मृत्यु के बाद भी: ये कम्यूनिस्ट नेता आज भी सजे हैं मकबरों में, 100 साल पुराने इस राजा का लिंग भी संरक्षित‚ जानिए कैसे सहेजे जाते हैं अंग और शव Read it later

मृत्यु के बाद भी मौजूदगी: ये कम्यूनिस्ट नेता आज भी सजे हैं मकबरों में,

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने हाल ही एक शाही फरमान जारी कर अगले 11 दिनों तक देश में किसी तरह का जश्न नहीं मनाने की बात कही है। जानकारी के मुताबि​क किम ने लोगों के हंसने और शराब पीने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। किम जोंग उन ने अपने पिता किम जोंग इल की 10वीं पुण्यतिथि पर यह फरमान जारी किया।

खास बात यह है कि किम जोंग इल उन कम्युनिस्ट नेताओं में से हैं जिनके शवों को आज भी मकबरे में सहेज कर रखा गया है। इसके पीछे की वजह ये है कि मरने के बाद भी, ये लोग अपनी छवि और उपस्थिति को कायम रखना चाहते थे। ऐसे में अगली पीढ़ी ने इनके शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया। इनमें से कई लोगों को आज तक दफनाया नहीं गया है। जानिए उन कम्यूनिसट नेताओं के बारे में जिनकी मृत शरीर को आज भी सहेज कर रखा गया है।

                           सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन

सोवियत संघ के संस्थापक व्लादिमीर लेनिन

रूस के इतिहास में लेनिन एक महत्वपूर्ण शख्स के तौर पर जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में ही 1917 में रूस की क्रांति हुई थी। जिसके बाद रूस के शासक निकोलस ज़ार II को हटाकर बोल्शेविक पार्टी ने सत्ता हासिल की। 1924 में 54 वर्ष की आयु में लेनिन की मृत्यु हो गई। बाद में उनके दिमाग को अलग कर उनके शरीर को सहेज कर रख दिया गया। उनका शरीर आज भी मॉस्को में रेड स्क्वायर पर स्थित लेनिन के मकबरे में देखा जा सकता है।

माओ त्से तुंग, आधुनिक चीन के संस्थापक

माओ त्से तुंग, आधुनिक चीन के संस्थापक

रूस में साम्यवादी शासन के बाद उन्होंने चीन में भी अपनी आइडियोलॉजी का प्रसार करना शुरू कर दिया। यहां रूस के साम्यवादियों ने माओ त्से तुंग के साथ मिलकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई। आधुनिक चीन का श्रेय माओ को ही जाता है। उन्हें सांस्कृतिक क्रांति के नाम पर 7 करोड़ लोगों की मौत का दोषी माना जाता है। साल 1976 में उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर को कंजर्व किया गया। इसे आज भी बीजिंग में माओत्से तुंग के मकबरे में देखा जा सकता है।

उत्तरी वियतनाम के हो ची मिन्ह

उत्तरी वियतनाम के हो ची मिन्ह

उत्तर वियतनामी रेव्यूलुश्नरी पॉलिटीशियन हो ची मिन्ह ने फ्रांसीसी शासन को उखाड़ फेंका। वह दक्षिण वियतनाम के साथ युद्ध में शहीद हुए थे। उनकी इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को जला दिया जाए और राख को देश की चोटियों में बिखेर दिया जाए। हालांकि, उनके शरीर को संरक्षित कर हनोई में रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके शरीर का नष्ट होना शुरू हो गया है।

उत्तर कोरिया के किम इल सुंग, किम जोंग उन के दादा

उत्तर कोरिया के किम इल सुंग, किम जोंग उन के दादा

किम इल सुंग उत्तर कोरिया के पहले शासक थे, जिन्होंने कोरियाई युद्ध का आगाज किया था। 1994 में उनकी मृत्यु हो गई। 10 दिनों के सार्वजनिक शोक के बाद उनके शरीर को संरक्षित किया गया। उनका शव पैलेस ऑफ सन कुमसुसान में बने उनके मकबरे में रखा गया है।

उत्तर कोरिया के तनाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल का शव भी संरक्षित

उत्तर कोरिया के तनाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल का शव भी संरक्षित

किम जोंग इल उत्तर कोरिया के नेता किम इल सुंग के बेटे थे। उन्होंने अपने पिता के क्रूर शासन की विरासत को बरकरार रखा। उन्होंने खुद को मसीहा के तौर पर स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। 2011 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर को भी संरक्षित किया गया है और कुमसुसन मेमोरियल पैलेस में रखा गया है। उनके बेटे का नाम किम जोंग उन है, जो इस समय उत्तर कोरिया के तानाशाह हैं।

शव खराब होने से बचाने के लिए ये किया जाता है

शव रखने का इतिहास बहुत पुराना है। मिस्र में एक खास तरह का लेप लगाकर शवों को ममी के रूप में रखा जाता था। इससे शव जल्दी खराब नहीं हुआ करते थे। 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी विलियम हार्वे ने एक नई विधि के तहत शवों को सहेजना शुरू किया। उन्होंने शव की धमनियों में इंजेक्शन के जरिए एक खास तरह का केमिकल डालना शुरू कर दिया, ताकि लाशें जल्दी खराब न हों. इस पद्धति का उपयोग आज भी किया जा रहा है।

इन हस्तियों के अंग भी आज तक सुरक्षित हैं

  • इटली के फ्लोरेंस शहर में प्रसिद्ध इटली वैज्ञानिक गैलीलियो की एक उंगली और अंगूठा प्रदर्शन के लिए सहेज कर रखा गया है।


  • प्रसिद्ध फ्रांसीसी राजा नेपोलियन बोनापार्ट का लिंग आज भी एक अमेरिकी वैज्ञानिक के पास मौजूद है।


  • 1955 में अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद, उनकी आँखों को निकाल कर न्यूयॉर्क में एक तिजोरी में रख दी गईं।


  • अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग को भी जांच के लिए निकाला गया था, जिस पर कई सालों तक शोध चलता रहा। आज भी उनके दिमाग को संरक्षित कर रखा गया है।

भगवान का दर्जा पाने वाले लोगों के हिस्से होने का भी दावा किया जाता है

खबरों के मुताबिक श्रीलंका के कैंडी शहर के एक मंदिर में आज भी भगवान बुद्ध के दांत होने का दावा किया जाता है। इसी तरह तुर्की के शहर इस्तांबुल में मुहम्मद साह​ब की दाढ़ी रखने का दावा किया जाता है। रोम में सेंट जॉन्स लेटरन बेसिलिका में यीशु मसीह की गर्भनाल को संरक्षित करने के भी दावे किए जाते हैं।

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