Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम ट्रेन हादसे में लोगों की मौत का आंकड़ा 288 पहुंच चुका है , जबकि 100 से ज्यादा यात्री घायल हो गए। कोलकाता-चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और बालासोर जिले के बहानागा बाजार स्टेशन के पास एक मालगाड़ी की टक्कर हो गई।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली एक्सप्रेस बालासोर के पास शाम करीब 7 बजे पटरी से उतर गई. इसके कुछ डिब्बे दूसरे ट्रैक पर पलट गए। पटरी से उतरे डिब्बे शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए, कोरोमंडल ट्रेन के कुछ डिब्बे भी पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बे दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गए। कुछ डिब्बे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए।
#WATCH | Odisha: Rescue operations underway in Balasore after two passenger trains and one goods train met with an accident leaving at least 60 dead and 600 injured pic.twitter.com/mkbdk7j6bY
— ANI (@ANI) June 2, 2023
एनडीआरएफ की टीम मौके पर
(Odisha Train Accident) ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य मंत्री प्रमिला मल्लिक और विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) को तुरंत दुर्घटना स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया। मंत्री और (एसआरसी) मौके पर पहुंच रहे हैं। बालासोर रेलवे स्टेशन (बीएलएस) से एनडीआरएफ की पहली 22 सदस्यीय टीम पहले ही मौके पर पहुंच चुकी है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर दुख जताया है। कहा- बंगाल से यात्रियों को लेकर जा रही शालीमार-कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर के पास मालगाड़ी से टकरा गई। हम ओडिशा सरकार और दक्षिण पूर्व रेलवे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ओडिशा सरकार की मदद के लिए 5-6 सदस्यों की एक टीम मौके पर भेजी जा रही है।
हेल्पलाइन नंबर
हावड़ा: 033-26382217
खड़गपुर: 8972073925, 9332392339
बालासोर: 8249591559, 7978418322
कोलकाता शालीमार: 9903370746
50 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर तैनात हैं
फिलहाल 50 से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर तैनात हैं। (Odisha Train Accident) घायल यात्रियों को बहानगा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मदद के लिए बालासोर और आसपास के अन्य जिलों से भी मेडिकल टीमें भेजी गई हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे पर दुख जताया है. कहा- मैंने अभी ट्रेन हादसे की स्थिति की समीक्षा की। मैं कल सुबह घटनास्थल का दौरा करूंगा।
हादसे को लेकर प्रशासन ने इमरजेंसी कंट्रोल रूम नंबर 6782262286 जारी किया है। इस रूट की 6 ट्रेनें रद्द की गई हैं। कुछ ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है।
Distressed by the train accident in Odisha. In this hour of grief, my thoughts are with the bereaved families. May the injured recover soon. Spoke to Railway Minister @AshwiniVaishnaw and took stock of the situation. Rescue ops are underway at the site of the mishap and all…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 2, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के बालासोर जिले में हुए ट्रेन हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और स्थिति का जायजा लिया।
हादसे के 23 घंटे बाद यानी शनिवार शाम छह बजे तक रेल मंत्री या रेल मंत्रालय ने हादसे के कारणों पर कुछ नहीं कहा। मंत्री से लेकर अधिकारी तक जांच कराने की बात दोहराते रहे। इधर न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सिग्नल फेल होना भी हादसे की वजह हो सकता है।
पहले ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर मिली, फिर टक्कर की सूचना मिली
हादसे (Odisha Train Accident) के एक घंटे बाद बालासोर में रात करीब 8 बजे ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर आई। इसके बाद पता चला कि दूसरी ट्रेन पटरी से उतर गई है। रात करीब 10 बजे पता चला कि दो पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की सूचना थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 को पार कर गया।

मालगाड़ी से टकराई ट्रेन, सामने से आ रही दुरंतो अपनी बोगियों से टकराई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहंगा बाजार स्टेशन के आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस के इंजन ने मालगाड़ी को पलट दिया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरी। (Odisha Train Accident) कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों में टक्कर मार दी।

मौके पर पहुंचे पीएम मोदी, घायलों से भी मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम करीब चार बजे घटनास्थल पर पहुंचे। (Odisha Train Accident) उन्होंने अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हर तरह की जांच के निर्देश दिए गए हैं। हम इस घटना से सबक लेंगे और व्यवस्था को सुधारेंगे। पीएम ने घायलों की मदद करने वालों का शुक्रिया अदा किया।
हादसे से जुड़े अन्य अपडेट जानें…
- हादसे में सुरक्षित बचे 1000 यात्रियों को विश्वेश्वरैया-हावड़ा एक्सप्रेस से हावड़ा भेजा गया।
- बालासोर से आ रही एक विशेष ट्रेन ने 200 यात्रियों को भोजन और राहत सामग्री के साथ भेजा।
- एनडीआरएफ की तीन और फायर सर्विस एंड रेस्क्यू की 20 टीमें मौके पर हैं। इनमें से 1200 बचावकर्ता हैं।
- हादसे के बाद मौके पर 115 एंबुलेंस, 50 बसें और 45 मोबाइल हेल्थ यूनिट को तैनात किया गया है।
- बचाव के लिए एनडीआरएफ और एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टर भेजे। कोलकाता के भुवनेश्वर से भी बचाव दल पहुंचा।
- एंबुलेंस और चिकित्सा सहायता के लिए सेना की पूर्वी कमान से मेडिकल और इंजीनियरिंग कोर को तैनात किया गया था।
- रात भर बालासोर मेडिकल कॉलेज के बाहर 2000 से ज्यादा लोग मौजूद रहे, कई ने रक्तदान किया।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भुवनेश्वर एम्स में बेड, आईसीयू जैसी व्यवस्था करने को कहा।
- ट्रैक बंद होने के कारण 48 ट्रेनों को रद्द, 39 को डायवर्ट और 10 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है।
- गोवा-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस का शनिवार को होने वाला उद्घाटन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
- ओडिशा के मुख्य सचिव ने शनिवार रात 8 बजे कहा- अब तक मरने वालों की संख्या 288 है।

रेल मंत्री, ओडिशा-बंगाल के सीएम बालासोर पहुंचे
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सुबह बालासोर पहुंचे और हादसे (Odisha Train Accident) की जांच के आदेश दिए। उन्होंने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की। राहुल और प्रियंका गांधी ने हादसे पर दुख जताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद करने की अपील की है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर अस्पताल का दौरा किया। (Odisha Train Accident) उन्होंने राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी बालासोर पहुंचीं। उन्होंने प्रभावितों के लिए राज्य सरकार से मुआवजे की घोषणा की। इधर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात की है। राज्य के तीन मंत्री ओडिशा पहुंच चुके हैं।
लाशों के बीच एक बाप अपने बेटे को खोज रहा है 💔 pic.twitter.com/ULg3qVDaa3
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) June 3, 2023
दोनों ट्रेनों के बहनागा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का अंतर था, लेकिन वे एक साथ आ गईं
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से सुबह 7:30 बजे रवाना हुई थी। इसे 2 जून को रात करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटे की देरी से साढ़े छह बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन को 4 घंटे की देरी से 7:52 बजे पहुंचना था।
जबकि ट्रेन संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे रवाना हुई थी. यह 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती है। यह समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंच गया। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को सुबह 7:40 बजे पहुंचना था, लेकिन सुबह करीब 7 बजे बहनागा बाजार स्टेशन के पास दोनों ट्रेनें आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हो गया।
2022 में 77 प्रतिशत रेल हादसों की वजह डिरेल
35 कुल एक्सीडेंट हुए
27 एक्सीडेंट की वजह डिरेल होना
इन एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार…
20 के लिए रेलवे स्टाफ जिम्मेदार
4 अन्य लोगों की वजह से
5 इक्विपमेंट के फेल होने से
3 पेड़ गिरने, लैंड स्लाइड जैसी वजहों से
3 अन्य वजह
Source: Railway Board in RTI
ताजा अपडेट: खड़गपुर रेल मंडल के अधिकारियों द्वारा प्राथमिक जांच में ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे का मुख्य कारण सिग्नल फेल होना बताया जा रहा है। शाम करीब 6.50 बजे 128 किमी/घंटा की रफ्तार से कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की बजाय लूप लाइन में घुस गई (Odisha Train Accident) और वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी पर तो कुछ बगल के ट्रैक पर बिखर गए। इसके बाद शाम करीब सात बजे 116 किमी/घंटा की रफ्तार से बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन पटरी पर बिखरी कोरोमंडल ट्रेन के डिब्बे से टकरा गई.
#WATCH | "It's a painful incident. Govt will leave no stone unturned for the treatment of those injured. It's a serious incident, instructions issued for probe from every angle. Those found guilty will be punished stringently. Railway is working towards track restoration. I met… pic.twitter.com/ZhyjxXrYkw
— ANI (@ANI) June 3, 2023
ओडिशा प्रशासन और स्थानीय लोगों निश्काम स्फूर्ति को पीएम ने सराहा
(Odisha Train Accident) पीएम मोदी ने ओडिशा प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास जो भी संसाधन उपलब्ध थे, उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. संकट की इस घड़ी में लोगों ने रक्तदान, रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद की। खासकर युवाओं ने पूरी रात मदद की। यहां के नागरिकों की मदद से ऑपरेशन तेजी से पूरा हो सका। पीएम मोदी ने घायलों की मदद करने वाले लोगों की तारीफ की।
#WATCH | Odisha: PM Narendra Modi visits a hospital in Balasore to meet the injured victims of #OdishaTrainTragedy. pic.twitter.com/vP5mlj1lEC
— ANI (@ANI) June 3, 2023
‘हम घटना से सीखेंगे और सिस्टम को सुधारेंगे’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि काम तेजी से चल रहा है ताकि ट्रैक (Odisha Train Accident) को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके. मैं आज मौके पर गया और अस्पताल में घायलों से बात की। इस दर्द को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। ईश्वर हमें शक्ति दें। हम घटनाओं से सीखेंगे और सिस्टम को ठीक करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि यह दुखद समय है, हम सभी को मिलकर प्रार्थना करनी चाहिए।
अब जानिए भारतीय रेल के कवच सिस्ट में बारे में
- रेल हादसों को बचाने के लिए भारत ने कवच सिस्टम तैयार किया था।
- कवच टेक्नोलॉजी को देश के तीन वेंडर्स के साथ मिलकर आरडीएसओ (Research Design and Standards Organisation) ने डेवलप किया है।
- यह टेक्नीक एक निश्चित दूरी के अंदर उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन का पता लगाती है। जिसके बाद ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाते हैं। यह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो कम्यूनिकेशन से लैस है।
- कवच को SIL – 4 ग्रेडिंग दी गई है। यह किसी भी सिक्योरिटी सिस्टम का हाईएस्ट लेवल होता है। SPAD टेस्ट में देखा गया कि रेड सिग्नल सामने होने पर कवच इंजन को आगे बढ़ने नहीं दे रहा है।
- कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अप्रूव किया गया है। एलसी गेट्स पास आते ही ड्राइवर के बिना कवच अपने आप सीटी बजाना शुरू कर देती है।
- रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव 2022 में इस सुरक्षा सिस्टम की टेस्टिंग के लिए खुद ट्रेन में सवार हुए थे। टेस्टिंग के दौरान दूसरा इंजन सामने आया और कवच ने इसे रोक दिया।
देश के चार बड़े रेल हादसे
- 6 जून 1981
बिहार में पुल पार करते समय एक पैसेंजर ट्रेन बागमती नदी में गिर गई थी। जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। यह भारत का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है। - 20 अगस्त 1995
फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में | 400 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। - 26 नवंबर 1998
जम्मूतवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई थी, जिसमें 212 लोगों की मौत हो गई थी। - 2 अगस्त 1999
ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। जिसमें 285 से ज्यादा लोग मारे गए थे ।
सोर्स-एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI)
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