ्न करने की तैयारी की गई है। इसके लिए मीडिया नियामक ने रूसी भाषा में आदेश जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि मीडिया रिपोर्टिंग में हमला, आक्रमण, युद्ध की घोषणा जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। वहीं उल्लंघन करने पर सजा, मीडिया ब्लॉकिंग और जुर्माना लगाया जाएगा। आदेश में कहा गया- कुछ स्वतंत्र मीडिया हाउस गलत खबरें पहुंचा रहे हैं। उन खबरों में दावा किया जा रहा है कि रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर हमला कर दिया है।
यूक्रेन की महिलाएं भी रूसी सेना से मुकाबला करने को तैयार हैं। नीले जैकेट में नजर आ रहीं जेलेनिया प्राइमरी टीचर हैं और अब इनके हाथ में कलम की जगह बंदूक है। |
सोशल मीडिया पर भी रखें पैनी नजर
अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि पुतिन के आदेश पर देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी नजर रख रही है। खासकर उन खातों पर नजर रखी जा रही है जो पुतिन का विरोध कर रहे हैं। दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वालों पर 60 हजार रूबल का जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
मीडिया घरानों से कहा गया है- सिर्फ वही जानकारी लोगों तक पहुंचे जो सरकार की ओर से जारी की जा रही है. इस कदम को उठाने का एक कारण यह है कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया कि यूक्रेन की सेना ने रूस को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाया है और रूसी सैनिकों को लगातार मार दिया जा रहा है।
कीव शहर में रॉकेट हमले के बाद हुए नुकसान को देखता परिवार। (AP photo) |
यूक्रेन का दावा 800 यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को नष्ट किया
इधर यूक्रेन पर अपने हमले के तीसरे दिन, रूस ने दावा किया कि उसने 800 यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया। इनमें 14 सैन्य हवाई क्षेत्र, 19 कमांड पोस्ट, 24 एस-300 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और 48 रडार स्टेशन शामिल हैं। इनके अलावा, यूक्रेनी नौसेना की 8 नौकाओं को भी नष्ट कर दिया गया।
रूसी सेना का मिल रहे मुंह तोड़ जवाब से असैन्य इलाकों को बनाया जा रहा निशाना
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रूसी सेना को यूक्रेन की सेना से मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है और रूसी सेना परेशान हो गई है। खासकर यूक्रेन के उत्तरी इलाके में उनके हौसले पस्त होते जा रहे हैं।
इसलिए अब कीव समेत अन्य शहरों के असैन्य इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है। दरअसल, रूस को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इस स्तर की टक्कर का सामना करना पड़ेगा। इस बीच, जर्मनी ने यूक्रेन को 5000 सेना के हेलमेट भेजे हैं। यूक्रेन की मांग 1 लाख हेलमेट और हेडगियर की थी।
कीव के अलावा रूस के लड़ाकू विमानों ने देश के दो और शहरों पर हमला किया है। यहां आवासीय भवनों पर भी मिसाइलें दागी गई हैं। ये खार्किव और खेरसॉन हैं। यूक्रेन के सैनिक भी यहां मौजूद हैं। गुरुवार को खार्किव में एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराया गया था।
जेलेंस्की ने फिर मांगी मोदी से मदद
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने शनिवार शाम प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी। जेलेंस्की के मुताबिक- मैंने प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगी है। एक लाख रूसी सैनिकों ने हमारे देश पर हमला कर दिया है।
Spoke with 🇮🇳 Prime Minister @narendramodi. Informed of the course of 🇺🇦 repulsing 🇷🇺 aggression. More than 100,000 invaders are on our land. They insidiously fire on residential buildings. Urged 🇮🇳 to give us political support in🇺🇳 Security Council. Stop the aggressor together!
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) February 26, 2022
हमारे घरों और जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। रिहायशी इलाके जल रहे हैं। आप इस कठिन समय में राजनीतिक रूप से और दूसरों की मदद करें। हम चाहते हैं कि आप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन का समर्थन करें। हम सभी को मिलकर इस हमलावर का सामना करना होगा।
फ्रांस ने किया रूसी जहाज पर कब्जा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग की गर्मी दूसरे देशों तक पहुंचने लगी है. सीएनएन के मुताबिक, शनिवार शाम फ्रांसीसी नौसेना ने एक रूसी मालवाहक जहाज को अपने कब्जे में ले लिया। यह जहाज इंग्लिश चैनल में मौजूद था। फ्रांस के इस कदम से रूस नाराज है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस जहाज में काफी महंगी कारें और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं। फ्रांसीसी नौसेना और सीमा शुल्क ने इस जहाज की जांच शुरू कर दी है। फ्रांस में मौजूद रूस के राजदूत ने इमैनुएल मैक्रों सरकार से संपर्क किया है।
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