परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस का लॉन्ग रेंज वर्जन फेल: जानिए क्यों टेकऑफ के तुरंत बाद गिरी दुनिया की फास्टेस मिसाइल Read it later

परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस का लॉन्ग रेंज वर्जन फेल

दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस सोमवार को परीक्षण फायरिंग के दौरान फेल हो गई। बताया जा रहा है कि टेकऑफ के तुरंत बाद ब्रह्मोस जमीन पर गिर गई। 450 किमी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम ब्रह्मोस के अपडेट संस्करण का ओडिशा के तट पर परीक्षण किया जा रहा था।

सूत्रों के मुताबिक मिसाइल के प्रोपल्शन सिस्टम में खराबी के कारण परीक्षण में यह समस्या आई। हालांकि सही जानकारी जांच के बाद ही सामने आएगी। 

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आज सुबह लॉन्च के तुरंत बाद मिसाइल गिर गई।

हालांकि, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम इसकी विफलता के कारणों की जांच कर रही है। 

आपको बता दें कि ब्रह्मोस बेहद विश्वसनीय मिसाइल रहा है। बहुत कम मौके ऐसे होते हैं जब इसका परीक्षण विफल हो गया हो।

पहले ब्रह्मोस की मारक क्षमता 300 किमी से कम थी

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल पहले 300 किमी से नीचे के लक्ष्यों को हिट करने के लिए किया जाता था। 

हाल ही में इसे अपडेट किया गया था और अब यह 450 किमी दूर तक दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम है। स्पीड के मामले में ब्रह्मोस की गिनती दुनिया की गिने-चुने मिसाइलों में होती है। 

इसकी अधिकतम गति 4,300 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है। यह मिसाइल बहुत पोर्टेबल है यानी इसे लॉन्च करना आसान है।

रूस के सहयोग से बनाई मिसाइल

इससे पहले भारत ब्रह्मोस के कई वेरिएंट लॉन्च कर चुका है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने उन्हें भारतीय एजेंसी DRDO और रूस की NPO Mashinostroeyenia (NPOM) के सहयोग से विकसित किया है। 

ब्रह्मोस मिसाइल का नाम दो नदियों, भारत में ब्रह्मपुत्र और रूस में मोस्कवा के नाम पर रखा गया है। ब्रह्मोस का नाम ब्रह्म और मोस दोनों से लिया गया है।

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