Prostitution Legal Status in India: भारत में वेश्यावृत्ति (Prostitution) स्वयं में अवैध नहीं है। हालांकि, इससे जुड़ी कुछ गतिविधियाँ जैसे वेश्यालय चलाना, सार्वजनिक स्थानों पर ग्राहकों को आकर्षित करना (Solicitation), और वेश्यावृत्ति का प्रचार करना अवैध हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में अपने एक फैसले में वेश्यावृत्ति को एक पेशा माना और सेक्स वर्कर्स को समान कानूनी संरक्षण देने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वयस्क और सहमति से वेश्यावृत्ति करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस को कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सेक्स वर्कर्स के बच्चों को केवल इस आधार पर उनसे अलग नहीं किया जाना चाहिए कि उनकी मां वेश्यावृत्ति में संलग्न हैं।
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य: अमेरिका बनाम भारत
अमेरिका में वेश्यावृत्ति अधिकांश राज्यों में अवैध है, जबकि भारत में यह कानूनी है, बशर्ते कि यह निजी स्थानों में हो और इससे जुड़ी अवैध गतिविधियाँ न हों। यह अंतर दर्शाता है कि विभिन्न देशों में वेश्यावृत्ति के प्रति दृष्टिकोण और कानून कैसे भिन्न हैं।
सेक्स वर्कर्स के अधिकार और सामाजिक स्थिति
हालांकि भारत में वेश्यावृत्ति कानूनी है, लेकिन सेक्स वर्कर्स को सामाजिक कलंक, भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होने का निर्देश दिया है।
सेक्स वर्कर्स डे का महत्व
हर साल 2 जून को इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे मनाया जाता है, जो सेक्स वर्कर्स के अधिकारों और उनके योगदान को मान्यता देने का दिन है। यह दिन 1975 में फ्रांस के ल्योन शहर में सेक्स वर्कर्स द्वारा एक चर्च पर कब्जा करने की घटना की याद में मनाया जाता है।
भारत में वेश्यावृत्ति की कानूनी स्थिति स्पष्ट है, लेकिन इससे जुड़े सामाजिक और कानूनी पेचिदगियाँ अभी भी मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सेक्स वर्कर्स को कानूनी मान्यता और संरक्षण प्रदान किया है, लेकिन उनके अधिकारों की पूर्ण सुरक्षा और सामाजिक स्वीकृति के लिए अभी और प्रयासों की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले तक पुलिस करती थी Prostitute को गिरफ्तार
2022 से पहले, जब भी पुलिस किसी brothel या sex racket पर छापा मारती थी, तो वहां काम कर रही prostitutes को भी हिरासत में लिया जाता था। पुलिस का तर्क होता था कि वेश्यावृत्ति से पहले solicitation यानी ग्राहक को आकर्षित करने की कोशिश जरूर हुई होगी, जो कि कानून के तहत दंडनीय है।
लेकिन Supreme Court of India ने 2022 में एक ऐतिहासिक फैसले में साफ कहा कि केवल अनुमान के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि solicitation हुआ है। यदि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं है, तो sex workers को गिरफ्तार करना गैर-कानूनी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वेश्यावृत्ति भारत में एक वैध profession है और इससे जुड़े लोगों को भी समान कानूनी अधिकार प्राप्त हैं।
Prostitution: समाज में अपराध नहीं, बल्कि सबसे पुराना पेशा
हालांकि आज के समय में वेश्यावृत्ति को अक्सर सामाजिक अपराध या नैतिक पतन का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इतिहास इस धारणा से बिल्कुल अलग है।
Prostitution as a profession का जिक्र दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं जैसे Greek civilization, Mesopotamia, और धार्मिक ग्रंथ Bible तक में मिलता है। प्राचीन समाजों में यह एक मान्य और संरक्षित पेशा था।
इससे यह साफ होता है कि सामाजिक नजरिया समय और सांस्कृतिक बदलावों के साथ बदला है, लेकिन इस पेशे की ऐतिहासिक और सामाजिक जड़ें कहीं गहरी हैं।
अमेरिका में Prostitution की कानूनी स्थिति: सिर्फ नेवाडा में वैध
अमेरिका के 50 में से केवल Nevada ऐसा राज्य है जहां Prostitution Legal है।
बाकी 49 राज्यों में यह पूरी तरह Illegal माना जाता है।
नेवाडा में भी केवल 10 काउंटीज़ में licensed brothels की अनुमति है।
घरों में सीमित रूप से वेश्यावृत्ति को मान्यता दी गई है।
हालांकि, Pornography production और एडल्ट वीडियो की शूटिंग अमेरिका में पूरी तरह लीगल है।
यूरोप में Prostitution को लेकर क्या कहता है कानून?
यूरोप के 44 देशों में से 12 देशों में वेश्यावृत्ति पूरी तरह criminal offense है।
17 देशों में Prostitution वैध है, लेकिन brothel operation करना अपराध माना जाता है।
5 देशों में सेक्स बेचना लीगल है लेकिन buying sex अपराध की श्रेणी में आता है।
Belgium एकमात्र ऐसा देश है जहां वेश्यावृत्ति और इससे जुड़ी सभी गतिविधियां पूरी तरह कानूनी हैं।
हालांकि, Belgium के बीच बसे Luxembourg में वेश्यालय चलाना अभी भी अपराध है।
सुमेरियन सभ्यता में Prostitution का पहला प्रमाण
वेश्यावृत्ति का सबसे पुराना ऐतिहासिक ज़िक्र 4500 साल पुरानी Sumerian Civilization में मिलता है।
उरुक शहर में देवी Inanna के मंदिर में 3 क्लास की वेश्याएं रहती थीं।
First Class Prostitutes केवल मंदिर के भीतर यौन अनुष्ठानों में भाग लेती थीं और उन्हें सामाजिक सम्मान प्राप्त था।
Second Class Prostitutes मंदिर में आए विज़िटर्स को यौन सेवाएं देती थीं।
Third Class Prostitutes मंदिर परिसर के बाहर ग्राहक ढूंढती थीं और ज़मीन पर निवास करती थीं।
न्यूज़ीलैंड: Sex Workers को मिले हैं पूरी तरह लेबर राइट्स
न्यूज़ीलैंड दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां Prostitution पूरी तरह Decriminalized है और इसे अन्य पेशों जैसा ही दर्जा मिला है।
वर्ष 2003 में वहां Prostitution Reform Act पास हुआ था।
इसके तहत Sex Workers को दिए गए हैं सामान्य कामगार जैसे Labor Rights।
इसमें काम के तय घंटे, स्वास्थ्य, सुरक्षा और वर्किंग कंडीशन का पूरा ध्यान रखा जाता है।
Brothel owners के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है और सभी गतिविधियां रेगुलेट की जाती हैं।
यूरोप में Prostitution लीगल, लेकिन कई शर्तों के साथ
17 यूरोपीय देशों में वेश्यावृत्ति को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है, लेकिन Brothel Management प्रतिबंधित है।
5 देशों में सेक्स बेचना तो वैध है, लेकिन खरीदना गैर-कानूनी है।
Belgium ऐसा एकमात्र देश है जहां Prostitution और उससे जुड़ी सभी गतिविधियां वैध हैं।
हालांकि, Belgium के Luxembourg border में वेश्यालय चलाना अभी भी अपराध माना जाता है।
ग्रीस में हाई क्लास वेश्याओं को कहते थे ‘हेटाइरा’
प्राचीन ग्रीस में वेश्यावृत्ति सिर्फ आम चलन ही नहीं थी, बल्कि उसका सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी था।
Hetaira वो वर्ग था जिसे उच्च वर्ग की वेश्याएं माना जाता था।
ये महिलाएं पढ़ी-लिखी और कला में पारंगत होती थीं, और अमीर पुरुषों की पार्टियों में हिस्सा लेती थीं।
Hetaira को समाज में विशेष दर्जा और political influence भी प्राप्त था।
रोम के पोम्पेई शहर की दीवारों पर मिलती हैं वेश्याओं की चित्रकारी
Roman Empire में वेश्यावृत्ति आम बात थी, और इसका प्रमाण पोम्पेई जैसे प्राचीन शहरों के अवशेषों से मिलता है।
पोम्पेई (Pompeii) में खुदाई के दौरान कई wall paintings मिली हैं जिनमें वेश्याओं को यौन क्रियाओं में दर्शाया गया है।
ये चित्र brothels में मौजूद थे, जो उस समय आम और सार्वजनिक स्थानों के रूप में देखे जाते थे।
पोम्पेई के स्नानगृह (हम्माम) की दीवारों पर भी ऐसी पेंटिंग्स मौजूद थीं जो वेश्याओं की गतिविधियों को दर्शाती थीं।
ऋग्वेद में मिलता है वेश्यावृत्ति का सबसे प्राचीन उल्लेख
भारत में वेश्यावृत्ति का सबसे पुराना उल्लेख 3500 साल पहले लिखे गए Rigveda में मिलता है।
इसमें ‘Jatani’ शब्द आता है, जिसका अर्थ है – अविवाहित पुरुष के साथ temporary sexual relation रखने वाली महिला।
Jatani कोई प्रेमिका नहीं, बल्कि prostitute मानी जाती थी जो यौन संबंध के बदले उपहार या धन स्वीकार करती थी।
पाली भाषा में भी ‘Mutt’ शब्द है, जो संस्कृत में ‘मुक्तिका’ बना – यानी अस्थायी यौन संबंध।
4500 सालों में Sex Work की परिभाषा और Industry पूरी तरह बदल चुकी है
प्राचीन काल में वेश्यावृत्ति को अक्सर धार्मिक अनुष्ठानों और परंपराओं से जोड़ा जाता था। लेकिन समय के साथ sex work की परिभाषा, स्वरूप और सामाजिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।
पहले Prostitute को ही पारंपरिक सेक्स वर्कर माना जाता था।
अब आधुनिक दौर में Porn Industry, Strip Clubs, और Cam Girls जैसे प्लेटफॉर्म भी इस पेशे का हिस्सा बन चुके हैं।
‘OnlyFans’ जैसे डिजिटल माध्यमों ने online sex work को एक नया आयाम दिया है।
कई देशों में जहां sex work को कानून द्वारा रेगुलेट किया गया है, वहां इनकी वैधानिक परिभाषा तय करना अब एक ज़रूरी प्रक्रिया बन चुकी है।
इस तरह modern sex industry आज केवल शरीर तक सीमित नहीं रही, बल्कि टेक्नोलॉजी, कंटेंट और प्लेटफॉर्म के ज़रिए नई दिशाएं ले चुकी है।
International Sex Workers Day की शुरुआत कैसे हुई?
यह खास दिन मनाने की शुरुआत 2 जून, 1975 से मानी जाती है। जब फ्रांस के लियोन शहर में सेक्स वर्कर्स ने पहली बार अपने हक़ की आवाज़ बुलंद की थी।
यूरोप में उस समय वेश्यावृत्ति भले लीगल थी, लेकिन सेक्स वर्कर्स के पास कोई legal protection या workers rights नहीं थे।
वे पुलिस और दलालों दोनों के शोषण का शिकार होती थीं।
जब एक के बाद एक तीन वेश्याओं की हत्या हुई, तो पुलिस से बार-बार मदद की अपील के बावजूद कोई राहत नहीं मिली।
इसके बाद करीब 100 सेक्स वर्कर्स ने लियोन के सेन निजीर चर्च पर कब्जा कर लिया और non-violent protest किया।
उनकी मुख्य मांगें थीं:
पुलिस की सख्ती बंद हो,
जेल में बंद सेक्स वर्कर्स को रिहा किया जाए,
वर्किंग कंडीशन्स सुधारी जाएं,
और समाज में उन्हें पहचान मिले।
Sex Workers Protest: जब चर्च बना हक़ की लड़ाई का केंद्र
साल 1975 में फ्रांस के लियोन शहर में हुए Sex Workers Protest ने इतिहास रच दिया था। चर्च के प्रमुख Reverend Antonin Bieil ने न केवल प्रदर्शन कर रहीं वेश्याओं को समर्थन दिया, बल्कि उन्हें चर्च परिसर से हटाने के लिए पुलिस से कोई शिकायत भी नहीं की।
वेश्याएं 8 दिनों तक सेन निजीर चर्च परिसर में रहीं और अपने rights for sex workers की मांग को लेकर धरना देती रहीं।
वे बैनर और नारे लगाकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही थीं।
इस घटना को न सिर्फ फ्रांस, बल्कि पूरे यूरोप की मीडिया ने कवर किया, जिससे इस आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
लियोन के समर्थन में Marseille, Grenoble, और Montpellier जैसे शहरों में भी सेक्स वर्कर्स ने प्रदर्शन किए।
सरकार की कार्रवाई, लेकिन आंदोलन की आग बुझी नहीं
10 जून को फ्रांसीसी सरकार के आदेश पर पुलिस ने चर्च परिसर से sex workers को हटा दिया। हालांकि इस प्रदर्शन का तत्काल कोई कानूनी असर नहीं हुआ — न कोई कानून बदला, न सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया।
लेकिन इस घटना ने पूरे यूरोप की sex workers community को एकजुट कर दिया और इसी आंदोलन की याद में 2 जून को हर साल International Sex Workers Day मनाया जाने लगा।
1976 से यह दिन पूरे यूरोप में मान्यता प्राप्त हो गया।
आज यह दिवस 300 से ज्यादा वैश्विक संगठनों द्वारा अलग-अलग कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों के ज़रिए मनाया जाता है।
मुख्य मांगें आज भी वही हैं — social recognition और decriminalization of sex work।
Sexual Violence: सेक्स वर्कर्स के लिए सबसे बड़ा खतरा
एक global study on sex work के मुताबिक, औसतन 73% सेक्स वर्कर्स अपने जीवन में कभी न कभी sexual violence का शिकार होती हैं।
वे न केवल शोषण और उत्पीड़न झेलती हैं, बल्कि serial killers के लिए भी सबसे आसान शिकार मानी जाती हैं।
कानून की असुरक्षा और सामाजिक बहिष्कार की वजह से वे अपने खिलाफ हुए अपराधों की रिपोर्ट भी नहीं कर पातीं।
आज ‘International Sex Workers Day’ न केवल उनके साहस की याद दिलाता है बल्कि sex workers rights movement को मजबूती देने का प्रतीक भी बन चुका है।
ये भी पढ़ें :
LGBTQIA+ का मतलब क्या है:पहनावे नहीं, सेक्सुशल प्रेफरेंस से पहचाने जाते हैं, जानिए इस समुदाय के बारे में वो सबकुछ जो आपको पता होना चाहिए
Like and follow us on :
|Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin