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आज 21 जून मंगलवार को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Yoga Diwas On 21 June) मना रही है। इस दिन दुनियाभर में योग से संबंधित विशेष कार्यक्रम किए जा रहे हैं, लोगों को योग के लाभ बताए जा रहे है और योग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ये शाश्वत सत्य है कि जो रोज योग करते हैं, उनकी सेहत हमेशा न सिर्फ अच्छी रहती है बल्कि बीमारियां भी दूर रहती हैं। यदि कोई व्यक्ति रोज सुबह बहुत सभी योगासन नहीं कर सकता है तो उन्हें कम से कम सूर्य नमस्कार तो कर ही लेना चाहिए। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar Benefits) करने से सेहत को चमत्कारिक रूप से बेहतर बनाया जा सकता है।
वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पं. दिनेश पुरोहित के अनुसार सूर्य देव नौ ग्रहों के देवता है और वे पंचदेवों में से एक हैं। हर पूजन कर्म में सूर्य की पूजा विशेष तौर पर करने का विधान है। यही कारण है कि किसी भी व्यक्ति के विवाह का मुहूर्त देखते समय सूर्य की स्थिति खासतौर पर देखी जाती है। सीधे तौर पर सूर्य से ही पूरी सृष्टि संचालित हो रही है। सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा से ये पृथ्वी और यहां रहने वाले सभी प्राणियों का जीवन चलायमान है।
रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देने, सूर्य नमस्कार करने और पूजा करने से सूर्य भगवान की कृपा जातकों को मिलती है और उनका जीवन में सुख, शांति और सफल बना रहता है। बता दें कि सूर्य कि उपासना करने वाले व्यक्ति को भाग्य का साथ तो मिलता ही वहीं सेहत भी अच्छी रहती है।
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आप इस तरह सूर्य नमस्कार को कर सकते हैं (How To Do Surya Namaskar)
- रोज सुबह खाली पेट कम से कम 20 मिनट तक सूर्य नमस्कार करना चाहिए। शुरुआत में ये समय कम ही रखना चाहिए। सुबह नित्यकर्मों करने के बाद किसी खुली जगह पर जमीन पर आसन बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए दोनों हाथों को सीधे ऊपर उठाएं।
- सांस छोड़ते हुए हाथों को जोड़ते हुए सीने के सामने ले आएं और प्रणाम करें। इसके बाद सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर ले जाएं।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और कमर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर नीचे तक झुकाएं। सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को जमीन पर रखेंI (ध्यान ये स्थिति सभी के साथ नहीं बन पाती है, जो लोग जहां तक आगे की झुक पा रहे हैं, वे वहीं तक झुक सकते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास के साथ कुछ दिनों के बाद इस स्थिति को आगे बढ़ाया जा सकता है।)
- इसके बाद सांस लेते हुए सीधे पैर (दायां पैर) पीछे की ओर ले जाएं और बायां पैर दोनों हाथों के बीच में रहने दें। सांस छोड़ें।
- सांस लेते हुए बाएं पैर को भी पीछे की ले जाएं और पूरे शरीर को सीधा कर लें। दोनों पैरों के घुटनों को जमीन पर टिकाएं और सांस छोडेंI इसके बाद अपने हिप्स को पीछे की ओर ऊपर उठाएं और पूरे शरीर को आगे की ओर बढ़ाएं। इस स्थिति में अपनी छाती और ठुड्डी को जमीन से स्पर्श होने दें।
- इसके बाद आगे की ओर छाती को उठाएं, इस स्थिति को भुजंगासन कहते हैं। सांस छोड़ते हुए हिप्स और रीढ़ की हड्डी के निचले भाग को भी ऊपर उठाएं।
- सांस लेते हुए दाएं पैर को दोनों हाथों के बीच ले जाएं और बाएं पैरे के घुटने को जमीन पर स्पर्श करें। सांस छोड़ते हुए बाएं पैर आगे ले जाएं। इस समय हथेलियों को जमीन पर ही टिके रहने दें।
- सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। दोनों हाथों को ऊपर और पीछे की ओर ले जाएं और हिप्स को आगे की ओर करें। सांस छोड़ते हुए शरीर को एकदम सीधा कर लें, फिर हाथों को नीचे ले आएं।
इस तरह सूर्य नमस्कार पूरा होता है। यही विधि बार-बार दोहराई जाती है। जिन लोगों को कमर या शरीर के किसी अन्य भाग से संबंधित दिक्कतें हैं, वे किसी योग शिक्षक से परामर्श के बाद ही सूर्य नमस्कार करें।
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सूर्य नमस्कार से ये लाभ मिल सकते हैं
जो लोग नियमित रूप से रोज सूर्य नमस्कार करते हैं, उनका वजन नियंत्रित रहता है, पाचन स्वस्थ रहता है, त्वचा की चमक बढ़ती है, मन शांत रहता है, नकारात्मक विचार खत्म होते हैं। जब ये सब लाभ मिलते हैं तो व्यक्ति की उम्र भी बढ़ सकती है।
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