India China Tension: चीन ने बॉर्डर पर 15 जगहों के नाम बदले, बोला- यह हमारा राइट, चार साल पहले भी ऐसा ही किया था Read it later

India China Tension : चीन ने चार साल पुरानी हरकत को फिर दोहराया है। इसने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र के 15 स्थानों को चीनी और तिब्बती नाम दिया है। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को इस फैसले को सही ठहराया और कहा- यह हमारी संप्रभुता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है। यह चीन का अधिकार है।

दरअसल, चीन दक्षिणी तिब्बत को अपना इलाका बताता है। (India China Tension) यह आरोप लगाता है कि भारत ने हमारे तिब्बती क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और इसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया। इससे पहले 2017 में चीन ने 6 जगहों के नाम बदले थे।

चीन की चाल: फिर बॉर्डर पर अरुणाचल के नजदीक 15 जगहों के नाम बदले
2017 में चीन ने 6 जगहों के नाम बदले थे।

 

स्टेट काउंसिल ने जारी किए नाम (India China Tension)

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के मुताबिक- गुरुवार को स्टेट काउंसिल ऑफ चाइना ने 15 नामों में बदलाव को मंजूरी दी है। ये सभी क्षेत्र जेंगनेन (चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा) में आते हैं। इनमें से 8 रिहायशी इलाके हैं। चार पहाड़ी क्षेत्र हैं, दो नदियाँ और एक पहाड़ी दर्रा या माउंटेन पास है। इससे पहले 2017 में 6 जगहों के नाम बदले गए थे।

यह चीन का अधिकार है। तिब्बत मामलों के चीनी विशेषज्ञ लियान शियांगमिन ने अखबार को बताया कि ये जगहें सैकड़ों सालों से मौजूद हैं। अब जाकर इसके नाम सही कर दिए गए हैं। इसके जरिए सीमाओं की सुरक्षा को और बेहतर किया जा सकेगा।

 

चीन ने कभी अरुणाचल को नहीं माना भारत का हिस्सा

चीन ने अरुणाचल प्रदेश को कभी भारत का हिस्सा होने की मान्यता नहीं दी। उनका आरोप है कि इस पर भारत का कब्जा है। बीजिंग ने 23 अक्टूबर 2021 को ‘लैंड बॉर्डर लॉ’ नाम के एक कानून को मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि वह इस तरह की हरकत कर सकता है। इस कदम से अब ये सच साबित हुई हैं।

 

चीन ने कभी अरुणाचल को नहीं माना भारत का हिस्सा
2017 में दलाई लामा के अरुणाचल दौरे से चीन भड़क गया था।

 

अप्रैल 2017 में, तिब्बती धार्मिक नेता दलाई लामा ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। इससे नाराज चीन ने कहा था कि दलाई लामा की गतिविधियां भारत द्वारा चीन से किए गए वादों के खिलाफ हैं। चीन जगहों के नाम बदल रहा है, इसलिए उन्हें अपनी भाषा से जोड़ना जरूरी है। अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत है, यह हमारे क्षेत्र में आता है।

 

अक्साई चिन 1962 की लड़ाई में भारत से छीना था

  • 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद है। हालांकि चीन भी अरुणाचल प्रदेश के हिस्से को विवादित मानता है।

 

  • अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1126 किमी लंबी सीमा और 520 किमी लंबी सीमा साझा करता है।

 

  • चीन का दावा है कि अरुणाचल पारंपरिक रूप से दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, जबकि भारत अक्साई चिन क्षेत्र को अपना होने का दावा करता है।

 

  • 1962 के युद्ध में चीन ने अक्साई चिन के इलाके पर कब्जा कर लिया था।

 

क्या वाकई नाम ​बदल दिए गए हैं, असली प्रक्रिया क्या है जानिए

जवाब न है। दरअसल, इसके लिए निश्चित नियम और प्रक्रिया होती है। (India China Tension) यदि कोई देश किसी स्थान का नाम बदलना चाहता है, तो उसे संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक भौगोलिक सूचना प्रबंधन को पहले से सूचित करना होगा। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के भौगोलिक विशेषज्ञ इलाके का दौरा करते हैं। इस दौरान प्रस्तावित नाम की जांच की जाती है। स्थानीय लोगों से बातचीत की जा रही है। यदि तथ्य सत्य हैं, तो नाम के परिवर्तन को मंजूरी दी जाती है और इसे रिकॉर्ड में लिया जाता है।

 

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