Yahya Sinwar Dead: इजराइली प्रधानमंत्री Benjamin Netanyahu और विदेश मंत्री Katz ने हमास के चीफ Yahya Sinwar की मौत की पुष्टि कर दी है। सिनवार वही है जिसने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमले की योजना बनाई थी, बता दें कि हमास चीफ सिनवार Israeli Defense Forces (IDF) के रूटीन ऑपरेशन में मारा गया। जानकारी केअनुसार यह हमला गाजा के सेंट्रल इलाके में किया गया था, हमले में हमास के तीन सदस्यों की मौत की पुष्टि की गई है। इनमें से एक सिनवार भी है। सोशल मीडिया पर सिनवार की मौत की पुष्टि उसके चेहरे, दांत और घड़ी के आधार पर की गई।
Netenyahu now:
I stand before you today to inform you that Yahya Sinwar has been eliminated. pic.twitter.com/jvU9J7Db2J
— Clash Report (@clashreport) October 17, 2024
DNA टेस्ट से हुई सिनवार (Yahya Sinwar) की पहचान
सिनवार (Yahya Sinwar) की पहचान की पुष्टि DNA Test के जरिए की गई। इससे पहले भी इजराइल ने सिनवार को मारने की कई कोशिशें की थीं, लेकिन यह पहली बार था जब उसे सफलता मिली। 23 सितंबर को भी उसकी मौत का दावा किया गया था, लेकिन तब यह गलत साबित हुआ था।
हमास के पूर्व चीफ की भी मौत हो चुकी है
सिनवार से पहले हमास के पूर्व चीफ Ismail Haniyeh की मौत 31 जुलाई को ईरान में हुई थी। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इसकी पुष्टि की थी कि तेहरान में एक मिसाइल हमले में हानियेह मारा गया। इजराइल पर इस हमले के पीछे होने का आरोप लगाया गया था।
इजराइल ने किया हमास की टॉप लीडरशिप का खत्मा
इजराइल पर 7 अक्टूबर के हमले में तीन प्रमुख हमास नेता शामिल थे— इस्माइल हानियेह, मोहम्मद दाइफ और याह्या सिनवार। हानियेह और दाइफ की मौत के बाद, सिनवार हमास का आखिरी प्रमुख नेता था। उसकी मौत के बाद हमास की टॉप लीडरशिप अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है।
सिनवार का इतिहास
Yahya Sinwar, जिसे “खान यूनिस का कसाई” कहा जाता था, यह एक क्रूर अपराधी था। 2015 में उसने हमास के कमांडर Mahmoud Ishtawi को टॉर्चर कर के मार डाला था। इसके अलावा, सिनवार को इजराइल के लिए जासूसी करने के संदेह में एक शख्स को जिंदा दफनाने का आदेश देने के लिए भी जाना जाता था। जिंदा दफ्न करने में खास क्रूरता यह भी थी कि शख्स को उसी के भाई से दफ्न करवाया गया वहीं दफ्न करने के लिए फावड़े का नहीं बल्कि चम्मच का इस्तेमाल करवाया गया।
रिफ्यूजी कैंप में जन्म हुआ और 22 साल जेल में रहा Yahya Sinwar
Yahya Sinwar, का पूरा नाम याह्या इब्राहिम हसन सिनवार था, सिनवार का जन्म गाजा पट्टी के दक्षिणी इलाके में स्थित खान यूनिस के शरणार्थी कैंप में हुआ था। उसके माता-पिता अश्केलॉन के रहने वाले थे, लेकिन 1948 में इजराइल की स्थापना के बाद हजारों फिलिस्तीनियों को उनके घरों से निकाला गया। इसमें याह्या के माता-पिता भी शरणार्थी बनना पड़ा।
1989 में हत्या के आरोप में गिरफ्तार
याह्या सिनवार पर 1989 में दो इजरायली सैनिकों और चार फिलिस्तीनियों का अपहरण और उनकी हत्या का आरोप लगा था। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 19 साल थी। मुकदमे के बाद, सिनवार को चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
2011 में कैदियों की अदला-बदली में मिली रिहाई
2011 में, इजराइली सैनिक गिलाद शालिट के बदले में 1000 से अधिक कैदियों की अदला-बदली की गई, जिसमें Yahya Sinwar को भी रिहा कर दिया गया। तब तक सिनवार ने करीब 22 साल जेल में बिताए थे।
ईरान से करीबी संबंध
सिनवार के Iran के साथ करीबी संबंध थे और वह हमास को ईरान से समर्थन दिलाने में सफल रहा था। 2015 में उसे अमेरिका द्वारा आतंकी घोषित किया गया था।
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