योगी सरकार 2.0 ने 4 अप्रैल से प्रदेशभर में स्कूल चलो अभियान शुरू किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस अभियान की शुरुआत श्रावस्ती जिले से की थी, जो साक्षरता के सबसे निचले स्तर पर है। इसी बीच बदायूं में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने साक्षरता अभियान को ही ढेंगा दिखा दिया। दरअसल बदायूं (Badaun) की एक 6 साल की बच्ची के आधार कार्ड पर नाम की जगह ‘मधु का पांचवा बच्चा’ लिखा था।
बच्चे के माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसलिए वे इस लापरवही को भांप नहीं सके। मामला तब सामने आया जब वह शनिवार को प्राथमिक विद्यालय में बच्ची का दाखिला कराने गए। यहां शिक्षक ने स्कूल में दाखिले के लिए आधार कार्ड मांगा।
आधार कार्ड पर ‘मधु का पांचवा बच्चा’ लड़की के नाम की जगह लिखा हुआ था। नाम गलत होने के कारण शिक्षक ने प्रवेश देने से मना कर दिया। हालांकि यह गलती बठिंडा डाक विभाग की ओर से की गई, लेकिन बदायूं के डाक विभाग का कहना है कि वे इसे संशोधित कर नया आधार कार्ड जारी कर देंगे।
आधार कार्ड बनाने वाला इतनी जल्दी में था कि बच्चे के मा बाप से नाम तक नहीं पूछ पाया।
🤣🤣🤣 मधु का पांचवां बच्चा@UIDAI @anandmahindra @ripunbora pic.twitter.com/N7819KO10H— Pramod Chaudhary (@ItsP_Facto) April 4, 2022
बठिंडा में रहते हुए पिता ने बनवाया था आधार कार्ड
मूल रूप से तहसील बिलसी क्षेत्र के ग्राम रायपुर माजरा का रहने वाला दिनेश पेशे से मजदूर है। मजदूरी के लिए वह अपने परिवार के साथ दूसरे राज्यों में जाता रहता है। वह तीन साल पहले पंजाब के बठिंडा गया था। वहां उसने पोस्ट ऑफिस में बेटी गुड़िया के आधार कार्ड के लिए आवेदन किया। दिनेश को कुछ दिन बाद वहां के पोस्ट ऑफिस से उसका आधार मिल गया। दिनेश और उसकी पत्नी पढ़े-लिखे नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने आधार को बिना पढ़े ही अपने पास रख लिया। जबकि इसमें बड़ी लापरवाही बरती गई।
स्कूल में गलत नाम के कारण नहीं मिल पाया दाखिला
दिनेश की बेटी गुड़िया अब छह साल की हो गई है। शनिवार को उसकी पत्नी मधु गांव के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे का दाखिला कराने पहुंची। यहां शिक्षिका ने मधु से बच्ची का आधार पूछा तो उसने निकाल कर दे दिया। शिक्षिका ने जैसे ही आधार देखा वह चौंक गई। बाद में, शिक्षक ने प्रवेश देने से इनकार कर दिया और आधार में संशोधन करने का सुझाव दिया।
आधार कार्ड अब सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
स्कूल स्टाफ ने इस आधार कार्ड की फोटो खींची और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। श्रावस्ती डीएम दीपा रंजन ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। लड़की की मां मधु का कहना है कि वह अपनी बेटी को पढ़ाना चाहती है। आधार में कोई खराबी हो तो अधिकारी उसे ठीक करवाएं।
उधर, डाक अधीक्षक मनोज गुप्ता ने कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसी कोई चूक नहीं हुई है। हालांकि, अगर परिवार के सदस्य आधार संशोधन के लिए आते हैं, तो उनके आधार को संशोधित कर दुबारा नया कार्ड दे दिया जाएगा।
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